scriptसाहब मुझे हल्का सा बुखार था, ऐसी कौनसी जांच कर रहे दो दिन मेें भी जांच नहीं आई | Sir, I was having a mild fever, what kind of investigation is not done | Patrika News

साहब मुझे हल्का सा बुखार था, ऐसी कौनसी जांच कर रहे दो दिन मेें भी जांच नहीं आई

locationझालावाड़Published: May 13, 2020 07:46:06 pm

Submitted by:

harisingh gurjar

-मेडिकल कॉलेज की लापरवाही एक नाम के दो व्यक्ति होने से नहीं लगाया टेस्ट
– मरीज बोला साहब मुझे कोरोना तो नहीं था, लेकिन यहां के हालात देखकर मन में डर पैदा हो गया

Sir, I was having a mild fever, what kind of investigation is not done

साहब मुझे हल्का सा बुखार था, ऐसी कौनसी जांच कर रहे दो दिन मेें भी जांच नहीं आई

झालावाड़.मेडिकल कॉलेज झालावाड़ में कोरोना की जांच ेके लिए शहरवासी व मरीज दोनों टकटकी लगाए रहते हैं, लेकिन जांच देर रात को ही आती है। लेकिन मंगलवार को तो एक मरीज की दो दिन में भी जांच नहीं आई। मेडिकल कॉलेज व लैब के कर्मचारियों ने सैंपल लेने के बाद भी मरीज का सैंपल नहीं लगाया है। इसमें पूर्व में वैभव नाम के स्टाफ की जांच पूर्व में होने से स्टाफ ने टेस्ट को हटा दिया कि इसकी तो जांच पहले ही हो गई। जबकि जांच कर्ताओं को ये देखना चाहिए था कि क्या मरीज के पिता का नाम, उम्र, पता सब वो ही है, लेकिन इन सबकी पुष्टि किए बिना ही मरीज का सैंपल हटा दिया। ऐसे में मरीज वैभव जोशी निवासी इन्द्रा कॉलोनी झालावाड़ को सैंपल लेने के बाद 7 घंटे की बजाए दूसरे दिन जांच आने तक डिस्चार्ज नहीं किया।
हल्का सा बुखार था एसआरजी में आया था यहीं फंस गया-
झालावाड़ के इन्द्रा कॉलोनी निवासी वैभव जोशी ने बताया कि हल्का सा बुखार था, तीन दिन हो गए नहीं उतरा तो स्वयं जांच के लिए सोमवार सुबह 9.30 बजे एसआरजी चिकित्सालय आया तो यहां कोरोना सैंपल ले लिया, लेकिन मंगलवार शाम तक भी डिस्चार्ज नहीं किया है। यहां क्वारंटाइन कर दिया लेकिन यहां की अव्यवस्था देखकर में पहले से ज्यादा बीमार हो महसूस कर रहा हूं। यहां आइसोलेशन वार्ड में कोई सफाई नहीं है,ऐसे में अगर कोई संक्रमित नहीं होगा तो वह भी संक्रमित हो जाएगा। ऐसे आइसोलेशन वार्ड का क्या मलबत।
टंकियों मेें पानी नहीं-
मरीज जोशी ने बताया कि आइसोलेशन वार्ड में 7 मरीज थे,चार की छुट्टी कर दी गई है। मंगलवार सुबह 10बजे के लिए बोला था शाम हो गई अभी तक भी छुट्टी नहीं हुई है। सरकार बोल रही है कि हल्के लक्षण वाले लोगों को होम क्वारंटाइन करों यहां दो दिन से आइसोलेशन में बंद कर रखा है। टंकियों में पानी नहीं है सुबह से फे्रेश भी नहीं हो सका हूं। सभी मरीजों को एक ही जगह रख रखा है ऐसे में अगर कोई पॉजिटिव आ जाता है तो दूसरों को भी वैसे ही संक्रमण हो जाएगा।हाथ धोने का साबुन भी नहीं है। भवन नया है लेकिन सुविधा कुछ नहीं है। ऐसे में संक्रमण कैसे रूकेगा।
ऐसे हुई गफलत-
मरीज ने बताया कि पहले मेडिकल स्टाफ में किसी वैभव जोशी नाम के व्यक्ति की जांच हुई थी वो नेगेटिव आ गई। तो उसे ही समझकर मेरा टेस्ट नहीं लगाया नाम सेम था, लेकिन उसकी उम्र 32 साल थी, मेरी 27 साल है पिता का नाम अलग है। अगर मेडिकल कॉलेज वाले मरीज के सैंपल में इतनी बड़ी लापरवाही कैसे कर सकते है। मैंने संपर्क पोर्टल पर, कोविड कंट्रोल रूम पर सभी जगह शिकायत कर दी है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। बाहर जांच नहीं हो रही नहीं तो मैं तो 4500 रूपए देकर बाहर करवा लेता। इतना परेशान हो गया यहां आकर।
अधीक्षक ने बदली ड्यूटी-
एसआरजी चिकित्सालय में 50 सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी, लेकिन कर्मचारियों के अधीक्षक डॉ.राजेन्द्र गुप्ता को ज्ञापन देने के बाद उनकी ड्यूटी बदल कर, सभी प्लेसमेंट कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई । ऐसे में चिकित्सालय में काफी अव्यवस्था हुई है। पहले जिनकी ड््यूटी लगाई गई थी, उनके पास बन गए थे, जिनकी ड्यूटी बाद में लगाई उनके पास नहीं होने से उन्हें जीरो मोबिलिटी घोषित एसआरजी चिकित्सालय आने में परेशानी हो रही है। ऐसे में रातभर अव्यवस्था का आलम रहा। ऐसे में अधीक्षक बार-बार ड्यूटी चार्ज बदलते रहेंगे तो मरीजों को सुलभ इलाज कैसे मिलेगा।

ड्यूटी देखकर लगाने के लिए कहा –
कुछ लोगों में असंतोष था, नर्सिंग अधीक्षक को ड्यूटी देखकर लगाने के लिए कहा है। मैं भी रिव्यू कर रहा हूं जिसकी एक बार भी नहीं लगी उनकी ड्यूटी लगाई जाएगी। वैभव जोशी की रिपोर्ट आ गई है नेगेटिव आई है उसे ड्स्चिार्ज कर रहे हैं। आइसोलेशन वार्ड में गंदगी व टंकियों में पानी आदि के लिए इंचार्ज को बोल दिया है, सभी मरीज को असुविधा नहीं होनी चाहिए। जोशी की रिपोर्ट एक नाम के चक्कर में नहीं लगाई गई तो गंभीर विषय है माइक्रोबॉयोलोजी विभाग से पता करते हैं क्या कारण रहे हैं।
डॉ.राजेन्द्र गुप्ता , अधीक्षक,एसआरजी चिकित्सालय, झालावाड़।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो