ऐसे होते है इस बीमारी के लक्षण-
डॉ. अंसारी ने बताया कि इस बीमारी की चपेट में आने वाले लोग सबसे अलग रहने लगते हैं, मरीज को डर लगना, गुस्सा आना, बिना वजह शक करना, कई मरीजों में गुमसुम रहना, नहाना धोना छोडऩा, अपने आप को अलग कमरे में बंद कर लेना। लोग इस बीमारी को बीमारी नहीं मानते हैं, हवा का असर का समझते हंै और झांड-फूंक में लगे रहते हैं। जबकि इसका इलाज संभव है। ऐसे में समय से समुचित इलाज बेहद जरूरी है। बीमारी का कारण आनुवांशिक, तनाव, पारिवारिक झगड़े व नशे की लत होती है। हालांकि समय से इलाज शुरू होने पर छह-सात माह में मरीज पूरी तरह ठीक हो सकता है।
डॉ. अंसारी ने बताया कि इस बीमारी की चपेट में आने वाले लोग सबसे अलग रहने लगते हैं, मरीज को डर लगना, गुस्सा आना, बिना वजह शक करना, कई मरीजों में गुमसुम रहना, नहाना धोना छोडऩा, अपने आप को अलग कमरे में बंद कर लेना। लोग इस बीमारी को बीमारी नहीं मानते हैं, हवा का असर का समझते हंै और झांड-फूंक में लगे रहते हैं। जबकि इसका इलाज संभव है। ऐसे में समय से समुचित इलाज बेहद जरूरी है। बीमारी का कारण आनुवांशिक, तनाव, पारिवारिक झगड़े व नशे की लत होती है। हालांकि समय से इलाज शुरू होने पर छह-सात माह में मरीज पूरी तरह ठीक हो सकता है।
बड़ी बीमारियों में शामिल-
चिकित्सकों ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्क्रिजोफ्रेनिया को युवाओं की सबसे बड़ी क्षमतानाशक बीमारी घोषित किया है। विश्व की 10 सबसे बड़ी अक्षम बनाने वाली बीमारियों में शामिल स्क्रिजोफ्रेनिया की चपेट में आने पर रोगी के साथ ही परिजनों की दिक्कत भी बढ़ जाती है।
चिकित्सकों ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्क्रिजोफ्रेनिया को युवाओं की सबसे बड़ी क्षमतानाशक बीमारी घोषित किया है। विश्व की 10 सबसे बड़ी अक्षम बनाने वाली बीमारियों में शामिल स्क्रिजोफ्रेनिया की चपेट में आने पर रोगी के साथ ही परिजनों की दिक्कत भी बढ़ जाती है।
जागरुक करेंगे-
स्क्रिजोफ्रेनिया बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रति वर्ष २४ मई को स्क्रिजोफ्रेनिया दिवस मनाया जाता है। एसआरजी चिकित्सालय में सुबह १०बजे मनोरोग विभाग में शिविर आयोजित किया जाएगा।
डॉ. शकील अंसारी, विभागाध्यक्ष मनोरोग विभाग,जेएमसी, झालावाड़।
स्क्रिजोफ्रेनिया बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रति वर्ष २४ मई को स्क्रिजोफ्रेनिया दिवस मनाया जाता है। एसआरजी चिकित्सालय में सुबह १०बजे मनोरोग विभाग में शिविर आयोजित किया जाएगा।
डॉ. शकील अंसारी, विभागाध्यक्ष मनोरोग विभाग,जेएमसी, झालावाड़।