झांसी। भगवान जगन्नाथ जी ने बहन सुभद्रा एवं भाई बलभद्र के साथ रथ पर आरुढ़ होकर हरे कृष्णा-हरे रामा की भक्ति धुन के मध्य महानगर में भ्रमण किया। रथयात्रा में देशी-विदेशी भक्त संगीत की धुनों पर झूमते नजर आए। इस दौरान विभिन्न व्यापारी, समाजसेवी एवं राजनीतिक संगठनों के सदस्यों व आम श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर भगवान जगन्नाथ जी की रथयात्रा का स्वागत किया।
कृष्ण भक्ति से किया सराबोर
अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कान) के तत्वावधान में राजकीय संग्रहालय के सामने से शुभारंभ हुई भगवान जगन्नाथ जी की रथयात्रा में देश-विदेश से आए भक्तों ने लोकनाथ स्वामी महाराज के नेतृत्व में हरिनाम संकीर्तन कर समूचे महानगर को कृष्ण भक्ति के रंग से सराबोर कर दिया। महिला भक्तों ने जहां तन्मयता से नृत्य किया, वहीं अन्य भक्तों ने यात्रा मार्ग पर जगह-जगह सुंदर रंगोली का चित्रण किया। इस दौरान रथयात्रा का संचालन इस्कॉन के उत्तर भारत के जोनल सेक्रेटरी देवकी नंदन प्रभु ने किया। कार्यक्रम में श्रीलप्रभुपाद के परम शिष्य श्रील लोकनाथ स्वामी महाराज का दिव्य सानिध्य सभी को प्राप्त हुआ।
ये रहा रथयात्रा का रूट
रथयात्रा राजकीय संग्रहालय से प्रारंम्भ होकर जीवनशाह तिराहा, इलाइट चौराहा, वाणिज्यकर कार्यालय, झांसी होटल, सदर बाजार, कचहरी चौराहा, जेल चौराहा, झोकनबाग, गोविंद चौराहा, मिनर्वा चौराहा होते हुए इस्कॉन
मंदिर पर समाप्त हुई। लोकनाथ स्वामी ने भगवान जगन्नाथ की लीलाओं एवं रथयात्रा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान जगन्नाथ स्वयं मंदिर से निकलकर रथ पर विराजमान होकर भक्तों पर कृपा प्रदान करते हैं। देश विदेश से आए भक्तों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया। शाम को महाआरती का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सुरेंद्र राय, गंगाराम शिवहरे, पीयूष रावत, करूण सिंधु दास, अशोक सेठ, अभयचरण दास, राजीव अग्रवाल, महेश सर्राफ, भूपेंद्र रायकवार शामिल रहे।
26 फरवरी से ये होंगे कार्यक्रम
मंदिर अध्यक्ष बृजभूमि दास ने बताया कि 26 फरवरी को प्रातः 8 बजे से 10 बजे तक दर्शन आरती, गुरूपूजा एवं श्रीमद् भागवत पर श्रील लोकनाथ स्वामी द्वारा प्रवचन, 26 फरवरी से एक मार्च तक संध्या आरती, कीर्तन, जगन्नाथ एवं गौर कथा, शाम 6.30 बजे से 9 बजे तक प्रवक्ता श्यामसुन्दर प्रभु
वृन्दावन धाम द्वारा कथा, दो मार्च को श्री चैतन्य महाप्रभु जन्मोत्सव का आयोजन होगा। इसके अलावा प्रातः पांच बजे
मंगल आरती, श्रृंगार दर्शन, गुरूपूजा एवं श्रीकृष्ण चैतन्य कथा, आठ बजे पंचामृत द्वारा भगवान का अभिषेक, शाम छह बजे से सात बजे तक श्रीकृष्ण चैतन्य कथामृत, छप्पनभोग, श्रृंगार एवं महाआरती कीर्तन तथा तीन मार्च को संध्या आरती, कीर्तन, फूलों की होली होगी।