पार्टी की बैठक में की गई घोषणा बहुजन समाज पार्टी की बैठक में पार्टी की मुखिया व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के निर्देश पर बुंदेलखंड प्रभारी व मुख्य जोन इंचार्ज लाला राम अहिरवार ने दिलीप कुमार सिंह को हमीरपुर-महोबा-तिंदवारी संसदीय सीट का लोकसभा प्रभारी बनाए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सपा व बसपा गठबंधन चुनाव में भाजपा को हराएगा। इस मौके पर मुख्य जोन इंचार्ज गयाचरण दिनकर, अरुण पटेल, शिवदयाल रत्नाकर, प्रदीप वर्मा, कमलेश वर्मा समेत अनेक पार्टी कार्यकर्ता मौजूद रहे।
अब इन सीटों पर नजर हमीरपुर-महोबा सीट से प्रत्याशी की घोषणा के बाद अब लोगों की नजर बुंदेलखंड की बाकी की तीन सीटों पर लग गई है। इसमें माना जा रहा है कि दो सीटें सपा के खाते में जाएंगी। इनमें से कौन सी सीट किसके खाते में आएगी, यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन इसको लेकर दावेदारों में जोड़तोड़ का दौर चरम पर है। जनता में भी संभावित प्रत्याशियों के नामों को लेकर अटकलों का दौर चल रहा है।
ये थी 2014 की चुनावी तस्वीर लोकसभा के 2014 के चुनावी महासमर में मोदी लहर पर सवार होकर बुंदेलखंड की चारों सीटें भाजपा की झोली में आ गई थीं। तब दो सीटों पर सपा-बसपा प्रत्याशियों के वोट भाजपा से ज्यादा थे। इसमें झांसी-ललितपुर सीट पर भाजपा की उमा भारती 5.75 लाख वोट हासिल करके चुनाव जीती थीं। इस सीट पर सपा दूसरे नंबर पर और बसपा तीसरे नंबर पर थी। इन दोनों ही पार्टियों के प्रत्याशियों को मिलाकर यहां पर 5.99 लाख वोट मिले थे। उधर, बांदा-चित्रकूट संसदीय सीट का भी हाल कुछ ऐसा ही था। इस सीट पर भाजपा के भैरों प्रसाद मिश्र सांसद चुने गए थे। उन्हें 3.42 लाख वोट हासिल हुए थे। इस सीट पर सपा और बसपा के प्रत्याशियों को मिलाकर 4.16 लाख वोट मिले थे।
यहां भाजपा थी दोनों दलों के प्रत्याशियों से आगे उधर, हमीरपुर-महोबा संसदीय सीट पर भाजपा के पुष्पेंद्र सिंह चंदेल 4.53 लाख वोट हासिल करके सांसद चुने गए थे। इस सीट पर सपा-बसपा के प्रत्याशियों को 3.63 लाख वोट हासिल हुए थे। उधर, जालौन-गरौठा सीट पर भआजपा के भानु प्रताप वर्मा 5.48 लाख वोट हासिल करके सांसद चुने गए थे। इस सीट पर सपा-बसपा प्रत्याशियों को मिलाकर 4.42 लाख वोट हासिल हुए थे। ऐसे में अब देखना है कि इस चुनाव में भाजपा इस सपा-बसपा गठबंधन का मुकाबला किस तरह से करती है।