घाटे की दुहाई-
रोडवेज घाटे की दुहाई दे रहा है, नियमित कर्मचारियों को समय पर वेतन और सेवानिवृत्तों को समय पर पेंशन देने में रोडवेज के पसीने छूट रहे हैं। बसों की स्थिति दयनीय है, एक दर्जन से अधिक बसें ऐसी है, जो अपनी अवधि पार कर चुकी है, इसके बाद भी दौड़ रही है। अवैध वाहनों के साथ ही लोक परिवहन की बसों से रोडवेज को कड़ी चुनौती मिल रही है। कई रूट ऐसे है जिनमें झालावाड़ डिपों की बस बंद हो गई है। इस स्थिति में कर्मचारियों को समय पर भुगतान करने में भी मुश्किल आ रही है। सेवानिवृत कर्मचारी रमेश चन्द शर्मा ने बताया कि उसका ग्रेज्युटी व अन्य फंड आदि मिलाकर करीब 15 लाख रुपए बनता है, लेकन अभी तक नहीं मिला ऐसे में उन्हें आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
रोडवेज घाटे की दुहाई दे रहा है, नियमित कर्मचारियों को समय पर वेतन और सेवानिवृत्तों को समय पर पेंशन देने में रोडवेज के पसीने छूट रहे हैं। बसों की स्थिति दयनीय है, एक दर्जन से अधिक बसें ऐसी है, जो अपनी अवधि पार कर चुकी है, इसके बाद भी दौड़ रही है। अवैध वाहनों के साथ ही लोक परिवहन की बसों से रोडवेज को कड़ी चुनौती मिल रही है। कई रूट ऐसे है जिनमें झालावाड़ डिपों की बस बंद हो गई है। इस स्थिति में कर्मचारियों को समय पर भुगतान करने में भी मुश्किल आ रही है। सेवानिवृत कर्मचारी रमेश चन्द शर्मा ने बताया कि उसका ग्रेज्युटी व अन्य फंड आदि मिलाकर करीब 15 लाख रुपए बनता है, लेकन अभी तक नहीं मिला ऐसे में उन्हें आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जिले में इतना बकाया-
-ग्रेज्युटी- 30554438
-उपार्जित अवकाश-1689068
-5वें एवं छठे परिलाभ- 30,93433
-9,18 व 27 वें संशोधन परिलाभ की राशि- 1796542
-अवर टाइम- 1597077 – कुल 3 करोड़ 87 लाख 30 हजार 558 रूपए बकाया है। प्रदेश में 500 सौ करोड़ बकाया-
प्रदेशभर की बात करें तो सेवानिवृत करीब साढ़े तीन हजार कर्मचारियों को परिलाभ का इंतजार बना हुआ है। सूत्रों की माने तो करीब प्रदेश में करीब 500 सौ करोड़ रुपए बकाया चल रहा है। प्रदेशस्तर पर कर्मचारी संगठन मांग उठाता आया है। फिर भी सरकार किसी तरह का आश्वासन नहीं।
-ग्रेज्युटी- 30554438
-उपार्जित अवकाश-1689068
-5वें एवं छठे परिलाभ- 30,93433
-9,18 व 27 वें संशोधन परिलाभ की राशि- 1796542
-अवर टाइम- 1597077 – कुल 3 करोड़ 87 लाख 30 हजार 558 रूपए बकाया है। प्रदेश में 500 सौ करोड़ बकाया-
प्रदेशभर की बात करें तो सेवानिवृत करीब साढ़े तीन हजार कर्मचारियों को परिलाभ का इंतजार बना हुआ है। सूत्रों की माने तो करीब प्रदेश में करीब 500 सौ करोड़ रुपए बकाया चल रहा है। प्रदेशस्तर पर कर्मचारी संगठन मांग उठाता आया है। फिर भी सरकार किसी तरह का आश्वासन नहीं।
ऐसे बताई पीड़ा-
में पैंशन जुलाई 2018 में हुई थी, लेकिन अभी तक ग्रेज्युटी व अन्य परिलाभ के करीब 14 लाख रुपए बनते हैं।पेनकार्ड, आधार कार्ड आदि दे दिए है। दो-तीन बच्चों की शादी कर दी है, उधारी के पैसे भी देने है। लेकिन अब पैसा मिले तो बच्चों के कोई धंधा खोले।पैसे के चक्कर में मकान का काम भी अधूरा पड़ा हुआ है।
में पैंशन जुलाई 2018 में हुई थी, लेकिन अभी तक ग्रेज्युटी व अन्य परिलाभ के करीब 14 लाख रुपए बनते हैं।पेनकार्ड, आधार कार्ड आदि दे दिए है। दो-तीन बच्चों की शादी कर दी है, उधारी के पैसे भी देने है। लेकिन अब पैसा मिले तो बच्चों के कोई धंधा खोले।पैसे के चक्कर में मकान का काम भी अधूरा पड़ा हुआ है।
रजाउल्ला खां, सेवानिवृत परिचालक, रोडवेज डिपो, झालावाड़ मेरी पेंशन सितम्बर में ही हो गई है। लेकिन अभी तक पेंशन व ग्रेज्युटी आदि का पैसा नहीं मिला है।रोडवेज की तरफ मेरा करीब 8 लाख रुपए बकाया है।ये पैसा मिले तो अब कोई नया धंधा खोले। बच्चों की शादी आदि भी करें।
अय्यूब खां, सेवानिवृत चालक,रोडवेज डिपो,झालावाड़।
अय्यूब खां, सेवानिवृत चालक,रोडवेज डिपो,झालावाड़।
2015 तक का हो चुका है भुगतान-
गे्रज्यूटी व अन्य भुगतान का पैसा 2015 तक हो चुका है,वरिष्ठता के आधार पर जैसे-जैसे पेंशन हो रही है। भुगतान किया जा रहा है। ये निगम स्तर पर ही होता है, हमारे यहां से पेंशन होते ही सभी दस्तावेज मुख्यालय भेज दिए जाते हैं।
अतुल यादव, चीफ मैनेजर, रोडवेज डिपो,झालावाड़।
गे्रज्यूटी व अन्य भुगतान का पैसा 2015 तक हो चुका है,वरिष्ठता के आधार पर जैसे-जैसे पेंशन हो रही है। भुगतान किया जा रहा है। ये निगम स्तर पर ही होता है, हमारे यहां से पेंशन होते ही सभी दस्तावेज मुख्यालय भेज दिए जाते हैं।
अतुल यादव, चीफ मैनेजर, रोडवेज डिपो,झालावाड़।