9 करोड़ फूंक दिए भूमिगत केबल में, नतीजा ढाक के तीन पात
फाल्ट होने के बाद इनको ठीक करने की जहमत भी डिस्कॉम ने नहीं उठाई

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झालावाड़. चार साल पहले करीब 9 करोड़ रुपए खर्चकर शहर के आधा दर्जन मोहल्लों व कॉलोनियों में ओवरहेड लाइनों से मुक्ति के लिए भूमिगत केबल डाली गई लेकिन करीब आधा भाग फिर से ओवरहेड लाइनों (पोल पर डली लाइनों) पर आ टिका। ऐसे में खर्च हुए 9 करोड़ रुपए किसी काम नहीं आ सके। ओवरहेड लाइनों के जंजाल से मुक्ति के लिए वर्ष २०१२ के अंत में जयपुर डिस्कॉम ने आधे शहर में भूमिगत केबल डाले जाने के प्रस्ताव भेजे थे। इसके तहत अग्रसेन कॉलोनी, ऐश्वर्य नगर, आवासन मंडल कॉलोनी, सांईनाथपुरम, धनवाड़ा, खंडिया कॉलोनी, साकेत नगर, राड़ी के बालाजी एवं राजमार्ग के समीप यह भूमिगत केबल लाइन डाली गई थी लेकिन अब इस भूमिगत लाइन के महज तार ही नजर आ रहे है। अधिकांश जगह यह भूमिगत केबल फाल्ट पड़ी हुई है। भूमिगत केबल के यह तार आवासन मंडल कॉलोनी, राजमार्ग पर पोल के नीचे सहज ही नजर आ रहे हैं।
१५ किमी फाल्ट
भूमिगत केबल शहर में करीब १५ किलोमीटर के क्षेत्र में ही डाली थी। फिलहाल कहीं भी यह केबल चालू नहीं है। ऐसे में शहर की पूरी व्यवस्था एक बार फिर ओवरहेड लाइनों के भरोसे ही संचालित की जा रही है। वहीं इन भूमिगत केबलों के फाल्ट होने के बाद इनको ठीक करने की जहमत भी डिस्कॉम ने नहीं उठाई है। ऐसे में यह केबल शोपीस ही बनी हुई है।
राजमार्ग के कार्य के चलते फाल्ट
उधर जानकारों का कहना है कि शहर में जिस जगह भूमिगत केबल डाली गई थी। यहां राजमार्ग के समीप इस क्षेत्र में सिविल वर्क (मरम्मत कार्य) होने से बार-बार यह केबल खुदाई के दौरान कट जाने के चलते इसमें फाल्ट हो गए। वहीं राड़ी के बालाजी रोड पर करीब 10 लाख की लागत से डाली गई भूमिगत केबल को शुरू करने से पहले ही इसमें फाल्ट आ गया था। ऐसे में यह केबल भी शुरू नहीं की जा सकी।
उद्देश्य नहीं हो पाया सफल
डिस्कॉम का भूमिगत केबल डाले जाने के पीछे आधे शहर को बिजली के तारों के जंजाल से मुक्ति दिलाना था। ताकि शहर में पोल लैस व्यवस्था हो एवं शहर सुंदर लगे लेकिन ऐसा नहीं हो सका। वहीं जिन क्षेत्रों में यह भूमिगत केबल डाली गई। यहां पोलों पर तार ही तार नजर आ रहे हैं।
बिना तैयारी डाल दी केबल
डिस्कॉम के सूत्रों ने बताया कि भूमिगत केबल डालने से पूर्व शहर की भौगोलिक स्थिति का अध्ययन किया जाना था लेकिन इसके अभाव में उन सभी क्षेत्रों में केबल डालने का कार्य किया जहां भविष्य में रोड बनाने एवं मरम्मत के कार्य किए जाने थे। ऐसे में यह भूमिगत केबल डालना महज छलावा ही साबित हुआ। जबकि शहर में भौगोलिक परिस्थितियों का अध्ययन कर इसका पूरा इंतजाम कर यह भूमिगत केबल डाली तो यहा नौबत नहीं आती।
डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता जे.के.मिश्रा ने बताया कि जल्द इस केबल को दुरस्त कराया जाएगा।
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