scriptमहिलाएं भी हुई मुखर बोली, इलाज के लिए झालावाड़ घंटो लाइन में लगना बना मजबूरी | Women also became vocal, Jhalawar became a compulsion to stand in line | Patrika News

महिलाएं भी हुई मुखर बोली, इलाज के लिए झालावाड़ घंटो लाइन में लगना बना मजबूरी

locationझालावाड़Published: Oct 06, 2021 08:18:08 pm

Submitted by:

harisingh gurjar

अभियान : रीको कॉलोनी में खुले सीएचसी तो मिले राहत…

Women also became vocal, Jhalawar became a compulsion to stand in line

महिलाएं भी हुई मुखर बोली, इलाज के लिए झालावाड़ घंटो लाइन में लगना बना मजबूरी,महिलाएं भी हुई मुखर बोली, इलाज के लिए झालावाड़ घंटो लाइन में लगना बना मजबूरी,महिलाएं भी हुई मुखर बोली, इलाज के लिए झालावाड़ घंटो लाइन में लगना बना मजबूरी,महिलाएं भी हुई मुखर बोली, इलाज के लिए झालावाड़ घंटो लाइन में लगना बना मजबूरी,महिलाएं भी हुई मुखर बोली, इलाज के लिए झालावाड़ घंटो लाइन में लगना बना मजबूरी,महिलाएं भी हुई मुखर बोली, इलाज के लिए झालावाड़ घंटो लाइन में लगना बना मजबूरी,महिलाएं भी हुई मुखर बोली, इलाज के लिए झालावाड़ घंटो लाइन में लगना बना मजबूरी,महिलाएं भी हुई मुखर बोली, इलाज के लिए झालावाड़ घंटो लाइन में लगना बना मजबूरी,महिलाएं भी हुई मुखर बोली, इलाज के लिए झालावाड़ घंटो लाइन में लगना बना मजबूरी,महिलाएं भी हुई मुखर बोली, इलाज के लिए झालावाड़ घंटो लाइन में लगना बना मजबूरी,महिलाएं भी हुई मुखर बोली, इलाज के लिए झालावाड़ घंटो लाइन में लगना बना मजबूरी,महिलाएं भी हुई मुखर बोली, इलाज के लिए झालावाड़ घंटो लाइन में लगना बना मजबूरी,महिलाएं भी हुई मुखर बोली, इलाज के लिए झालावाड़ घंटो लाइन में लगना बना मजबूरी,महिलाएं भी हुई मुखर बोली, इलाज के लिए झालावाड़ घंटो लाइन में लगना बना मजबूरी

झालावाड़.जिले की सबसे बड़ेे औद्योगिक क्षेत्रों में शुमार चन्द्रावती ग्रोथ सेंटर में औद्योगिक इकाईयों सहित वल्लभ पित्ती ग्रुप व आवासीय कॉलोनी में बड़ी संख्या में लोग निवासी करते हैं। लेकिन कॉलोनी में कोई चिकित्सा संस्थान नहीं होने पर अब महिलाएं भी आगे आई है। महिलाओं ने मंगलवार को राजस्थान पत्रिका के अभियान से जुड़कर बताया कि रीको आवासीय कॉलोनी रीको द्वारा विकसित की गई जिले की सबसे बड़ी कॉलोनी है। कॉलोनी में सभी सुविधाएं है। लेकिन एक भी चिकित्सा संस्थान नहीं होने से जिला मुख्यालय पर जाना मजबूरी बनी हुई।
महिलाओं ने ऐसे बताई अपनी परेशानी…
1. जिले का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र होने के बावजूद, छोटी से छोटी सुविधाओं से चंद्रावती ग्रोथ सेंटर से वंचित है, अभी चल रहा मौसमी वायरल के चलते सर्दी- खाँसी सामान्य भुखार भी हो रहा है। जिसके चलते यहां के आवासीय कॉलोनीवासी और फैक्ट्री में काम करने वाले श्रमिक आदि तबियत बिगडऩे पर सीधा, झालावाड़ राजकीय चिकित्सालय जाना पड रहा है। वहां घंटो लाइन में लग कर डॉक्टर साहब के पास पहुंच पाते है। इस समस्या से सब पीडित है।रीको व चिकित्सा विभाग के अधिकारियों से अनुरोध है कि यहां जल्दी ही एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोले ताकि आमजन को लाभ मिल सके।
विमला मीणा, कॉलोनीवासी।
2.बुखार आदि आने पर रात के समय बहुत परेशानी आती है। झालरापाटन या झालावाड़ जाना पड़ता है। ऐसे में यहां एक सीएचसी खोलना चाहिए, ताकि रीको आवासीय कॉलोनी के लोगों को चिकित्सा लाभ मिल सके।
अंकिता नागर, कॉलोनीवासी।
3.चन्द्रावती ग्रोथ सेंटर में काफी आबादी रहती है। यहां पर एक हॉस्पिटल होना जरुरी है। छोटी-छोटी बीमारियों के झालावाड़ एसआरजी चिकित्सालय जाना पड़ता है। जहां दो घंटे तो लाइन में लगना पड़ता है। उसके बाद नंबर आता है। ऐसे में हमारी मांग है कि कॉलोनी में एक चिकित्सालय होना जरुरी है।
मंजू कारपेंटर, शिक्षिका, कॉलोनीवासी
4.चन्द्रावती ग्रोथ सेंटर आवासीय कॉलोनी में दस वर्षों से निवास कर रहे हैं। मेरी उम 58 साल है। ऐसे में यहां एक चिकित्सालय का होना बहुत जरूरी है। कई बार घर पर कोई नहीं होने से झालावाड़ व झालरापाटन जाने में परेशानी होती है।ऐसे में यहां एक सीएचसी हो तो निकट ही डॉक्टर को दिखा सकते हैं। इस बारे में जिला प्रशासन को ध्यान देना चाहिए।
पुष्पादेवी, कॉलोनीवासी।
5.जिले की सरकारी कॉलोनी में रोड व लाइट आदि की सुविधा तो हैं। लेकिन मूलभूत सुविधाओं में शामिल चिकित्सालय नहीं है। इससे कॉलोनी के लोगों को इलाज के लिए इधर-उधर भागना पड़ता है।
बिल्लू देवी, कॉलोनीवासी।
6.सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च कर रीको आद्यौगिक क्षेत्र विकसित किया है। लेकिन एक चिकित्सा संस्थान नहीं खोलने से काफी परेशानी आ रही है। ऐसे में जिला प्रशासन को इस ओर ध्यान देकर चिकित्सालय खोलने की प्रक्रिया शुरु करना चाहिए।
प्रियंका बैरवा, कॉलोनीवासी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो