झांसी

ये हैं मेयर के प्रमुख उम्मीदवार, बड़े-बड़ों की प्रतिष्ठा दांव पर

पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व विधायक भी लड़ रहे हैं चुनाव, कोई है संघ का चहेता तो कोई अखिलेश यादव का

झांसीNov 06, 2017 / 01:05 pm

Abhishek Gupta

ये हैं झांसी से मेयर के प्रमुख उम्मीदवार, बड़े-बड़ों की प्रतिष्ठा दांव पर

झांसी। नगर निगम के मेयर के चुनाव में इस बार कड़ा मुकाबला होने के आसार नजर आने लगे हैं। इस चुनाव में कांग्रेस से जहां पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य मैदान में हैं, तो बसपा से पूर्व विधायक बृजेंद्र व्यास। समाजवादी पार्टी से पार्टी अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी राहुल सक्सेना हैं, तो भारतीय जनता पार्टी ने संघ के चहेते व्यापारी नेता रामतीर्थ सिंघल को मैदान में उतारा है। केंद्रीय मंत्री उमा भारती के संसदीय क्षेत्र में होने के कारण यह चुनाव उनकी भी प्रतिष्ठा से जोड़कर देखा जाएगा।
भाजपा- रामतीर्थ सिंघल

भाजपा ने पार्टी के अंदर निर्विवादित छवि के व्यापारी नेता रामतीर्थ सिंघल को टिकट दिया है। वह 61 साल के हैं। उनका जन्म 23 नवंबर 1956 को जगदीश प्रसाद सिंघल के यहां हुआ था। उन्होंने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। पढ़ाई के समय से ही वह वर्ष 1974 से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में सक्रिय हो गए। वह 1980 से ही भारतीय जनता पार्टी में सक्रिया भूमिका निभाते आ रहे हैं। इतना ही नहीं, उनका संघ का सफरनामा भी काफी लंबा है। संघ के स्वयं सेवक के रूप में उनकी संघ आयु करीब 40 साल है। इसके अलावा रामजन्मभूमि आंदोलन में भी उनका सहयोग रहा है। इसके साथ-साथ वह सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं।
कांग्रेस- प्रदीप जैन आदित्य

कांग्रेस से सन् 2009 से 2014 तक मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली केंद्र की सरकार में केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री रह चुके प्रदीप जैन आदित्य इस बार झांसी नगर निगम से मेयर का चुनाव लड़ रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन का राजनीतिक सफर पूरी तरह से कांग्रेसी रहा है। उन्होंने संगठन में महानगर अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी निभाई है। इसके बाद पार्टी में उनकी सक्रियता को देखते हुए उन्हें विधानसभा का टिकट दिया गया और वह 2007 में झांसी विधानसभा सीट से एमएलए बने। इसके बाद पार्टी ने दो साल बाद ही 2009 में हुए लोकसभा चुनाव मैदान में उन्हें झांसी-ललितपुर संसदीय सीट से लोकसभा का टिकट दे दिया। जनता ने उन्हें चुनकर लोकसभा में पहुंचा दिया। वहां पर पार्टी की मुखिया सोनिया गांधी के आशीर्वाद से बुंदेलखंड के प्रतिनिधि के रूप में मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री की जिम्मेदारी मिल गई। हालांकि, 2014 में उन्हें लोकसभा चुनाव में पराजय का सामना करना पड़ा।
बसपा- बृजेंद्र व्यास

बहुजन समाज पार्टी ने गरौठा क्षेत्र के पूर्व विधायक बृजेंद्र व्यास को चुनाव मैदान में उतारा है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि बृजेंद्र व्यास दो बार झांसी विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं और उनका जनाधार भी है। एक उपचुनाव में वह निर्दलीय के रूप में विधानसभा का चुनाव लड़े और केवल नौ वोट के अंतर से चुनाव हार गए। उसके बाद वह कांग्रेस के टिकट पर भी झांसी सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। तब भी वह कुछ खास नहीं कर पाए थे। इस बार उन्हें इकलौते ब्राह्मण प्रत्याशी होने का लाभ मिल सकता है, क्योंकि झांसी विधानसभा से पिछले 12 चुनाव में से 11 बार ब्राह्मण प्रत्याशी ही विधायक चुने गए हैं।
समाजवादी पार्टी- राहुल सक्सेना

झांसी मेयर का टिकट हासिल करने वाले राहुल सक्सेना मूल रूप से गुरसरांय के रहने वाले हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा खेर इंटर कालेज गुरसरांय में हुई। इसके बाद उन्होंने पीएमबी गुजराती कालेज इंदौर से पढ़ाई की और फिर इंदौर के ही क्रिश्चियन कालेज से एलएलबी किया। उनके पिता प्रभात सक्सेना भी वकील हैं और वह भी पहले राजनीति में सक्रिय भागीदारी निभाते रहे हैं। राहुल सक्सेना को टीम अखिलेश का सदस्य माना जाता रहा है। उन्हें समाजवादी युवजन की प्रदेश टीम में भी जगह मिली और अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में उन्हें झांसी विकास प्राधिकरण का सदस्य भी नामित किया गया।
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