नेपाल के लोगों को भाया झालावाड़ी संतरा
स्थानीय संतरा मंडियों से रोजाना करीब 3 हजार ङ्क्षक्वटल संतरा बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, केरल, कर्नाटक, चेन्नई, जम्मू कश्मीर, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार और राज्य के विभिन्न जिलों में भेजा जा रहा है। झालावाड़ के संतरे का स्वाद मीठा होने से नेपाल के लोगों को यह संतरा खूब भा रहा है। जिससे यहां से प्रतिदिन 8 से 10 ट्रक संतरा अकेले नेपाल भेजा जा रहा है।
स्थानीय संतरा मंडियों से रोजाना करीब 3 हजार ङ्क्षक्वटल संतरा बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, केरल, कर्नाटक, चेन्नई, जम्मू कश्मीर, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार और राज्य के विभिन्न जिलों में भेजा जा रहा है। झालावाड़ के संतरे का स्वाद मीठा होने से नेपाल के लोगों को यह संतरा खूब भा रहा है। जिससे यहां से प्रतिदिन 8 से 10 ट्रक संतरा अकेले नेपाल भेजा जा रहा है।
उत्पादन में अव्वल जिले को चाहिए प्रोसेङ्क्षसग यूनिट
जागरूक किसानों ने खेती की आय बढ़ाने के लिए उद्यानिकी के तहत संतरा उत्पादन के लिए कदम बढ़ाए हैं। आज की स्थिति में छोटा नागपुर के नाम से पहचान रखने वाला झालावाड़ जिला आनुपातिक ²ष्टि से संतरा उत्पादन में अव्वल पायदान पर आ खड़ा हुआ है। यहां के रसीले दार, खट्टे मीठे एवं टिकाऊ पोषक तत्वों से भरपूर संतरे की देश विदेश में मांग रहती है, ङ्क्षकतु दुर्भाग्य है कि इस क्षेत्र में इसकी मंडी, कोल्ड स्टोरेज और प्रसंस्करण यूनिट नही है। यहां का संतरा झालावाडी संतरे के नाम से देश विदेश के दूर दराज अंचलों में पहुंचता है।
प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी शासन के समय तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का फोकस उद्यानिकी खेती को बढ़ावा देने का सामने आया था और इसी के तहत जिले में संतरा प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने के प्रयास भी शुरू किए थे, लेकिन सरकार बदलने के साथ ही यह प्रयास ठंडे बस्ते में डाल दिए हैं।
जागरूक किसानों ने खेती की आय बढ़ाने के लिए उद्यानिकी के तहत संतरा उत्पादन के लिए कदम बढ़ाए हैं। आज की स्थिति में छोटा नागपुर के नाम से पहचान रखने वाला झालावाड़ जिला आनुपातिक ²ष्टि से संतरा उत्पादन में अव्वल पायदान पर आ खड़ा हुआ है। यहां के रसीले दार, खट्टे मीठे एवं टिकाऊ पोषक तत्वों से भरपूर संतरे की देश विदेश में मांग रहती है, ङ्क्षकतु दुर्भाग्य है कि इस क्षेत्र में इसकी मंडी, कोल्ड स्टोरेज और प्रसंस्करण यूनिट नही है। यहां का संतरा झालावाडी संतरे के नाम से देश विदेश के दूर दराज अंचलों में पहुंचता है।
प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी शासन के समय तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का फोकस उद्यानिकी खेती को बढ़ावा देने का सामने आया था और इसी के तहत जिले में संतरा प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने के प्रयास भी शुरू किए थे, लेकिन सरकार बदलने के साथ ही यह प्रयास ठंडे बस्ते में डाल दिए हैं।