बालिकाओं को आगे बढऩे का मिलेगा अवसर-
जारी निर्देश में बताया कि यदि किसी भी वर्ग में समान अंक प्राप्त करने वाली एक से अधिक बालिकाएं हो तो सभी को पुरस्कार राशि एवं प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। जानकारों ने बताया कि जिला स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली बालिका को इस पुरस्कार के लिए न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य होगा। इससे प्रदेश की बालिकाओं को आगे बढऩे व पढऩे के अधिक अवसर मिले।
डीईओ को बनाया नोडल-
जिले में पुरस्कार के लिए जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक को नोडल अधिकारी बनाया गया है। नोडल अधिकारी बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम घोषित होने के बाद जिलेवार सभी श्रेणियों की प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं की सूची निदेशक, माध्यमिक शिक्षा को १५ अगस्त तक संपूर्ण जानकारी निदेशालय को भेजनी होगी। इसके बाद निदेशालय बालिका शिक्षा फाउंडेशन के सचिव को देंगे। वहीं किसी भी बालिका के नियमित अध्ययनरत नहीं होने की स्थिति में नहीं दिया जाएगा। यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष १९ नवम्बर को इंदिरा गांधी के जन्मदिवस पर वितरण किया जाएगा। पुरस्कार की राशि बालिका के खाते में जमा कराई जाएगी। योजना के तहत बालिका निजी व सरकार किसी भी स्कूल की हो सकती है।
पद्माक्षी पुरस्कार का नाम अब इन्द्रिरा प्रियदर्शनी पुरस्कार कर दिया है। यह अगले सत्र में १९ नवम्बर को दिया जाएगा। इसका नोडल केन्द्र जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक को बनाया गया है।
ओमप्रकाश चौधरी, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी,झालावाड़