scriptप्लास्टिक को करेंगे ना, तभी स्वर्णिम होगा भारत… | Will India do plastic, only then will India be golden | Patrika News

प्लास्टिक को करेंगे ना, तभी स्वर्णिम होगा भारत…

locationझालावाड़Published: Feb 19, 2020 03:59:44 pm

Submitted by:

Anil Sharma

300 से ज्यादा ने ली शपथ…

jhalawar

Will India do plastic, only then will India be golden

झालावाड़. राजस्थान पत्रिका के स्वर्णिम भारत अभियान के तहत राजकीय पीजी महाविद्यालय में मंगलवार को प्लास्टिक मुक्त भारत की शपथ दिलाई गई। शपथ राजकीय पीजी महाविद्यालय के व्याख्याता डॉ.प्रवण देव ने सभी छात्रों व स्टाफ को प्लास्टिक का प्रयोग नहीं करने की शपथ दिलाई।
इस मौके पर डॉ.सुमन खींची ने कहा कि मानव सस्ते प्लास्टिक का उपयोग कर रहा है, इससे हमारे पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंच रहा है।पहले हम कपड़े के थेलों का प्रयोग करते थे, लेकिन आज हर काम प्लास्टिक से हो रहा है, जो खतरनाक साबित हो रहा है।
डॉ. अशोक कंवर शेखावत ने कहा कि प्लास्टिक की शपथ लेने मात्र से काम नहीं चलेगा। मनुष्य अपनी सुविधा के लिए इसे काम में ले रहे हैं, इसे उपयोग के लिए हमें दूसरा विकल्प तलाशना होगा। हमें पंच तत्व की तरह ऐसे साधन का उपयोग करना होगा ताकि वह नष्ट होकर मिट्टी में मिल जाएं ओर कोई नुकसान नहीं हो।प्राणीशास्त्र की व्याख्याता डॉ.नील कमल राठौर ने कहा कि पर्यावरण को नुकसान नहीं हो इसके हमें प्लास्टिक से बचाव करना होगा। डॉ.रुपम कुलश्रेष्ठ ने कहा कि दूध को थैली के स्थान पर हम बर्तन में लेकर आए, सब्जी थैली में लाने की बजाए कपड़े के कैरी बेग में लेकर आएं। इसे नियमित जीवन में आदत बना लेंवे तो प्लास्टिक के नुकसान से बचा जा सकते हैं। डॉ.अर्जुमंद कुरैशी ने कहा कि पर्यावरण शुद्ध बनाने के लिए स्वयं को जागरुक बनना होगा, किसी भी काम के लिए घर से निकले तो कपड़े का थेला साथ लेकर जाएं। डॉ.अजय गुप्ता ने कहा कि सब्जी,दूध खाद्य पदार्थ आदि के रुप में हर व्यक्ति करीब ढ़ाई सौ ग्राम प्लास्टिक का प्रयोग प्रतिदिन कर रहा है। आज सस्ता प्लास्टिक आ रहा है जो बहुत नुकसान दायक है। इसका प्रयोग करने से बचे ताकि हम कैंसर जैसी खतनाक बीमारियों से बच सकते है। नगर परिषद इस क्षेत्र में कार्रवाई करें। प्राचार्य बीसी मीणा ने कहा कि इसमें हर व्यक्ति को जागरुक होना पड़ेगा, जिला प्रशासन भी इसमें ध्यान देंवे।तो प्लास्टिक पर बेन लग सकता है।
छात्रों ने भी ये बताए उपाय
एमएससी के विद्यार्थी हेमन्त मरमट ने कहा कि खाद्य पदार्थ लगे थैली आदि गाय व अन्य जानवर खाते हैं जो उनकी आंत में जाकर फंस जाता है। सड़ता नहीं है। इससे उनकी अकाल मौत हो जाती है। हमें इसका प्रयोग करने से बचना चाहिए।
सचिन कारपेंटर ने कहा कि हमें कपड़े के थैले का प्रयोग करना चाहिए। कोमल रेगर व लोकश लववंशी ने कहा कि प्लास्टिक को जलाने पर खतरनाक गैस निकलती है इससे ६ डिग्री तक तापमान बढ़ जाता है। इससे काफी नुकसान है। हम लोगों को जागरुग करेंगे ताकि हमारा पर्यावरण दूषित नहीं हो। छात्रा शिल्पा शर्मा ने कहा कि प्लास्टिक से बहुत नुकसान होता है हम लोगों को जागरुक करेंगे।
गायत्री ओझा ने कहा कि शादी समारोह में डिस्पोजल बहुतायत मात्रा में प्रयोग किए जाते हैं, इससे पर्यावरण को बहुत नुकसान हो रहा है। ऐसे में प्लास्टिक की प्लेट के स्थान पर स्टील की प्लेट व गिलास काम में लेने चाहिए। प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान में डॉ.फूलसिंह गुर्जर, डॉ.डीएसएन प्रसाद, डॉ. वीपीसिंह, रविदत्त, साहबसिंह, पूनम सैनी सहित कई विद्यार्थी मौजूद रहे।
गुरुजनों ने किया प्लास्टिक का बहिष्कार
मनोहरथाना. जिले के मनोहरथाना कस्बे में संस्थाप्रधानों की चल रही वाकपीठ् में मंगलवार को स्वर्णिम भारत अभियान के तहत वाकपीठ के सचिव चन्द्रशेखर चौहान ने शपथ दिलाई गई। संस्थाप्रधानों ने शपथ लेने के बाद भोजन के समय प्लास्टिक डिस्पोजल का बहिष्कार कर पानी स्टील के जग से पिया। इस मौके पर करीब २१० संस्था प्रधानों ने प्लाटिस्क का प्रयोग नहीं करने का संकल्प लिया।
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