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पटवारियों के अतिरिक्त हलकों के कार्य बहिष्कार से राजस्व इंतजाम बेपटरी

locationझालावाड़Published: Feb 02, 2018 07:39:52 pm

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पटवारियों के कार्य बहिष्कार के करीब दो सप्ताह बाद लोग अपने काम के लिए भटकते नजर आ रहे हैं

Revenue Deficit Bapatari from Work Exclusion of More Circle Circles

पटवारियों के अतिरिक्त हलकों के कार्य बहिष्कार से राजस्व इंतजाम बेपटरी



झालावाड़. अतिरिक्त कार्यभार के विरोध में सरकार को अपने बस्ते जमा करा चुके पटवारियों की नाराजगी आम लोगों पर भारी पडऩे लगी है। कार्य बहिष्कार के करीब दो सप्ताह बाद लोग अपने काम के लिए भटकते नजर आ रहे हैं। वहीं पटवारियों ने सरकार से आर-पार की लड़ाई करते हुए इनके दस्तावेजों का बस्ता अपनी-अपनी तहसीलों में जमा करवा दिया है। अब ये पटवारी सर्किल भगवान भरोसे है। गांवों में सर्वाधिक विवाद भूमि संबंधी होते हैं। जमीने स्तर की कई रिपोर्ट पटवारियों के जरिये मांगी जाती है। लेकिन पटवारियों के नहीं होने से ग्रामीणों को परेशानी हो रही है।

ये अटके हुए है काम
ग्रामीणों के राजस्व वसूली, सीमाज्ञान, गांव में होने वाली आकस्मिक घटनाओं का लेखा-जोखा, किसी की मौत होने पर उनके वारिसों के नामान्तरण, सभी विभागों की जानकारी देना, बीपीएल सत्यापन जाति व मूल निवास प्रमाण-पत्र, भूमि रहन, जमीन की नकल निकलवाने सहित कई प्रकार के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। ग्रामीण राजेश कुमार ने बताया कि जाति प्रमाण-पत्र पर हस्ताक्षर करवाने थे, लेकिन पटवारी नहीं होने से परेशान हो रहे हैं। छात्रवृत्ति का आवेदन करना है, लेकिन अब क्या करें। बड़बड़ के निर्मल पाटीदार ने बताया कि पटवारियों के काम नहीं करने से लोगों को परेशानी आ रही है। किसानों को नकल आदि नहीं मिल पा रही है, सौलर की सब्सिडी आदि के आवेदन भी नहीं कर पा रहे हैं।

बिना बस्ते के नहीं मिल रही जानकारी
किसी भी पटवारी को पटवार मंडल का रिकॉर्ड अपने पास बस्ते में रखना होता है। अधिकांश पटवारियों के पास पटवार भवन नहीं है। ऐसे में बाइक पर बस्ते में ही रिकॉर्ड रखना होता है। जिले में करीब १८० से अधिक पटवारियों ने बस्ते जमा करवा दिए हैं।
यह है जिले में पटवारियों की स्थिति
झालावाड़ जिले मेें ३२३ पटवार मंडल है। इसमें ३६३ पद स्वीकृत है। इनमें से २१८ पटवारियों के पद रिक्त चल रहे हैं। वहीं प्रदेश में १०१५३ पटवार सर्किल में से ५०८५ के पद रिक्त चल रहे हैं।

यह है पटवारियों की मांगे
पटवार संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि जून में पटवारियों का नौ दिन आंदोलन चला था। इसमें दस मांगें थी, पांच पूरी हो गई। शेष मांगे एक माह में पूरी करनी थी, लेकिन उनका आज तक निस्तारण नहीं हुआ है। पटवारियों की ग्रेड पे ३६०० करने की मांग पूरी नहीं की, वहीं २४०० ग्रेड पे को घटाकर १९०० कर दिया है। इसके अलावा पटवारी भर्ती में योग्यता स्नातक पास करने, पटवारी की पोस्ट घोषित करने, नायब तहसीलदार का पद पटवारी प्रमोशन से भरने सहित अन्य मांगों को पूरा करने की मांग पटवारी कर रहे हैं। पटवारियों का कहना है कि दस साल से पद रिक्तता वैसी की वैसी रहती है। सरकार दो साल पहले की गणना करती है। इसमें पांच वर्ष एक भर्ती को पूरा करने में लग जाते हैं। इस संबंध में झालरापाटन तहसीलदार योगेश अग्रवाल का कहना है कि पटवारियों की मांगों का मामला राज्य स्तर का है। हम हमारे स्तर पर समझाइश कर रहे हैं। पाटन ब्लाक में ३६ हल्कों का काम प्रभावित हो रहा है। लोगों को परेशानी आ रही होगी। लेकिन पटवारियों के मामले में अभी हमारे पास कोई सूचना नहीं है।
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