दाईं मुख्य नहर की लंबाई ६.५० किमी होगी, बाईं मुख्य नहर की लंबाई ७.१४ किमी होगी इससे १४ गंाव लाभान्वित होंगे।
राजीव विजय, सहायक अभियंता
नहर में डाल रहे सीवरेज का पानी
झालरापाटन ञ्च पत्रिका. गोमती सागर तालाब के मोरीकुंडा से होकर निकली नहर में सीवरेज का पानी छोड़े जाने व इस पर अतिक्रमण करने को लेकर लोगो में रोष व्याप्त है। रियासत काल में गोमती सागर तालाब के मोरीकुंडा के यहां से ईमली दरवाजा, लंका दरवाजा, सूरजपोल दरवाजा होकर गोविंदपुरा तक नहर का निर्माण कराया गया था। इस नहर के पानी का उपयोग सिंचाई व अन्य धार्मिक कार्यों के लिए किया जाता है। मोरीकुंडा से लेकर ईमली दरवाजा तक इस नहर पर जगह जगह लोगो ने अतिक्रमण कर शोचालय, पक्के कमरो, चार दीवारी का निर्माण करा लिया है जिससे इसकी चौड़ाई कॉफी कम हो गई है। कई लोगों ने अपने मकान के सीवरेज पाइप इस नहर में छोड़ रखे हैं जिससे सारा गंदा पानी इसमें जाने से नहर का पानी प्रदूषित हो रहा है।
गौतम मंडल अध्यक्ष बृजेश गौतम ने बताया कि नगरपालिका की और से अभी १५ लाख रूपए की लागत से मोरीकुंडा से लेकर ईमली दरवाजा तक क्षतिग्रस्त इस नहर की मरम्मत करवाई जा रही है। पालिका को मरम्मत के साथ ही इसमें डाले जा रहे गंदे पानी पर रोक लगाने के साथ ही अतिक्रमण भी हटाए जाने चाहिए।
राजीव विजय, सहायक अभियंता
नहर में डाल रहे सीवरेज का पानी
झालरापाटन ञ्च पत्रिका. गोमती सागर तालाब के मोरीकुंडा से होकर निकली नहर में सीवरेज का पानी छोड़े जाने व इस पर अतिक्रमण करने को लेकर लोगो में रोष व्याप्त है। रियासत काल में गोमती सागर तालाब के मोरीकुंडा के यहां से ईमली दरवाजा, लंका दरवाजा, सूरजपोल दरवाजा होकर गोविंदपुरा तक नहर का निर्माण कराया गया था। इस नहर के पानी का उपयोग सिंचाई व अन्य धार्मिक कार्यों के लिए किया जाता है। मोरीकुंडा से लेकर ईमली दरवाजा तक इस नहर पर जगह जगह लोगो ने अतिक्रमण कर शोचालय, पक्के कमरो, चार दीवारी का निर्माण करा लिया है जिससे इसकी चौड़ाई कॉफी कम हो गई है। कई लोगों ने अपने मकान के सीवरेज पाइप इस नहर में छोड़ रखे हैं जिससे सारा गंदा पानी इसमें जाने से नहर का पानी प्रदूषित हो रहा है।
गौतम मंडल अध्यक्ष बृजेश गौतम ने बताया कि नगरपालिका की और से अभी १५ लाख रूपए की लागत से मोरीकुंडा से लेकर ईमली दरवाजा तक क्षतिग्रस्त इस नहर की मरम्मत करवाई जा रही है। पालिका को मरम्मत के साथ ही इसमें डाले जा रहे गंदे पानी पर रोक लगाने के साथ ही अतिक्रमण भी हटाए जाने चाहिए।