scriptएसआरजी व जनाना चिकित्सालय में कहने भर को जीरो मोबिलिटी, संक्रमण का खतरा बरकरार | Zero mobility at the SRG and Zanana hospital, the risk of infection re | Patrika News

एसआरजी व जनाना चिकित्सालय में कहने भर को जीरो मोबिलिटी, संक्रमण का खतरा बरकरार

locationझालावाड़Published: May 01, 2020 07:57:26 pm

Submitted by:

harisingh gurjar

 
– नहीं हो रही सख्ती से पालना
– जिले का कोरोना हॉटस्पॉट है जनाना चिकित्सालय

Zero mobility at the SRG and Zanana hospital, the risk of infection re

एसआरजी व जनाना चिकित्सालय में कहने भर को जीरो मोबिलिटी, संक्रमण का खतरा बरकरार

कोरोना न्यूज, झालावाड कोरोना न्यूज, मेडिकल कॉलेज न्यूज, राजस्थान न्यूज

झालावाड़.जनाना चिकित्सालय के रेजिडेंट व अन्य स्टाफ के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद एसआरजी व जनाना चिकित्सालय सहित मेडिकल कॉलेज क्षेत्र को जीरो मोबिलिटी क्षेत्र घोषित कर रखा है। लेकिन इन क्षेत्रों में जीरो मोबिलिटी की पालना नहीं हो रही है। मरीज व परिजन सामान्य दिनों की तरह घूम रहे हैं तो नए मरीजों को भी भर्ती किया जा रहा है। ऐसे में संक्रमित क्षेत्र में नए मरीजों को भर्ती करना व भर्ती मरीजों को दूसरे स्थान पर शिफ्ट नहीं करना कहीं प्रशासन के लिए फिर से पहले की तरह भारी नहीं पड़ जाए। समय रहते जिला प्रशासन व मेडिकल कॉलेज को इस ओर ध्यान देना होगा नहीं तो ये कोरोना संक्रमण में लापरवाही भारी पड़ सकती है।
70 मरीज है भर्ती-
जनाना चिकित्सालय में जीरो मोबिलिटी के दौरान 50 ही मरीज भर्ती थे। लेकिन इसके बाद भी लगातार मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। गुरुवार को 70 मरीज भर्ती थे। जिसमें आधा दर्जन मरीज तो गुरूवार को सुबह ही भर्ती हुए है। ऐसे में यहां प्रशासन को चाहिए था कि भर्ती मरीजों के अलावा दूसरा नया कोई मरीज नहीं आए। इनमें से कुछ तो बिना मास्क लगाए नजर आए। ऐसे में कहीं कोई परिजन फिर से संक्रमित हो गया तो लोगों के लिए खतरा ज्यादा हो जाएगा। यहां के स्टाफ को यह खतरा है कि यहां काम कर रहे डॉक्टर बिना पीपीई किअ के ही काम कर रहे हैं, ऐसे में उन्हें संक्रमण का डर बना हुआ है।
निजी हॉस्पिटल अधिग्रहित फिर भी जनाना में हो रही डिलेवरी-
कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए शहर के पंाच निजी हॉस्पिटल अधिग्रहित कर लिए गए है। जिनमें दो में डिलेवरी के लिए व्यवस्था की गई है। इसके बाद भी जनाना चिकित्सालय में डिलेवरी वाली महिलाओं को भर्ती किया जा रहा है। ऐसे में कई स्टाफ क्वारंटाइन है, ऐसे में स्टाफ की कमी होने से परेशानी ज्यादा आ रही है। तो ओटी आदि मेें पर्याप्त सफाई भी नहीं हो रही है।
एसआरजी में भी नहीं हो रही पालना-
एसआरजी चिकित्सालय में ऑर्थोपैडिक सहित अन्य बीमारियों के मरीज दिखाने आ रहे हैं। यहां 15 बेड के एमआईसीयू में 13 मरीज व सर्जिकल आईसीयू में 6 मरीज भर्ती है। ऐसे में इनके परिजन कोरोना पॉजिटिव वार्ड के पास से निकलने में संक्रमण होने का भय बना हुआ है। वहीं एमआईसीयू में 13 की देखभाल के लिए 5 स्टाफ लगा रखा है जो नया होने से उनके लिए मरीजों को संभालना मुश्किल हो रहा है। उन्हें एमआईसीयू में रखे सामानों का भी पता नहीं है, ऐसे में हर बात के लिए उन्हें सीनियर स्टाफ से फोन पर पूछना पड़ रहा है। ऐसे में अच्छा ये हो कि जीरो मोबिलिटी में चिकित्सालय में नए मरीज को भर्ती नहीं किया जाए और पूरानों की जल्द दूसरे स्थान पर शिफ्टकर सही होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया जाए।
गेट पर की जा सकती है रैफर पर्ची की सुविधा-
दोनों चिकित्सालय में आने वाले मरीजों के लिए रैफर पर्ची की आवश्यकता रहती है। ऐसे में मेडिकल कॉलेज प्रशासन ऐसी व्यवस्था करें ताकि मरीज को चिकित्सालय के गेट से ही रैफर पर्ची मिल जाए और परिजन निजी चिकित्सालय में ले जाए। चिकित्सा प्रशासन को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए ताकि जीरों मोबिलिटी का पालन हो और संक्रमण का खतरा कम से कम हो। नहीं तो कहीं फिर से एक भी मरीज कोरोना का आ गया तो पूरी मेहनत पर पानी फिर जाएगा।
दिखवाते हैं
कुछ केस डिलेवरी और आईसीयू के मरीज भर्ती है। जिन्हे शीघ्र डिस्चार्ज किया जाएगा। इसके अलावा कुछ ही डॉक्टर को आवश्यक सेवाओं के लिए पास जारी किए गए है। फिर भी कोई जीरो मोबिलिटी की पालना नहीं कर रहा है तो इसे दिखवाते हैं।
सिद्धार्थ सिहाग, जिला कलक्टर, झालावाड़
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो