पंचायत सहायकों का एक साल का समय बढ़ाने के संबंध में शासन सचिव आशुतोष एटी ने ६ सितम्बर को निर्देश जारी किए थे। जिसमें राज्य वित्त आयोग की २०१९-२० की सिफारिशों के अनुसार २०० करोड़ का भुगतान पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से किए जाने की सहमति दी गई है।
इधर, उच्चाधिकारियों के आदेशों का हवाला देकर जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक पुरूषोत्तम शर्मा ने सभी पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों को पंचायत सहायकों का कार्य संतोषजनक होने पर मासिक उपस्थिति का प्रमाणीकरण करने निर्देश दिए है। ऐसे में कई पीईईओ ने उपस्थिति बनाकर दे दी है, लेकिन पंचायत सहायकों का कार्यकाल बढ़ाने की स्पष्ट तिथि नहीं होने से कब से कार्यकाल बढ़ा हुआ माना जाएं ये परेशानी ग्राम विकास अधिकारी के सामने आ रही है। इसके चलते वह मानदेय संदाय नहीं कर पा रहे हैं। इसकी परेशानी पंचायत सहायकों को उठानी पड़ रही है।
जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनबाड़ी की आठ परियोजनाओं की कई कार्यकर्ताओं को दो माह से मानदेय नहीं मिला है। ऐसे में कई कार्यकर्ताओं ने बताया कि त्योहार सिर पर है, ऐसे में वेतन नहीं मिला तो दिवाली कैसे मनाएंगे। पोषाहार भी स्वयं के पैसे खर्च कर बनवाना पड़ रहा है। कई परियोजनाओं में 3 से 6 माह का भुगतान अटका हुआ है।
980 पंचायत सहायकों को छह माह से नहीं मिला
महिला एवं बाल विकास विभाग में 750 कर्मचारियों को दो से तीन माह से नहीं मिल रहा वेतन
नगर परिषद में करीब 300 कर्मचारियों को दो से तीन माह से नहीं मिल रहा वेतन
जिले में सैटेलाइट होस्पिटल व एसआरजी चिकित्सालय के नर्सिंगकर्मी सहित करीब 200 कर्मचारियों को डेढ़ माह से वेतन नहीं मिल रहा।
देवेन्द्र नागर, जिलाध्यक्ष, पंचायती सहायक शिक्षक संघ, झालावाड़
राजेन्द्र प्रसाद चतुर्वेदी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद