scriptबुंदेलखंड के डकैतों को राजनीति में भी रहा जलवा, खुद भी जीते और जिसे चाहा, उसे जिताया | Bundelkhand dacoits also get involved in politics | Patrika News

बुंदेलखंड के डकैतों को राजनीति में भी रहा जलवा, खुद भी जीते और जिसे चाहा, उसे जिताया

locationझांसीPublished: Mar 19, 2019 04:40:48 pm

Submitted by:

Ruchi Sharma

बुंदेलखंड के डकैतों को राजनीति में भी रहा जलवा, खुद भी जीते और जिसे चाहा, उसे जिताया

jhansi

बुंदेलखंड के डकैतों को राजनीति में भी रहा जलवा, खुद भी जीते और जिसे चाहा, उसे जिताया

झांसी. कभी अपराध के क्षेत्र में डंका बजाने वाले बुंदेलखंड के डकैतों का राजनीति से भी गहरा सरोकार रहा है। एक तरह से हमेशा ही राजनीति के क्षेत्र में इनका जलवा रहा है। उनके इशारों पर ही राजनीति चलती नजर आई। जब जिसे चाहे चाहा, उसके पक्ष में फरमान जारी करके उसे जितवा दिया। इतना नहीं, कई ने तो खुद भी राजनीति के क्षेत्र में बुलंदियों तक पहुंचने में कामयाबी पाई है।
इन क्षेत्रों में रहा है खासा दखल

राजनीति में डकैतों का वर्चस्व धीरे-धीरे बढ़ा है। डाकुओं के वर्चस्व से प्रभावित इलाकों में बुंदेलखंड के ललितपुर, बांदा, चित्रकूट, जालौन और हमीरपुर रहे हैं। इसके अलावा मध्यप्रदेश के चंबल वाला इलाका भी इनसे खासा प्रभावित रहा है। पहले डकैतों ने अपने लिए राजनीतिक आकाओं की शरण ली। फिर राजनेता अपने चुनाव के लिए डकैतों का इस्तेमाल करने लगे। इसके बाद डकैतों की दिलचस्पी राजनीति में बढ़ने लगी। इसके बाद डकैत सीधे चुनाव में उतरने लगे। धीरे-धीरे सभी पार्टियों के लिए यह एक फायदे का सौदा साबित होने लगा।
सभी दल रहे हैं शामिल

राजनीति के अपराधीकरण और अपराधियों के राजनीतिकरण की दौड़ और होड़ से कोई भी दल अछूता नहीं रहा है। भाजपा ने पूर्व डकैत तहसीलदार सिंह को मुलायम सिंह यादव के खिलाफ विधानसभा चुनाव में उतारा, तो बहुजन समाज पार्टी ने भी राम सेवक पटेल, हरी प्रसाद जैसों को चुनाव में मौका दिया। वहीं, मुलायम सिंह यादव ने दस्यु सुंदरी फूलन देवी को टिकट देकर संसद में नुमाइंदगी का मौका दिया। उधर, अस्सी के दशक का सबसे चर्चित नाम रहा डकैत शिवकुमार उर्फ ददुआ। ददुआ पर दो राज्यों ने इनाम घोषित किया था।
ददुआ को पहले बीएसपी ने अपने पाले में किया और ददुआ का फरमान जारी हो गया। मोहर लगाना हाथी पर, वरना गोली चलेगी छाती पर। ददुआ के परिजन चुनाव लड़ने लगे। उसका लड़का वीर सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष रहा। बीच में ददुआ की नजदीकी सपा से हुई लेकिन वह पुलिस एनकाउंटर में मारा गया, हालांकि तब तक उसका राजनीतिक साम्राज्य खड़ा हो चुका था। ददुआ के पुत्र वीर सिंह समाजवादी पार्टी के चित्रकूट से विधायक रहे। ददुआ के भाई बाल कुमार पटेल सांसद रह चुके हैं और उनके पुत्र राम सिंह प्रतापगढ़ में पट्टी विधान सभा में सपा विधायक रहे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो