कैसे काम करती है ये सेवा इस जागरूकता अभियान में जी आर पी व रेलवे स्टेशन पर उपस्थित यात्रियों ने भी भरपूर सहयोग दिया। इस दौरान कई यात्रियों ने भी चाइल्ड लाइन के विषय में जानकारी मांगी। उन्होंने कहा कि कोई भी बच्चा अगर किसी मुसीबत में है तो उसके लिए यह सेवा कैसे काम करती है? इस सम्बंध में रेलवे चाइल्ड लाइन को-आर्डिनेटर बिलाल उल हक ने कहा कि चाइल्ड लाइन महिला एवं बाल विकास मंत्रालय तथा रेल मंत्रालय की यह एक ऐसी परियोजना है जो कि जरूरतमंद बच्चों को संरक्षण देने के लिए 24 घंटे तत्पर रहती है। इसके लिए 1098 नंबर दिया गया है। यह एक टोल फ्री नंबर है जो कि किसी भी मोबाइल सेवा से डायल किया जा सकता है। इस नंबर पर सम्बंधित व्यक्ति या सूचना देने वाले व्यक्ति की जानकारी पूर्ण रूप से गुप्त रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि आज के समय व परिस्थितियों को देखते हुए बच्चों को भी इस सेवा की जानकारी होना आवश्यक हो गया है। बच्चे अपने आस पास होने वाली गतिविधियों से अंजान होते हैं। वे अच्छे व बुरे की पहचान आसानी से नहीं कर पाते और इसी कारण वे आसानी से दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं।
ये लोग रहे उपस्थित रेलवे स्टेशन पर उपस्थित कई यात्रियों ने भी इस अभियान में भाग लिया। कई बच्चों ने भी 1098 नंबर को याद किया और कहा कि वह अपने दोस्तों को भी इस विषय में जानकारी देंगे और अपना भी ख्याल रखेंगे। इस जागरूकता अभियान में रेलवे चाइल्ड लाइन टीम से को-आर्डिनेटर बिलाल उल हक, काउंसलर भारती गहलोत, टीम सदस्य आलोक कुमार, ललित कुमार, राखी यादव, रेखा आर्य, श्वेता वर्मा आदि उपस्थित रहे।