ये था मध्यप्रदेश पुलिस का तरीका मऊरानीपुर के ग्राम ढिमलोनी में रहने वाला अनूप सिंह मोटर साइकिल पर सवार होकर दुकान पर काम करने के लिए निकला था। रास्ते में पहले से मौजूद कार सवार पांच युवकों ने उसकी मोटरसाइकिल को रोका और बात करने लगे। इसी बीच उसे जबरदस्ती कार में डालकर मध्य प्रदेश की ओर ले गए।
यहां अपहरण की सूचना सभी जगह फैल गई। इस पर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक कुलदीप नारायण मऊरानीपुर आये और अपहरणकर्ताओं को पकड़ने के लिए पुलिस टीम गठित कर दी। इसी बीच ‘अपहृत’ युवक का फोन आया कि वह टीकमगढ़ में है। इस पर मऊरानीपुर पुलिस टीकमगढ़ पहुंची ओर युवक को टीकमगढ़ बस स्टैंड से लेकर मऊरानीपुर आई।
ये है युवक का कहना अनूप ने बताया कि अपहरणकर्ताओ की संख्या पांच थी। उन्होंने मुझे जबरदस्ती कार में खींचकर बैठा लिया और पहले छतरपुर की तरफ ले गए। इसके बाद वे जतारा की तरफ होते हुए टीकमगढ़ ले गए। वे उससे तीन महीने पहले हुई उसके नाना की हत्या के बारे में पूछताछ करते रहे।
उसके नाना छपरा मध्य प्रदेश निवासी जगदीश की हत्या कर दी गई थी। युवक का कहना है कि मैं जो बताता गया, उसे वो डायरी में लिखते रहे। वो अपने को पुलिस कर्मी बता रहे थे। सभी की कमर में पिस्तौल लगी थी। उन्होंने मेरे साथ मारपीट नहीं की। रास्ते में उसे केले भी खिलाये और टीकमगढ़ मध्य प्रदेश बस स्टैंड पर उसे उतारते समय मुझसे एक कागज पर लिखवा लिया कि उन्होंने रास्ते में पिटाई नहीं की। अनूप के वापस आने पर पुलिस ने राहत की सांस ली।