विश्व धरोहर जलदुर्ग में डेढ़ माह से जल को तरसे रहे दर्शक
झालावाड़Published: Oct 07, 2019 10:01:36 am
-सफाईकर्मी के अभाव में गंदगी से भी परेशानी
विश्व धरोहर जलदुर्ग में डेढ़ माह से जल को तरसे रहे दर्शक
विश्व धरोहर जलदुर्ग में डेढ़ माह से जल को तरसे रहे दर्शक
-सफाईकर्मी के अभाव में गंदगी से भी परेशानी
-जितेंद्र जैकी-
झालावाड़. विश्व धरोहर जलदुर्ग गागरोन में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए करोड़ों की लागत से जीर्णोद्वार व सौंदर्यकरण किया गया, लेकिन फिर भी पेयजल की उचित व्यवस्था नही हो सकी व जलदुर्ग में आने वाले पर्यटक पिछले डेढ माह से पेयजल को तरस रहे है। यहां लगी ट्यूबवेल की मोटर खराब हो गई जिससे किले की पेयजल व्यवस्था ठप पड़ी है। वही किले में कोई सफाई कर्मचारी भी नियुक्त नही होने से जगह जगह कचरा व गंदगी के ढेर लगे है। लोगों का कहना है कि किले में प्रवेश के लिए उनसे प्रति व्यक्ति पचास रुपए टिकट के वसूले जाते है लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ नही है। यहां करीब रोज 40 से 50 देशी व विदेशी पर्यटक किला देखने आते है।
-हेण्डपम्प खराब व अनुपयोगी
किले में कहने को तो वैसे दो हेण्डपम्प लगे है, लेकिन इसमें से एक तो काफी समय से खराब है, वहीं रामबुर्ज के निकट लगे हेण्डपम्प से लाल रंग का प्रदूषित पानी काफी मशक्कत के बाद निकलता है जिसे पीया नही जा सकता है। फिलहाल वह भी खराब पड़ा है।
-वाटर कूलर भी खराब
किले में दो वाटर कूलर लगाए गए थे। एक मधुसूदन मंदिर के निकट लेकिन पानी नही होने से वह अनुपयोगी साबित हो रहा है वहीं दूसरा रामबुर्ज के निकट लगाया था लेकिन वह शुरु से ही खराब रहा। उसे गत माह वहां से हटाकर ठीक करवाने के लिए भेजा लेकिन अभी तक वापस नही लग पाया है।
-किले में नियुक्त कर्मचारी व सुरक्षा गार्ड की परेशानी
गागरोन किले में नियुक्त विभागीय कर्मचारी व सुरक्षाकर्मी को नदी व गांव में से पानी की बोतल लाकर काम चलाना पड़ रहा है। इस पर पर्यटक आने के बाद सीधे कर्मचारियों व सुरक्षाकर्मियों से ही पेयजल की व्यवस्था नहीं होने से उलझ जाते है व अभद्रता पर उतारु हो जाते है कई बार तो लड़ाई झगड़े की नौबत आ जाती है।
-कचरा पात्र के बाहर तक फैली गंदगी
किले में स्वच्छता के लिए विभिन्न स्थानों पर स्टील के 14 कचरा पात्र लगाए गए। लेकिन किले में किसी भी सफाई कर्मचारी की नियुक्ति नहीं होने से सारे कचरा पात्र ऊपर तक गंदगी व कचरे से भरे है व इसके आसपास गंदगी फैली है। कचरा पात्रों से निकलती दुर्गंध से आसपास खड़ा रहना भी मुश्किल हो रहा है। इसी प्रकार मधुसूदन मंदिर के निकट व रामबुर्ज के निकट स्थित शौचालयों की भी उचित सफाई नही हो पा रही है।
-शीघ्र करवाऐगें व्यवस्था
इस सम्बंध में राजकीय पुरातत्व व संग्रहालय झालावाड़ के प्रभारी संदीप सिंह का कहना है कि गागरोन किले में ट्यूबवेल की मोटर खराब होने से पेयजल की समस्या उत्पन्न हो गई है। हमने विभाग की ओर से मुख्यालय को इसकी सूचना दे दी है। गत दिनो कालीसिंध नदी के उफान होने से गागरोन तक का रास्ता बंद हो गया था इस कारण भी मोटर ठीक नही हो सकी। अब शीघ्र ही किले में पेयजल की व्यवस्था हो जाएगी। किले में सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए भी विभाग के मुख्यालय को सूचना भेज रखी है। वहां से आदेश आने के बाद ही किले में स्थाई सफाई कर्मचारियों को तैनात किया जा सकेगा।