scriptमनरेगा की चाबी से खुल रहा बेरोजगारी का लॉक, दो लाख श्रमिक काम पर | Unemployment lock unlocked by MNREGA key, two lakh workers at work | Patrika News
झालावाड़

मनरेगा की चाबी से खुल रहा बेरोजगारी का लॉक, दो लाख श्रमिक काम पर

– 698 प्रवासी श्रमिकों को मनरेगा में तुरंत मिला काम-2285.27 लाख रूपए का भुगतान मनरेगा में किया जा चुका है

झालावाड़May 24, 2020 / 08:47 pm

harisingh gurjar

Unemployment lock unlocked by MNREGA key, two lakh workers at work

मनरेगा की चाबी से खुल रहा बेरोजगारी का लॉक, दो लाख श्रमिक काम पर, मनरेगा की चाबी से खुल रहा बेरोजगारी का लॉक, दो लाख श्रमिक काम पर, मनरेगा की चाबी से खुल रहा बेरोजगारी का लॉक, दो लाख श्रमिक काम पर

एक्सक्लूसिव..
झालावाड़.लॉकडाउन में काम धंधे सब लॉक है। ग्रामीण क्षेत्रों में हालात और भी खराब है। अन्य जिलों और दूसरे राज्यों में गए ग्रामीण भी अपनी मातृभूमि पर लौट आए है। लेकिन उनके पास यहां भी रोजगार का कोई साधन नहीं है। ऐसे में मनरेगा उनके लिए जीविकोपार्जन काएक साधन बनी है। यही कारणहै झालावाड़ जिले में मनरेगा में रोजगार निरंतर बढ़ रहा है। मनरेगा श्रमिकों का आंकडा पूरे प्रदेश में चौथे पायदान पर है। मनरेगा में श्रमिकों की संख्या ढ़ाई लाख से ज्यादा है। जो इस समय तक गत वर्ष से दो गुणा ज्यादा है। जिले में कुल 6101 कार्य मंजूर किए जा चुके हैं, सरकार ने प्रवासी मजदूरों को भी गांवों में मनरेगा मेें रोजगार देने का आदेश दिया था। इसके बाद तो जिला प्रशासन ने इसमें खासी रूचि दिखाई, हर काम मांगने वाले व्यक्ति को रोजगार उपलब्ध करवाया है। इसके बाद श्रमिकों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।
जिले में मनरेगा कानून के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि सभी 254 ग्राम पंचायतों में कहीं न कहीं मनरेगा का काम हो रहा हो। इन पंचायतों के 6 हजार से अधिक कार्यों पर शनिवार तक 2 लाख 14 हजार 124श्रमिकों का नियोजन किया जा चुका है। इसके लिए 25 हजार 123 मस्टरोल जारी किए गए है। इसके लिए जिले में अभी 2285.27 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है।
स्थायी महत्व के काम हुए स्वीकृत-
जिले में अब तक मनरेगा में कुल 6101 कार्य स्वीकृत हुए है। इनमें स्थायी महत्व के काम ज्यादा स्वीकृत किए गए है7 स्वीकृत कार्यों में तालाब, चारागाहविकास, ग्रेवल सड़क निर्माण एवं एनिकट गहरीकरण संबंधी कार्य स्वीकृत किए गए है। जिले में सबसे ज्यादा कार्य मनोहरथाना ब्लॉक में 988 व सबसे कम कार्य खानुपर ब्लॉक में 413 कार्य स्वीकृत हुए है। जिले में सबसे ज्यादा श्रमिक अकलेरा पंचायत समिति की 31 ग्राम पंचायतों में 41260लगे हुए है, तो सबसे कम भवानीमंडी की 27 ग्राम पंचातयों में 17890 श्रमिक कार्य कर रहे हैं।
इतने प्रवासी श्रमिकों दिया तुरंत काम-
कोरोना लॉकडाउन में बाहर से आने वाले प्रवासी श्रमिक इन दिनो बेरोजगार हो गए थे, ऐसे में 698श्रमिको को रोजगार मांगने पर मनरेगा में काम दिया गया है। इसके लिए जिला कलक्टर ने काफी सहयोग किया। सबसे पहले श्रमिकों की फाइलों पर महामारी के समय में रविवार को भी हस्ताक्षर कर ऑनलाइन करवाई गई है ताकि उन्हें काम मिलने में देरी नहीं हो। श्रमिकों को आठ दिन में भुगतान किया जा रहा है। ताकि उन्हें आर्थिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
नुकसान भी हो सकता है-
इन दिनों बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर दूसरे जिलों व राज्यों से जिले में आ रहे हैं। ऐसे में अगर इनमें कोई संक्रमित हुआ तो पूरे ग्रामीणों को संक्रमित कर सकता है। ऐसे में यहां सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। ग्रामीणों को दो-दो मिटर की दूरी बनाए रखना होगा। कई बार देखने में आया है कि ग्रामीण महिलाएं बिना मास्क के काम करती हुई नजर आई है। हालांकि प्रतिदिन के बजाए एक साथ ही 13 दिन का काम प्रशासन द्वारा श्रमिकों को दिया जा रहा है। मेट व ग्राम विकास अधिकारी को पाबंद कर रखा है।
मनरेगा में काम देने पर टॉप टेन में शामिल झालावाड़-
जिला ग्रा.पं श्रमिक स्वीकृत कार्य
1 भीलवाड़ 398 343470 6420
2.बसवांडा 413 294562 19874
3.डुंगरपुर 353 249200 8539
4.झालावाड़ 254 214124 6101
5.उदयपुर 652 212255 13191
6.नागौर 500 191321 3504
7.अजमेर 325 183992 3066
8.बीकानेर 365 182063 5113
9.बाड़मेर 689 165177 24893
10.प्रतापगढ़ 235 133223 5508
जिले में ब्लॉकवार में इतने श्रमिक कर रहे काम-
ब्लॉक ग्रा.प. श्रमिक कार्य
1.अकलेरा 31 41260 936
2.बकानी 25 21442 928
3.भ.मंडी 27 17890 545
4.डग 32 21505 968
5.झा.पाटन 30 19446 455
6.खानपुर 38 27888 413
7.म.थाना 27 37242 988
8.पिड़ावा 44 27451 868
कुल 254 214124 6101

मनरेगा में जितने श्री श्रमिक लगे हुए है, सभी को सोशल डिस्टेंस का पालन करने के लिए बोला गया है, इसके लिए ग्राम विकास अधिकारी को पाबंद कर रखा है।
राजेन्द्र निमेष, अधीक्षण अभियंता, मनरेगा,जिला परिषद,झालावाड़।
मनरेगा जब से शुरू हुई है तब से लेकर अब तक सबसे ज्यादा काम हुआ है। कोरोना महामारी के चलते काम की ज्यादा मांग आई है। इन दिनों तालाब, चारागाहके काम ज्यादा हो रहे हैं। पहले ग्रुप में काम दिया जा रहा , अब व्यक्तिगत काम दिया जा रहा है। प्रवासियों को 14 दिन क्वारंटाइन रखने के बाद ही काम दिया जा रहा है, इसलिए संक्रमण का खतरा नहीं है और रेड जोन व संक्रमित क्षेत्रों के मजदूरों को काम नहीं दिया जा रहा है।
रामजीवन मीणा, सीईओ, जिला परिषद,झालावाड़।

Home / Jhalawar / मनरेगा की चाबी से खुल रहा बेरोजगारी का लॉक, दो लाख श्रमिक काम पर

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो