दिमाग हुआ कमजोर तो बेटो ने पैरों में डाल दी रस्सी….
झालावाड़Published: Aug 06, 2019 08:12:00 pm
-बुर्जुग पिता को रखते है बांध कर
दिमाग हुआ कमजोर तो बेटो ने पैरों में डाल दी रस्सी….
दिमाग हुआ कमजोर तो बेटो ने पैरों में डाल दी रस्सी….
-बुर्जुग पिता को रखते है बांध कर
-जितेंद्र जैकी-
झालावाड़. शहर में मामा भानेज चौराहे के निकट गाडिया लुहार के नंदलाल को जैसे ही वृद्धावस्था ने घेरा व पत्नी भी जब एक साल पहले साथ छोड़ कर दुनिया से गुजर गई तो उसका दिमागी संतुलन बिगड़ा गया। इसके बाद गरीब तबके के बेटे उसका इलाज भी नही करा सके तो इधर उधर भागते दौड़ते पिता के पैरों में रस्सी बांधनी पड़ी। करीब 65 वर्षीय नंदलाल गाडिय़ा लुहार गांव खोखंदा धनवास में अपनी पत्नी कमला बाई के साथ रह रहा था। उसके पुत्र दौलतराम व हीरालाल झालावाड़ में रह रहे है। अपनी पत्नी कमला बाई की करीब एक वर्ष पहले मृत्यु होने के बाद से ही नंदलाल का दिमागी संतुलन बिगडऩे लगा इस पर उसके बेटे उसे झालावाड़ लेकर आ गए। गरीबी की मार झेल रहे दोनो पुत्रों ने जागरुकता के अभाव में इसे नियति मान ली। सरकारी निशुल्क दवा व इलाज की योजना से अनभिज्ञ हालाकि बेटो ने कुछ दवा गोलियां भी देने की कोशिश की लेकिन बुर्जुग पिता के खराब हुए दिमाग पर इससे ना कोई फर्क पड़ता और ना ही फर्क पड़ा।
-भागने लगता है इसलिए बांध दिया
नंदलाल के पुत्र दौलतराम ने बताया कि उसके पिता की दिमागी हालात खराब है। उनका अपने शरीर पर नियंत्रण नही रहता है। वह ना तो स्वयं खा सकते है ना ही कपड़े पहन सकते है। पास में कोई जाता है तो उसे मारने दौड़ते है व दिनभर बडबड़ाते रहते है। इधर-उधर भाग नही जाए इसलिए इनके पैर में कपड़े की रस्सी डाल कर बांध कर रखते है।
-मदद की दरकार
गरीब गाडि़ए लुहार दौलत राम व हीरालाल के खुद के परिवार का ही मुश्किल से खर्चा चल पाता है। अनपढ़ होने के कारण वृद्ध नंदलाल के कोई भी दस्तावेज भी नहीं बन सके। उसे वृद्धावस्था पेंशन भी नही मिल पा रही है। चिकित्सा सुविधा भी नही मिलने से इस परिवार से हालात से समझौता कर रखा है। सड़क किनारे पड़े इस बुर्जुग की ओर रहमदार की नजरे इनायत की दरकार है।