कृषि मंत्रालय व किसान कल्याण विभाग नई दिल्ली की डिप्टी कमिश्नर कामना आर शर्मा की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, कि पूर्व में जिन किसानों की केसीसी के तहत बैंकों ने ऋण देते समय बीमा राशि वसूल ली, लेकिन बीमा कंपनी में जमा कराने की अवधि समाप्त होने से कई किसान लाभ से वंचित हो रहे थे। तथा कई किसान डिफाल्टर होने से भी योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे थे। अब फसल बीमा योजना से वंचित किसान आगामी 16 सितम्बर तक खरीफ की सभी फसलों का बीमा करा सकेंगे।
जिले में एक लाख से अधिक ने कराया बीमा-
प्रधानमंत्री फल बीमा योजना के तहत बीमा कंपनियों और बैंकों के बीच तालमेल नहीं होने से कंपनी को प्रीमियम तो मिला रहा है। केसीसी खाते से प्रीमियम के नाम पर पैसे काटना और नुकसान होने पर वास्तविक को मुआवजे के दायरे में नहीं मानने और मुआवजे के लिए प्रावधान और सर्वे के लिए टीम के गठन के साथ फ सलों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हो रही है। जबकि जिले में सोयाबीन की ही 2 लाख हैक्टेयर से अधिक में बुवाई होती है, शेष अन्य फसले भी है। जिले में अभी तक एक लाख 2 हजार 4 किसान बीमीत हो चुके है। किसानों के खाते से बीमा प्रीमियम तो गर्मी में ही केसीसी के साथ काट लिया जाता है, लेकिन किसानों का पोर्टल पर ऑनलाइन बीमा अब किया जा रहा है। जिले के किसानों से अब तक 8 करोड़ 88 लाख व राज्य व केन्द्र सरकार के हिस्स से 27.22-27.22 करोड़ रुपए, कुल 63.33 करोड़ दिए जाएंगे। जिले में अभी तक करीब 40 हजार से अधिक किसानों का बीमा होना है। ऐसे में अब तिथि बढ़ाने से इन किसानों को योजना का लाभ मिल सकेगा। जिले में गत वर्ष खरीफ फसलों में नुकसान का मुआवजा करीब 44 करोड़ का मिला था।ऐसे में इस बार जिले में खरीफ फसलों में खराबा ज्यादा हुआ है ऐसे में अब देखना होगा कि बीमा कंपनी किसानों को कितना मुआवजा दे पाती है।
जिले में फसलों में एक माह से लगातार नमी बनी हुई है। ऐसे में कृषि विशेषज्ञ डॉ.अर्जुन कुमार वर्मा का कहना है कि मानसून के लगातार सक्रिय रहने से फसलों में जड़ गलन के साथ कीट प्रकोप की भी संभावना रहती है। अब कुछ दिन तेज धूप निकलना चाहिए, ताकि फसलों का जड़ गलन रोग समाप्त होने के साथ तना मजबूत होगा, किसानों को उत्पादन में फायदा होगा।
जिले में इन दिनों बारिश का दौर थमने के बाद उमस का जोर बढ़ जाता है, यह भी फसलों के लिए मुफीद नहीं है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि उमस से कीट प्रकोप बढ़ेगा। वर्तमान में फसलों में फलियों में दाना बनने का दौर चल रहा है। ऐसे में कीट नुकसान पहुंचा सकते हैं।
जिले में राजस्व विभाग व कृषि विभाग द्वारा किए गए सर्वे के आधार पर किसानों के खेतों में फसल खराबे का सर्वे करवाया जा रहा है। सर्वे पूरा होने के बाद तीनों विभागों की रिपोर्ट बनाकर आगे भेजेंगे।
जुगल किशोर मीणा, जिला समन्वयक, एग्रीकल्चर बीमा, कंपनी, झालावाड़।