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उमा भारती को लेकर झांसी-ललितपुर सीट पर फंसा पेंच, राजनाथ-उमा-केशव मौर्य के करीबी टिकट की दौड़ में

locationझांसीPublished: Mar 22, 2019 05:49:35 pm

Submitted by:

Ruchi Sharma

झांसी-ललितपुर सीट से उम्मीदवार, उमा भारती को लेकर आई बड़ी खबर

Uma bharti

झांसी-ललितपुर सीट से उम्मीदवार को लेकर बड़ी घोषणा , उमा भारती को लेकर आई बड़ी खबर

झांसी. भारतीय जनता पार्टी की टिकट की पहली सूची में उमा भारती के प्रतिनिधित्व वाली झांसी सीट का नाम नहीं होने से यहां टिकट के लिए घमासान और तेज हो गया है। उमा भारती द्वारा टिकट के लिए न कह दिए जाने के बाद यहां से केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री और झांसी की सांसद उमा भारती के साथ ही प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के करीबी टिकट की दौड़ में शामिल हैं। अब देखना है कि टिकट की इस होड़ और दौड़ में बाजी किसके हाथ लगती है।
ये हैं दावेदार

भारतीय जनता पार्टी में टिकट के लिए दावेदारों की सूची में इस समय कई नाम तेजी से उभरे हैं। इसमें सांसद उमाभारती अपने उत्तराधिकारी के रूप में सबसे करीबी बबीना विधायक राजीव सिंह पारीछा को प्रोजेक्ट कर रही हैं। वहीं, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के खेमे से झांसी सदर सीट से दो बार के विधायक रवि शर्मा हैं। इस चुनाव में कांग्रेस द्वारा कोई प्रत्याशी नहीं उतारे जाने से जातीय समीकरण भी काफी कुछ उनके लिए फेवरेबल नजर आ रहे हैं। वहीं, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के करीबी के रूप में प्रदेश के बौद्ध संस्थान के उपाध्यक्ष व दर्जा प्राप्त मंत्री हरगोविंद कुशवाहा हैं। हालांकि, कांग्रेस द्वारा जन अधिकार पार्टी के लिए सीट छोड़े जाने पर इस पार्टी ने यहां से कुशवाहा बिरादरी के शिवशरण को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। इससे हरगोविंद कुशवाहा का दावा अपेक्षाकृत कमजोर नजर आने लगा है। इसके अलावा बीच में अचानक ही पूर्व सांसद गंगाचरण राजपूत का नाम भी तेजी से उभरा। वहीं, पूर्व मंत्री रवींद्र शुक्ला भी टिकट के लिए कोशिश में लगे हुए हैं।
भाजपा ने आठ चुनाव बाद चखा था जीत का स्वाद

इस सीट पर भाजपा ने जीत का स्वाद नौवीं लोकसभा में चखा। तब 1989 में यहां से भाजपा के राजेंद्र अग्निहोत्री चुने गए। इसके बाद नौ साल में चार चुनाव हुए। 1989, 1991, 1996 व 1998 में हुए चुनाव में लगातार चार बार भाजपा के राजेंद्र अग्निहोत्री सांसद चुने गए। इसके बाद लगातार तीन चुनाव भाजपा के अच्छी खबर लेकर नहीं आए। फिर 2014 की मोदी लहर में झांसी की जनता ने उमा भारती को सिर आंखों पर बिठाया। इस बार उन्होंने चुनाव न लड़ने का ऐलान कर रखा है। ऐसे में देखना है कि भाजपा किसे चुनाव मैदान में उतारती है।
ये रहा सीट का ट्रैक रिकार्ड, लगातार रहे कांग्रेस सांसद

इस सीट पर 1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के रघुनाथ विनायक धुलेकर चुने गए। इसके बाद 1957, 1962 और 1967 में कांग्रेस की सुशीला नायर सांसद चुनी गईं। 1971 में गोविंद दास रिछारिया सांसद बने। फिर 1977 में हुए चुनाव में सुशीला नायर भारतीय लोकदल के टिकट पर चुनकर संसद में पहुंची। इसके बाद 1980 में कांग्रेस से पं.विश्वनाथ शर्मा सांसद बने। 1984 में कांग्रेस के सुजान सिंह बुंदेला सांसद चुने गए। फिर 1999 में सुजान सिंह बुंदेला दुबारा सांसद बने। इसके बाद 2009 से 2014 तक प्रदीप जैन आदित्य सांसद रहे।
एक बार रही सपा के पास सीट

झांसी सीट से समाजवादी पार्टी के चंद्रपाल सिंह यादव 2004 से 2009 तक सांसद रहे। इस बार देखना है कि समाजवादी पार्टी किसे चुनाव मैदान में उतारती है।
23.55 लाख मतदाता बनेंगे भाग्य विधाता

लोकसभा चुनाव 2019 में झांसी-ललितपुर संसदीय क्षेत्र के 2355730 मतदाता नेताओं के भाग्यविधाता बनेंगे। इसमें 1250186 मतदाता पुरुष, 1105437 मतदाता महिला और 107 मतदाता थर्ड जेंडर हैं।
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