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30 स्कूलों में 569 बच्चों के बीच सर्वे में 36 बच्चों को खतरनाक संक्रामक रोग होने की आंशका

locationझांसीPublished: Nov 18, 2018 02:36:32 pm

Submitted by:

BK Gupta

30 स्कूलों में 569 बच्चों के बीच सर्वे में 36 बच्चों को खतरनाक संक्रामक रोग होने की आंशका

36 child may effected by filaria in jhansi distt.

30 स्कूलों में 569 बच्चों के बीच सर्वे में 36 बच्चों को खतरनाक संक्रामक रोग होने की आंशका

झांसी। जिले में ट्रांसमिशन ऐसेसमेण्ट सर्वे में जनपद के 30 स्कूलों के 569 बच्चों का परीक्षण किया गया। इसमें 36 बच्चों में फाइलेरिया होने की आशंका पाई गई।
सरकार का 2020 का है लक्ष्य
भारत सरकार के द्वारा देश को फाइलेरिया से मुक्त बनाने का लक्ष्य 2020 निर्धारित हैं। अतः जनपद में फाइलेरिया की स्थिति को पता करने के लिए एक सर्वे किया गया। जिला मलेरिया अधिकारी आर के गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में फाइलेरिया से मुक्ति के लिए फाइलेरिया मुक्त कार्यक्रम चलाया जा रहा हैं। इसमें 24 जिले ऐसे हैं जहां यह कार्यक्रम नहीं चल रहा है। इसमें एक झांसी जिला भी है, लेकिन भारत सरकार के आदेशानुसार यहां एक सर्वे किया गया। इसमें प्रत्येक ब्लॉक के सभी जूनियर हाई स्कूल (सरकारी/निजी) को चिन्हित कर उनमें से रेंडम 4 स्कूलों में से प्रत्येक स्कूल के 16 बच्चों में फाइलेरिया जांच करनी थी। इसके तहत जनपद के कुल 30 स्कूल के 569 बच्चों का परीक्षण कर उनमें से 36 बच्चों में फाइलेरिया होने की आशंका पाई गई है।
हाथी पांव के नाम से जाना जाता है ये रोग
फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है। इसे सामान्यतः हाथी पांव के नाम से भी जाना जाता है। इसके मच्छर अधिकतर गंदगी में पनपते हैं। संक्रमित व्यक्ति को काटकर यह मच्छर संक्रमित हो जाते हैं। इसके बाद यही संक्रमित मच्छर स्वस्थ व्यक्ति को काटकर संक्रमित कर देते हैं। इससे संक्रमित व्यक्तियों को हाथी पांव व हाइड्रोसिल का खतरा बढ़ जाता है। इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि घर और आस-पास मच्छरों को पनपने न दें। साफ़-सफाई रखें। सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें, ताकि इस बीमारी की चपेट में आने से बच सकें।
चलाया जा रहा है अभियान :
प्रदेश के 50 जिलों में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए मॉस ड्रग एडमिनिस्ट्रीएशन (एमडीए) प्रोग्राम चलाया जा रहा हैं। इसके पहले चरण में 14 से 18 नवम्बर तक इलाहाबाद, कानपुर और लखनऊ मंडल के 20 जिलों में यह अभियान चल रहा हैं। अन्य 30 जिलों में अगले साल 10 से 14 फरवरी तक यह प्रोग्राम चलाया जाएगा।
जिला मलेरिया अधिकारी के अनुसार झांसी में यह कार्यक्रम चलाया जाना चाहिए या नहीं, इस बात की पुष्टि सर्वे की रिपोर्ट भेजने के बाद प्रदेश स्तर पर लिया जाएगा। झांसी से वह रिपोर्ट प्रदेश सरकार के पास भेजी जा चुकी है। अब वहां से आदेश आएगा कि यहां फाइलेरिया कार्यक्रम चलाया जाये या नहीं। जिला मलेरिया अधिकारी के अनुसार वर्ष 2015 में फाइलेरिया के ऊपर एक सर्वे हुआ था जिसमें जनपद में 65 मरीज फाइलेरिया के पाये गए थे।
फाइलेरिया के लक्षण :
– सामान्यतः तो इसके कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते हैं।
– बुखार, बदन में खुजली तथा पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द और सूजन की समस्या दिखाई देती है।
– पैरों व हाथों में सूजन, हाथी पांव और हाइड्रोसिल (अंडकोषों का सूजन) के रूप में भी यह समस्या सामने आती है।

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