एसआरजी अस्पताल में आईपीडी ब्लॉक में लगा हुआ फ ायर हाईड्रेंट एवं स्प्रिंगलर सिस्टम पूरी तरह खराब है। यहां ओपीडी ब्लॉक में फ ायर हॉईडेंट ही नहीं है। फ ायर वाटर पंप तीन है। इनमें से दो बंद पड़े हुए है। ऐसे में अगर कहीं आग लग जाएं तो पूरे अस्पताल में प्रेशर से पानी पहुंचाना मुश्किल है। जनरेटर कक्ष, ऑक्सीजन प्लांट, चिलर एसी प्लांट में फायर अलार्म नहीं दिखे। जहां लगे हुए है, वे खराब पड़े है। कई जगह आग बुझाने के यंत्र ऐसी जगह रखे है, जहां आसानी से पहुंचा ही नहीं जा सकता।
गृह मंत्रालय द्वारा चिकित्सा संस्थानों के लिए विशेष दिशा निर्देश जारी किए है। इसमें शॉट सर्किट और अन्य तरह की आग से बचाव के लिए चिकित्सा संस्थानों में पुख्ता व्यवस्थाएं करने लिए कहा गया है। 50 से लेकर 100 बेड तक के संस्थानों में फायर सिस्टम होना जरुरी है, जबकि जनाना अस्पताल में 100 से अधिक बेड हैं।
दो साल से प्रस्ताव ही भेज रहे.
एसआरजी अस्पताल में लंबे समय से खराब पड़े फ ायर फ ाइटिंग सिस्टम को दुरस्त करने के लिए मेडिकल कॉलेज स्तर से प्रस्ताव बनाकर राजमेस को भेज रखें है, लेकिन अभी तक इन प्रस्तावों पर अमल नहीं हुआ।
जनाना अस्पताल में पिछले साल तीसरी मंजिल पर स्थित एनआईसीयू वार्ड में वेंटिलेटर के वार्मर में अचानक आग लग गई थी। इससे वार्ड में चारों तरफ धुआं भर गया था। आग देखकर वार्ड में अफरा तफरी मच गई थी।गनीमत रही कि वहां मौजूद स्टाफ ने सर्तकता दिखाते हुए पलंग के गद्दे तुरंत हटा दिए थे, इससे बड़ा हादसा टल गया था।
” जनाना अस्पताल में में फ ायर फाइटिंग सिस्टम के लिए प्रस्ताव बनाकर भेज रखा हैं। कुछ जगह फ ायर एस्टींग्यूसर लगे हुए है। यदि कम है तो पता करवाकर और लगवा देंगे।