झालावाड़

करोड़ों का प्रीमियम, क्लेम में कई पेच

लुुटता किसान, सरकारी आंकड़ों के दगे से परेशान- जिले में 60-80 फीसदी खराबा फिर भी नहीं हो रहा समय से सर्वे

झालावाड़Sep 20, 2020 / 04:57 pm

harisingh gurjar

करोड़ों का प्रीमियम, क्लेम में कई पेच

एक्सक्लूसिव
झालावाड़. प्रकृति और सरकारों के बाद किसानों को अब बीमा कंपनियां लूटने में लगी है। कोरोना काल में आर्थिक मंदी झेल रहे भूमिपुत्रों को फसल बीमा कंपनी की मनमर्जी भुगतनी पड़ रही है। बीमा कंपनी ने इस बार अधिकृत फसलों के बीमा प्रीमियम की राशि में पिछले वर्ष की तुलना दो गुना तक बढ़ी दी है। जिसका नतीजा यह है कि किसानों की जेब खाली हो गई। वहीं बीमा कंपनी मालामाल हो रही है। जिले के किसानों ने फसल बीमा कंपनी को खरीफ 2020 की फसल के लिए प्रीमियम के रुप में 10 करोड़ से अधिक रूपए जमा करवाए है, लेकिन कंपनी प्रकृति की मार पडऩे पर हाथ पीछे खींच लेती है। पिछले वर्षों की स्थिति पर नजर डाले तो सामने आया है कि किसान से फसल बीमा का प्रीमियम तो वसूला गया है, लेकिन सूख, अतिवृष्टि, रोग और कीट की मार पडऩे पर मुआवजा को आंकड़ों की गणित व कठोर नियमों में उलझा दिया जाता है।
किसानों का दावा स्वीकार कर भी लिया जाता है तो भुगतान में इतनी देरी की जाती है कि किसन पैसों के अभाव में आगे की फसल की उपज भी प्राप्त नहीं कर सकता है। ऐसे में किसान मजबूरी में प्राकृतिक आपदा से बचने के लिए अब फसल बीमा करवाने के बाद स्वयं को ठगा सा महसूस कर करता है। झालावाड़ जिले में सोयाबीन, उड़द, मूंगफली,मक्का आदि फसलों को अधिसूचित कियागया है।
ना शिकायत की, सुनवाई और ना सर्वे-
हर बार खरीफ सीजन में फसलों में खराबा होता है, लेकिन किसानों की गुहार के बावजूद बीमा कंपनी जानबूझकर न तो टोलफ्री नंबर पर शिकायत दर्ज करती है और न ही पीडि़त पूरे किसानों का सर्वे करवाया जाता है।जुटामड़ी निवासी बिरधीचन्द भील व कराडिय़ा निवासी रघुनाथसिंह ने बताया कि नुकसान होने पर हर बार बीमा कंपनी समय पर सूचना नहीं देने का कारण बताकर क्लेम को रिजेक्ट कर देती है। इसके अलावा फसल कटाई प्रयोग रेंडमली होने के कारण कई किसान बीमित होने के बावजूद मुआवजे से वंचित रह जाते हैं। क्योंकि मुआवजे का आधार संबंधित इलाके में हुए प्रयोगों में ही उत्पादन कम होने पर ही दिया जाता है। ऐसे में जिन किसानों की पूरी फसलें खराब हो जाती है, उन्हें भी फायदा नहीं मिल पाता है।

फसले कट रही नहीं हो रहा सर्वे-
किसान जगदीश, प्रेमचन्द, गोविन्द प्रसाद, चन्द्रप्रकाश, धन्नालाल मीणा आदि ने बताया कि फसलों में अचानक कोई रोग लगा और सोयाबीन की सारी फसल सूख गई। अब बीमा कपंनी को भी बता दिया, लेकिन अभी तक कोई सर्वे करने नहीं आया है, ऐसे में अब फसलों की कटाई शुरू हो गई है, एक सप्ताह में पूरी फसल कट जाएगी। मौके पर आकर नहीं देखा तो बाद में क्या दिखाएंगे। ऐसे किसानों के पास कोई पुख्ता सबूत नहीं होने से बीमा क्लेम नहीं मिल पाता है। किसानों को ऑनलाइन शिकायत भी नहीं करना आती है।

पिछले तीन साल में बीमित के आधे किसानों को भी नहीं मिला क्लेम-


-वर्ष 2017 में 170362 किसानो ने बीमा करवाया ,लाभ 38898 को मिला
-वर्ष 2018 में 124244 में से 16818 को लाभ मिला।
– 2019 में 89130 में से 28419 को ही बीमा का लाभ मिला है
– 2019-2020 में 122826 बीमित में से 114455 किसानों का अभी प्रकियाधीन है।

फसल बीमा फैक्ट फाइल-2019-20

जिले में बीमित किसान-122826
किसानों का प्रीमियम-103277937
राज्य सरकार का प्रीमियम-316260816
केन्द्र सरकार का प्रीमियम-316260816


खराफ सीजन का पांच साल की स्थिति-
वर्ष बीमित किसान कुल प्रीमियम बीमा क्लेम लाभान्वित किसान
2017 170362 572366614 197211344 38898
2018 124244 353392849 94490520 16818
2019 89130 471241980 386324885 28419
2020 122826 735799569.00 259.21 114455 प्रकियाधीन

अधिकतम किसानों का हुआ खराबा-
क्रॉप कटिंग के आधार पर अधिकारी सर्वे करने की बात कर रहे हैं, जिले में 80-90 फीसदी खराब हुआ है। पिछले साल अधिक बारिश से हुआ था, लेकिन इस बार फसलों में पीला रोग, कीट की वजह से फलन तो आया था, लेकिन दाना नहीं बन पाया है। फसल अच्छी दिख रही है, लेकिन अधिकतम किसानों के खराबा हुआ है, ऐसी स्थिति में किसानों को क्लेम मिलना चाहिए।
राधेश्याम गुर्जर, जिला महामंत्री, भारतीय किसान संघ, झालावाड़।

किसान टॉल फ्री नंबर पर दें सूचना-
जिसका भी बीमा हो रहा है उन किसानों को क्लेम मिलेगा, अभी उड़द, सोयाबीन, मक्का आदि का पटवार सर्किल पर चार प्रयोग किए जा रहे है, बीमा कंपनी का एक व्यक्ति हर ब्लॉक पर है, उन्हे सूचना दे सकते है, टॉल फ्री नंबर 18001232310 पर किसान अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
कैलाश चन्द मीणा, उप निदेशक, कृषि विस्तार, झालावाड़।

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