सुप्रीम कोर्ट का भी है आदेश-
सड़क पर अगर आपको कोई घायल दिखे तो अपना समझकर उठाएं, उसकी पूरी मदद करें। आपकी एक छोटी सी मदद किसी की जिदंगी बचा सकती है। घायल को अस्पताल पहुंचाने पर आपको कोई भी नहीं पूछेगा। दुर्घटना के मामले मेें पुलिस आपको न तो गवाह बनाएगी न ही चिकित्सक इलाज से इनकार करेगा पुलिस अगर पूछताछ करती है तो आप पुलिस अधिकारियों को शिकायत कर सकते हैं।
ये दिए मंत्रालय से निर्देश-
-गुड सेमेरिटन के साथ सम्मानपूर्वक, बिना भेदभाव के सम्मान किया जाएगा।
– किसी प्रत्यक्षदर्शी के अलावा कोई व्यक्ति, जो किसी दुर्घटना में घायल व्यक्ति अथवा मृतक के बारे में सूचना पुलिस नियत्रंण कक्ष अथवा पुलिस थाने में फोनकॉल करता है तो पूरा नाम,पता फोन नंबर आदि उसके व्यक्तिगत विवरण देने की आवश्यकता नहीं होगी।
– कोई पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचने पर गुड सेमेरिटन को रिकॉर्ड फॉर्म या लॉग रजिस्टर में आपना नाम, पहचान, पता व अन्य ब्यौरा बताने व गवाह के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। मामले में गवाह का विकल्प उसी व्यक्ति पर निर्भर होगा।
– सड़क पर घायल किसी व्यक्ति के बारे में पुलिस को सूचना देने के बाद संबंधित पुलिस अधिकारी द्वारा गुड सेमेरिटन को जाने की अनुमति दी जाएगी और यदि वह उस मामले में गवाह बनने का इच्छुक नहीं होता है तो उससे आगे कोई पूछताछ नहीं की जाएगी।
– कोई गुड सेमेरिटन गवाह बनना चाहता है तो उसकी जांच पड़ताल अत्यधिक संवेदनशील एवं सम्मान के साथ बिना किसी भेदभाव की जाएगी। – कोई भी व्यक्ति गवाह बनना चाहता है और पुलिस थाने जाना नहीं चाहता तो अन्वेषण अधिकारी सादे कपड़ों में उससे पूछताछ यथासंभव उसकी सुविधानुसार किसी समय और स्थान जैसे उसके आवास या कार्य के स्थान पर की जाएगी।
– जब गुड सेमेरिटन से पूछताछ उसकी सुविधानुसार समय और स्थान पर किया जाना संभव नहीं होता है और जांच अधिकारी पूछताछ किए जाने के कारणों को लिखित में रिकॉर्ड करेगा। – कोई गुड समेरिटन पुलिस थाने में जाने का चयन करता है तो उससे बिना किसी अनुचित क्लिंब के एक तर्क संगत और समयबद्ध रूप से एक ही बार पूछताछ की जाएगी।
-किसी घटना के बारे में जांच पड़ताल करते समय गुड सेमेरिटन का पूरा बयान या शपथ पत्र पुलिस अधिकारी द्वारा एक ही बार पूछताछ के दौरान रिकॉर्ड किया जाएगा।
नहीं करेगी पुलिस परेशान- हां कोई भी अच्छा व्यक्ति सड़क दुर्घटना या किसी भी प्रकार की दुर्घटना में घायल को अस्पताल पहुंचाता है तो उससे पुलिस उसकी सुविधा के अनुसार पूछताछ करती है। उसके घर भी जाना होता है तो पुलिस बिना वर्दी में जाती है। पूर्व में सुप्रीम कोर्ट के भी आदेश आए थे, अब गृह मंत्रालय ने भी दिए है। पुलिस प्रशासन इनकी पूरी पालना कर रहा है।
राममूर्ति जोशी,जिला पुलिस अधीक्षक, झालावाड़।