गरबों में राजस्थानी भजनों पर थिरक रहे युवा… -ट्रेड़ बदला, देवी के गुजराती भजन हुए दरकिनार -जितेंद्र जैकी- झालावाड़. देश में गुजरात के लोक नृत्य गरबा व डांडिय़ा का चलन अब हमारे क्षेत्र में नये ट्रेड़ में आ गया है। पहले देवी माताजी के गुजराती भजनों पर ही गरबा किया जाता था। लेकिन अब इन दिनो झालावाड़ में डीजे पर बजते राजस्थानी भजनों व गीतों पर युवा, बच्चें व महिलाएं गरबा स्थल पर डांडिय़ा करने में मस्त नजर आते है। वही कई जगह विभिन्न भजनों जिसमें भगवान श्रीकृष्ण, राधा, हनुमान व शंकर भगवान के भजनों व गीतों पर भी गरबा में नृत्य किया जा रहा है। -शहर में इन गीतों की रही धूम शुक्रवार रात जब संवाददाता ने शहर में चल रहे विभिन्न गरबा स्थल का जायजा लिया तो बस स्टेंड परिसर में भगवान श्रीकृष्ण के भजन ‘बाकें बिहारी की देख छटा, मेरो मन हो गयो लटापटा..सहित अन्य भजनों पर बालिकाएं गरबा नृत्य कर रही थी। वहीं डिप्टीजी के मंदिर के सामने स्थित राधारमण मैदान में भी होली के गीत ‘ आज बिरज में होली रे रसिया.. पर व हनुमानजी के राजस्थानी भजन घुमा दे म्हारा बालाजी, घुमर घुमर घोटो… और भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर गाया जाने वाला भजन बधाई हो बधाई और शंकर भगवान के भजनों पर युवक युवतियांं गरबा नृत्य करने में तल्लीन नजर आए। मंगलपुरा में मंगलेश्वरी माता मंदिर में भी हिंदी भजनों पर बच्चें गरबा नृत्य कर रहे थे। -पंचमुखी बालाजी पर ही परम्परागत गरबा शहर में सिर्फ पंचमुखी बालाजी मंदिर पर ही परम्परागत रुप से गरबा नृत्य का आयोजन किया जा रहा है। यहां गायक माइक पर अपनी आवाज में गुजरात के परम्परागत गरबा के गीत गाते है और ढोल की थाप पर लोग डांडिय़ा करते है।