झांसी। स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस पर मनाए जाने वाले युवा दिवस से बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी में पीएचडी कोर्सवर्क का शुभारंभ हुआ। इस मौके बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेंद्र दुबे ने कहा कि शोधार्थी के लिए शोधकार्य वास्तव में दुरूह कार्य है। मौलिक शोध के लिए शोधार्थी में संकल्प शक्ति होना जरूरी है। कुलपति यहां विश्वविद्यालय के गांधी सभागार में आयोजित समारोह में नए शोधार्थियों के बीच में बोल रहे थे।
इंटरनेट व कंप्यूटर में ज्ञान का भंडार
कुलपति ने कहा कि वर्तमान में विज्ञान एवं तकनीकी ने शोधार्थियों को काफी सुविधाएं उपलब्ध करवा दी हैं। इन्टरनेट तथा कम्प्यूटर पर सम्पूर्ण विश्व का ज्ञान आपके पास उपलब्ध है। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे वर्तमान में जारी कट एण्ड पेस्ट पद्यति का उपयोग न कर मौलिक शोध की ओर अपना ध्यान दें। आवश्यक नहीं कि शोध रिपोर्ट बहुत लम्बी तथा मोटी हो, उसे तो मौलिक तथा तथ्यपरक होना चाहिये। कुलपति ने बताया कि शोध के लिए प्रस्तुतीकरण में वैज्ञानिकता का समन्वय होना आवश्यक है। कुलपति ने समस्त नव शोधार्थियों को उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
गुणवत्तापूर्ण शोधकार्य शोधार्थी के लिए बैंक बैलेंस जैसा
इससे पूर्व बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में पीएचडी समन्वयक प्रो ओपी कण्डारी ने प्री पीएचडी कोर्स वर्क की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता पूर्ण शोध एक बैंक बैलेन्स की भांति होता है जो जीवन भर शोधार्थी के काम आता रहता है। गुणवत्ता पूर्ण एवं मौलिक शोधकार्य के आधार पर ही शोधार्थी अपने शोधपत्रों को प्रकाशन कर सकता है जो कि उसके भविष्य के लिए लाभदायक होते हैं। उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों को आगाह किया कि शोधकार्य की मात्रा की अपेक्षा उसकी गुणवत्ता अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है। अतः उन्हें शोध में मात्रा की अपेक्षा गुणवत्ता पर अधिक ध्यान देना चाहिये।
शिक्षा पर ध्यान दें शोधार्थी
संकायाध्यक्ष कला प्रो रोचना श्रीवास्तव ने इस अवसर पर कहा कि प्री पीएचडी के इस पाठ्यक्रम में शोधार्थियों का अपने अध्ययन पर पूरा ध्यान देना चाहिये, क्योंकि शोध की मूल रूपरेखा इस पाठ्यक्रम की पढाई के दौरान की सिखाई जाती है। संकायाध्यक्ष विज्ञान प्रो एस पी सिंह, वित्त अधिकारी धरमपाल तथा कुलसचिव व्यास नारायण सिंह ने भी उपस्थित शोधार्थियों को सम्बोधित किया तथा उन्होंने कोर्स वर्क हेतु शुभकामनाएं दी।
ये लोग रहे उपस्थित
इस अवसर पर प्रो वीके सहगल, प्रो एमएल मौर्य, प्रो वीपी खरे, प्रो अपर्णाराज, प्रो एसके कटियार, प्रो अवनीष कुमार, प्रो नीरज गुप्ता, प्रो आर के सैनी, डा रमेश कुमार, डा डीके भट्ट, डा विनीत कुमार, डा नीता यादव, डा संदीप आर्य, डा अंकित श्रीवास्तव, डा सुनील त्रिवेदी, डा संचय निबोरिया, डा श्वेता पांडेय, डा पूनम मेहरोत्रा, डा नेहा मिश्रा व परीक्षा नियन्त्रक पी एन प्रसाद सहित विभिन्न विभागों के शिक्षक एवं शिक्षिकाएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डा प्रतीक अग्रवाल ने किया। कार्यक्रम के अन्त में प्रो एम एम सिंह ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।