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ब्याज के चक्कर में पड़े, ढ़ाई करोड़ लेकर संचालक फरार

locationझालावाड़Published: Sep 22, 2019 07:47:17 pm

Submitted by:

harisingh gurjar

-घर के सभी सामान बेचकर चुकाए लोगों के पैसे अब कोटा में नौकरी कर रहा पीडि़त परिवार
– निवेशकों को एक नया पैसा भी नहीं मिला

Operator absconding with two and a half crores of interest

ब्याज के चक्कर में पड़े, ढ़ाई करोड़ लेकर संचालक फरार

झालावाड़.महज पांच साल में ही जिले में कई क्रेडिट को-कॉपरेटिव सोसायटी निवेशकों के करोड़ों रुपए डकार कर संचालक फरार हो गए है। तो कुछ जेल की सलाखों के पीछे भी है, तो कुछ जेल से जमानत पर बाहर आ चुके है, लेकिन निवेशकों को एक नया पैसा भी नहीं मिला। जिले में जिन भवनों में ये सोसायटी चलती थी,वहां अब दूसरे दफ्तर चल रहे है। जानकार बताते है कि निवेशकों को अधिक ब्याज का झांसा देकर सोसायटी के संचालकों ने कुछ ही सालों में करोड़ों रुपए जमा कर लिए। जिले में ऐसी ही एक सोसायटी सहयोग क्रेडिट को-कॉपरेटिव 2011 में बनी थी, सदस्यों ने 2लाख 28 हजार रुपए लगाकर शुरु की थी। लेकिन यह सभी ग्राहकों की मैच्यूरिटी पूरी होती उससे पहले ही भाग गई है। इसके चलते जिले में 2 हजार से अधिक लोगों के 2 करोड़ से अधिक रुपए डूब गए है। लेकिन जिम्मेदार विभाग के तत्कालीन उप-रजिस्ट्रार द्वारा एक भी बार ऑडिट नहीं करवाई गई है। अगर सामय पर ऑडिट कर्रवाई गई होती तो लोगों के करोड़ों रुपए डूबने से बच जाते।
2 करोड़ रुपए थी लोगों की जमा पूंजी-
जिले में सहयोग क्रेडिट को-कॉपरेटिव सोसायटी में जिलेभर में करीब 10 से अधिक ब्रॉच के 2 हजार से अधिक लोगों के करीब 2 करोड़ 72 लाख 36 हजार 612 रुपए जमा थे। लेकिन पीडि़त परिवार अभी तक भी पैसों के लिए चक्कर काट रहे हैं, अभी तक भी किसी को पैसे नहीं दिए गए है।
यहां दर्ज है मामले-
सहयोग क्रेडिट सोसायटी के खिलाफ जिले में खानुपर, सांगोद, रामगंजमंडी, सुनेल के थानों में कई लोगों ने मामले दर्ज करा रखे हैं, लेकिन अभी तक लोगों को न्याय नहीं मिला है।
ये थे संचालक मंडल में-
अध्यक्ष कमलेश शर्मा पत्नी दिनेश शर्मा, उपाध्यक्ष अर्पित पंचोली थे। एक दर्जन सदस्य थे। पीडि़त लोगों का पैसा जमा कराने के बाद प्लाट आदि देने की बात संचालक मंडल ने की है, लेकिन अभी तक कोई राशि नहीं दी गई है।
घर के सामान व ज्वैलरी बेचकर कोटा में कर रहा हूं नौकरी-
जिले के चौमहला निवासी पीडि़त विजय जैन ने बताया कि उसके सहयोग सोसायटी में करीब 14 लाख रुपए लेने है। ये उसने एजेंट के रुपए में लोगों से प्रतिदिन डायरी के माध्यम से सोसायटी में जमा कराए थे। करीब 80 डायरी के माध्यम से प्रतिदिन पैसे जमा कराते थे। इसके बदले उसे मासिक कमीशन मिलता था। लेकिन दिसम्बर 2014-15 में संचालक दिनेश Ÿमा व अन्य ने सोसायटी बंद कर फरार हो गए। कई बार पैसे मांगे लेकिन अभी तक नहीं दिए है। मैंने घर का सारा सामान बेचकर व पत्नी के सारे ज्वेलरी आदि बेचकर लोगों के पैसे दिए है, लेकिन अभी लोगों की उधारी है। लोग पैसे मांग रहे हैं। कहां से देंवे। अभी चौमहला छोड़कर कोटा नौकरी कर रहा हूं, जैसे-जैसे पैसे आ रहे है लोगों के थोड़े-थोड़े कर चुका रहा हूं। पुलिस के भी खूब चक्कर लगाए लेकिन एक पैसा नहीं मिला। जबकि संचालक सभी पैसे वाले थे, चाहते तो थोड़ा-थोड़ा करके दे सकते थे। अब सरकार से एक ही मांग है कि मेरे पैसे मिल जाए ताकी जिन लोगों ने मेरे ऊपर भरोसा करके मेरे माध्यम से पैसा लगाया था उन्हेें पैसा मिल जाए। जेल काटने से लोगों के पैसे थोड़े आ रहे है, सरकार को ऐसी सोसायटी के संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि किसी गरीब की मेहनत का पैसे बेकार नहीं जाएं। संचालकों के पास मकान व आधा प्लांट स्थानों पर प्लाट भी चाहे तो अभी भी इन्हें बेचकर पैसा चुका सकते है, इसकी स्टांप पर लिखकर चुकाने की बात भी हुई थी, लेकिन बाद में ये मुकर गए।
पत्रिका व्यू-
ऐसी क्रेडिट कॉ-ऑपरेटिव सोयासटी के अधिक ब्याज के बहकावे में नहीं आएं। राष्ट्रीय स्तर की बैंकों में ही एफडी करवा सकते हैं। आरडी व छोटी बचत के लिए डाकघर आदि में भी बचत खाते खोलकर मासिक पैसे जमा कराए जा सकते हैं। ताकि मेहनत का पैसा ऐसे दूसरे लोग नहीं ले जाएं। बिना सोचेसमझे किसी भी सोशल मीडिया के संदेश पर विश्वास कर इनवेस्ट नहीं करें।
हर वर्ष ऑडिट करवाने का है नियम-
सहयोग क्रेडिट कॉ-ऑपरेटिव सोयासटी के संचालकों के खिलाफ पांच थानों में मामले दर्ज है। सभी स्थानों से सूचना दे ले रहे है। हर वर्ष ऑडिट करवाने का नियम है, उस क्यों नहीं जांच करेंगे। जो भी कार्रवाई होगी की जाएगी।
शंकर भोले, उप रजिस्ट्रार सहकारी समितियां,झालावाड़
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