देनदारियां उन्होंने डेयरी के अकाउंटेंट से चर्चा करते हुए ज्ञात किया कि स्थानीय दुग्ध समितियों जिनकी देनदारी लगभग तीन करोड़ के आसपास बताई गई एवं बॉयलर की रिपेयरिंग और व्यवस्थित संचालन के लिए लगभग 50 लाख मिले यानी कुल साढ़े तीन करोड़ की वित्तीय सहायता डेयरी को उपलब्ध करवा दिए जाए तो संचालन सुचारू हो सकता है। शेष बकाया जो लोन डेयरी के ऊपर है । उसके लिए डेयरी की वर्तमान स्थिति में परिवर्तन करके उसके हर भाग को एक मॉनिटरिंग कमेटी बनाकर के उस के माध्यम से संचालन करवाया जाए। इसके लिए स्थायी प्रबंध निदेशक लगाना आवश्यक है। डेयरी में निजी दूध कंपनी की गाड़ी कैसे पहुंचीप्रमोद शर्मा जब डेयरी का दौरा कर रहे थे, उस वक्त पाया कि एक निजी दूध उत्पादक कम्पनी की गाडी यहां खड़ी है। इस कम्पनी का झालावाड़ जिले में दूध सप्लाई किया जाता है। यह कम्पनी डेयरी की तर्ज पर दूध पैकिंग कर सप्लाई करती है। सवाल खड़ा हो रहा है डेयरी प्रभारी की मौजूगदी में निजी दूध कम्पनी की गाड़ी यहां कैसे पहुंची। शर्मा ने डेयरी कर्मचारियों पर निजी दूध कम्पनी से मिलीभगत करने का आरोप लगाने हुए जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। हालांकि डेयरी प्रबंधन ने कहा कि बकाया राशि जमा नहीं कराने पर ठेकेदार की जब्त गाड़ी है।[typography_font:18pt;” >झालावाड़. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद शर्मा ने मंगलवार को झालावाड़-बारां जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ ( झालावाड़ डेयरी) प्लांट का दौरा कर कर्मचारियों से वस्तुस्थिति की जानकारी ली। शर्मा ने डेयरी इंचार्ज देवकीनंदन स्वामी के साथ प्लांट की एक-एक मशीन के संचालन के संबंध में जानकारी ली। मशीनों की वर्तमान स्थिति व संचालन की जब जानकारी ली गई तो ध्यान में आया कि बॉयलर के अतिरिक्त सभी मशीनें डेयरी के सुचारू संचालन के लिए पूरी तरह तैयार है।वित्तीय स्वीकृति जारी करवाने का प्रयास करेंगेताकि प्रभावी मॉनिटरिंग हो सके। शर्मा ने कहा कि जल्दी ही वित्तीय स्वीकृति जारी करवाने का प्रयास करेंगे। इसके लिए सरकार से बात करेंगे। शर्मा ने डेयरी मसले पर भाजपा और कांग्रेस के नेताओं की चुप्पी पर फिर सवाल उठाया है।