निखरेगी चंद्रावती बावड़ी, सुधरेगा हमारा परम्परागत जल स्त्रोत
झालावाड़Published: May 17, 2019 08:50:29 pm
-अमृतं जलम् अभियान का होगा आगाज-श्रमदान की आहूति देने उमड़ेगें शहरवासी
निखरेगी चंद्रावती बावड़ी, सुधरेगा हमारा परम्परागत जल स्त्रोत
निखरेगी चंद्रावती बावड़ी, सुधरेगा हमारा परम्परागत जल स्त्रोत
-अमृतं जलम् अभियान का होगा आगाज
-श्रमदान की आहूति देने उमड़ेगें शहरवासी
झालावाड़. हमारे परम्परागत जल स्त्रोतों की सुध लेकर उनके जल को उपयोग के लायक बनाने जैसे सामाजिक सरोकार के राजस्थान पत्रिका के अमृतं जलम् अभियान का आगाज रविवार सुबह चंद्रावती बावड़ी में श्रमदान की आहूति से होगा। पंचमुखी हनुमानजी के मंदिर के निकट रविवार सुबह शहर की सामाजिक, धार्मिक संस्थाएं श्रमदान कर बावड़ी को निखारने का बीड़ा उठाएगी। इस पुनित काम में शहरवासी भी भागीदारी करने की पहल करेगें। भव्य व विशाल चंद्रावती बावड़ी से पहले आसपास के क्षेत्र में जलापूर्ति भी होती रही है। लेकिन वर्तमान में उचित देखभाल व रखरखाव के अभाव में इसकी दुर्दशा हो रही है। अब इसके संरक्षण के लिए प्रयास किया जाएगा। हालाकि गत तीन साल पहले इसका प्रशासन की ओर से जीर्णोद्वार भी किया गया था।
-यह है इतिहास
इतिहासकार ललित शर्मा ने बताया कि झालावाड़ राज्य के प्रथम महाराजराणा मदनसिंह झाला ने अपनी महारानी चंद्रावती, जिसका पूरा नाम सूरजकंवर चंद्रावत था। इसके नाम से उन्होने सन् 1838-1845 के बीच में इसका निर्माण करवाया था। उस समय इसके आसपास के क्षेत्र में इसी बावड़ी के पेयजल का उपयोग करते थे। धार्मिक कार्यक्रमों में भी इसके जल का उपयोग होता था। यहां से कलश आदि भरे जाते थे। इस भव्य व कलात्मक बावड़ी को बाद में निकट में स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर के कारण पंचमुखी की बावड़ी भी कहा जाने लगा था।
-श्रमदान की आहूति में इनकी भी रहेगी भागीदारी
चंद्रावती बावड़ी के रुप को सुधारने के लिए शहर की विभिन्न संस्थाएं आगे आई है जिसमें गायत्री शक्ति पीठ परिवार, स्काउट गाइड संगठन, लायंस क्लब, रोटरी क्लब, भारत विकास परिषद, चंद्रावती प्रेस क्लब, पर्यटन विकास समिति, गढ़ पार्क सेवा समिति, झालावाड़ विकास मंच, जयराज पार्क सेवा समिति, वरिष्ठ नागरिक समिति, पेशनर्स समाज सहित कई धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं के सदस्य व प्रतिनिधी इस पुनित कार्य में भाग लेगें।
-(पत्रिका संवाददाता जितेंद्र जैकी, झालावाड़)