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परीक्षा कक्ष के शांत माहौल के अभ्यास में जुटा पुस्तकालय का स्टेड़ी हॉल

locationझालावाड़Published: Sep 09, 2019 09:55:47 am

Submitted by:

jitendra jakiy

-एक्जाम फोबिया को दूर करने का प्रयास-नवाचार के लिए तैयार हो रही ई-लाईब्रेरी

Stedi Hall of the library gathered in the practice of the quiet atmosp

परीक्षा कक्ष के शांत माहौल के अभ्यास में जुटा पुस्तकालय का स्टेड़ी हॉल

परीक्षा कक्ष के शांत माहौल के अभ्यास में जुटा पुस्तकालय का स्टेड़ी हॉल
-एक्जाम फोबिया को दूर करने का प्रयास
-नवाचार के लिए तैयार हो रही ई-लाईब्रेरी
-जितेंद्र जैकी-
झालावाड़. राजकीय हरिशचंद्र सार्वजनिक जिला पुस्तकालय में इन दिनो विभिन्न कॉलेजो व स्कूलों के विद्यार्थी एक्जाम फोबिया मिटाने के लिए परीक्षा कक्ष के शंात माहौल का अभ्यास कर अध्ययन कर रहे है। इसके लिए पुस्तकालय के हॉल में कुर्सी टेबल लगा कर बिलकुल परीक्षा हॉल का रूप देकर विद्यार्थी को अध्ययन के लिए उचित माहौल उपलब्ध करवाया जा रहा है। इस हॉल में नियमित रुप से सुबह 11 से शाम 7 बजे तक करीब डेढ़ सौ से अधिक विद्यार्थी विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते जाते रहते है। झालावाड़ में स्थित रियासतकालीन पुस्तकालय को भाषा पुस्तकालय विभाग राजस्थान सरकार की ओर से राजाराम मोहन राय पुस्तकालय प्रतिष्ठान कोलकाता के सहयोग से आधुनिक सुविधायुक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
-कई महाविद्यालयों के नियमित विद्यार्थी आते है
पुस्तकालय में मेडिकल कॉलेज, हार्डिकल्चर कॉलेज, राजकीय महाविद्यालय, पेालोटेक्नीक कॉलेज व विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों के अलावा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगे विद्यार्थी यहां आकर अध्ययन करते है। संयुक्त परिवार में पढ़ाई का माहौल नही बनना, फर्निचर का अभाव, विपरीत माहौल के कारण व्यवधान आदि से पीडि़त विद्यार्थियों को यहां शांत वातावरण में पढ़ाई करने का समय मिल जाता है। पुस्तकालय में सीसीवीटी कैमरे भी लगे है इससे विद्यार्थियों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जाती है। अनुशासन हीनता होते ही तुरंत कार्रवाई कर दी जाती है।
-बीस सालों में निरंतर बदला स्वरुप
राजकीय हरिशचंद्र पुस्कालय में पहले ऊपरी मंजिल पर मात्र एक बड़ी टेबल थी जिसके आसपास करीब करीब एक दर्जन पाठक बैठ सकते थे। कुल दो कक्ष थे जिसमें करीब ढाई दर्जन पाठक ही एक साथ बैठ सकते थे। गत बीस सालों से निरंतर पुस्कालय का स्वरुप बदला व अब नीचे की मंजिल पर शानदार दो बड़े हॉल, वाचनालय, अलग अलग वर्गीकृत पुस्तकों की अलमारियां, वरिष्ठ नागरिक के लिए अलग से वाचनालय, वाटर कूलर व जनसुविधाएं उपलब्ध कराई गई।
-47 हजार पुस्तकों का संग्रह, 231 सदस्य पाठक
पुस्कालय अध्यक्ष कैलाश राव ने बताया कि पुस्तकालय में 46 हजार 900 से अधिक पुस्तकों का संग्रह है। इसमें 3 हजार दुलर्भ साहित्य जिसमें भागवत गीता, वंश भास्कर, शेक्सपीयर के नाटक, हिंदी साहित्य के प्रख्यात लेखकों की पुस्तके हिंदी व उर्दू में उपलब्ध है। वर्तमान में 1 अप्रेल से 4 सितम्बर तक वार्षिक कार्डधारी 170 सदस्य पाठक व 61 आजीवन सदस्य है। पुस्तकालय में चिल्डन कार्नर भी बनाया है। इसमें बच्चों के लिए करीब 7 हजार विभिन्न बाल साहित्य उपलब्ध है।
-ई-लाईब्रेरी का तैयारी
राजकीय हरिशचंद्र पुस्तकालय में इन दिनो ई-लाईब्रेरी संचालित करने की तैयारी चल रही है । इसके लिए कम्प्यूटर पर पुस्तकों का डाटा फीड कर दिया गया है शीघ्र ही विभाग की ओर से सॉफ्टवेयर जारी होने के बाद एक ही क्लिक पर मनपंसद पुस्तके पढऩें को मिल सकेगी।

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