scriptअब ऐसा भी क्या हुआ कि यहां के ग्रामीणा शौचालयों का उपयोग ही नहीं कर रहे | Now what has happened that the villages here are not using toilets onl | Patrika News

अब ऐसा भी क्या हुआ कि यहां के ग्रामीणा शौचालयों का उपयोग ही नहीं कर रहे

locationझालावाड़Published: May 28, 2018 03:57:50 pm

Submitted by:

jagdish paraliya

स्वच्छ भारत मिशन में पानी बड़ी समस्या

अब ऐसा भी क्या हुआ कि यहां के ग्रामीणा शौचालयों का उपयोग ही  नहीं कर रहे

sbm

झालावाड़. स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले के आलाधिकारियों ने वाहवाही लूटने के चक्कर में जिले की १९० ग्राम पंचायतों को पूर्ण रूप से ओडीएफ घोषित कर दिया। ६२ ग्राम पंचायतों का सत्यापन शेष बच रहा वह होने के बाद जिला पूर्ण ओडीएफ हो जाएगा। ऐसे में आंकडों में तो जिला खुले शौच मुक्त हो गया जबकि हकीकत यह है कि अभी भी जिले में ६० फीसदी लोग खुले में शौच जा रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में जाकर जब पत्रिका ने पड़ताल की तो हकीकत सामने आई।
गांवों पानी की किल्लत से परेशान ग्रामीणों ने शौचालयों में कबाड़ भर दिया है। खानपुर ब्लॉक पंचायत समिति को गत वर्ष २ अप्रेल २०१७ को कोटा संभाग की पहली पंचायत समिति की ३८ ग्राम पंचायतों को भी ओडीएफ घोषित कर दिया गया जबकि इस वक्त ग्राम पंचायत मोड़ी भीमसागर, मऊ बोरदा, धानोदा कलां, बाघेर, शिवनगर ढाणी, खंडी समेत अन्य ग्राम पंचायतों में ग्रामीण खुले में शौच जा रहे हैं।
बेसलाइन सर्वे में जिला ओडीएफ
स्वच्छ भारत अभियान के जिला अधिकारियों ने बेसलाइन सर्वे २००२ के अनुसार जिन व्यक्तियों ने शौचालय का निर्माण करवा लिया है, उसी आधार पर जिला ओडीएफ घोषित कर दिया है। जबकि अभी तक गांवों में शौचालयों के कई निर्माण कार्य अधूरे पड़े हुए हैं। कई जगह तो निर्माणाधीन शौचालयों को भी ओडीएफ में लेकर पूर्ण बता अवार्ड हासिल करने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं।
पीने का पानी ही नहीं, शौचालय का कहां से लाएं-
पत्रिका टीम ने बाघेर, भीमसागर, खंडी जोलपा आदि गांवों के ग्रामीणों से शौचालय के उपयोग नहीं करने के बारे में पूछा तो ग्रामीणों ने जवाब दिया कि पीने का पानी ही नहीं मिल रहा तो शौचालय के लिए कहां से पानी लाएं। इस कारण अधिकांश गांवों में ग्रामीण खुले मेें शौच जा रहे हैं।
कमजोर पड़ता अभियान
जागरूकता के अभाव में गांवों में गंदगी फैल रही है। स्वच्छ भारत अभियान में सिर्फ वाह-वाही लूटी जा रही है जबकि हकीकत में गांवों में गंदगी के अम्बार नजर आ रहे हंै। इससे साफ नजर आता है कि जिले के अधिकारियों ने सिर्फ तमगा लेने के लिए ही काम किया है जबकि हालात बदलने के इरादे से कार्य करते तो आज गांवों में गंदगी के अंबार नजर नहीं आते।
भंवरी का पूरा परिवार जाता खुले में शौच
खानपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत बाघेर निवासी भंवरीबाई कहार का पूरा परिवार खुले मेंं शौच जाता है। भंवरीबाई ने बताया कि बीपीएल लाभार्थी हूं लेकिन अभी तक आवास भी नसीब नहीं हुआ है। शौचालय बनाना चाहते हैं, लेकिन पहले आवास मिल तो शौचालय बनाएं। अभी किराए के मकान में रहते हंै। कई बार ग्राम पंचायत को अवगत करवा चुके हंै। कोई स़ुनवाई नहीं हो रही है। जब घर का मकान ही नहीं है तो मजबूरी मेंं खुले में शौच जाते हंै।

इनका अटक गया भुगतान-
शौचालय भी बना लिया अब भुगतान नहीं हो रहा चक्कर काट रहे हैं कोई सुनवाई नहीं हो रही हैं पीने का पानी नहीं मिल रहा।
गीता बाई बैरवा निवासी बाघेर
शौचालय तो बना लिया है अब क्या करें पीने का पानी नसीब नहीं हो रहा शौच के लिए मजबूरी में बाहर जा रहे हैं। रात के समय बहुत परेशानी आती है।
शांतिबाई भील निवासी बाघेर
यह बोले जिम्मेदार-
२०१२ बेसलाइन के आधार पर २ लाख ७० हजार शौचालय बनाने जिनमें २ लाख ५० हजार ४४६ शौचालय बन चुके हैं। बजट का कोई अभाव नहीं है। पैसा उन्हीं लोगों का अटका जिनका बेसलाइन में नाम नहीं है। हमारे पास नई गाइडलाइन आने वाली है अगर उसमें उन लोगों का नाम जुड़ जाता है तो उन्हें भी जल्द भुगतान दिलवाने का प्रयास कर रहे हैं।
मुकेश शर्मा जिला स्वच्छता प्रभारी झालावाड़
मैनें अभी ही ज्वाइन किया है मेरे पास ज्यादा जानकारी नहीं है। ब्लॉक स्वच्छता प्रभारी को भेजकर जांच पड़ताल करवाते हैं।
गौतम गायकवाड़ विकास अधिकारी खानपुर


गंदगी से अटे पड़े, उड़ती स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियां
डग. पंचायती राज में इन दिनों स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियां उड़ती नजर आ रही है। कस्बे में स्थित लुहार मोहल्ले का सार्वजनिक शौचालयों केन्द्र सरकार के स्वच्छ भारत मिशन ड्रीम प्रोजेक्ट को धुन्धला कर रही है वहीं उपयोगकर्ता पर इस गंदगी से संक्रमण का खतरा भी बना रहता है। पंचायत समिति की 32 ग्राम पंचायतों में से लगभग दो दर्जन ग्राम पंचायत ओडीएफ हो चुकी है। बावजूद इसके कई लाभार्थियों को इसका भुगतान नही हो पाया है। जमील खान, नारायण लाल बताया कि उन्होंने शौचालय तो बनवा लिए लेकिन सरकार द्वारा दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि अभी तक नहीं मिली है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो