दृढ़ इच्छाशक्ति से करें ये काम, कम हो जाएंगे हार्टअटैक व कैंसर के खतरे
झांसीPublished: Nov 03, 2018 07:18:47 am
दृढ़ इच्छाशक्ति से करें ये काम, कम हो जाएंगे हार्टअटैक व कैंसर के खतरे
दृढ़ इच्छाशक्ति से करें ये काम, कम हो जाएंगे हार्टअटैक व कैंसर के खतरे
झांसी। जिला तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ के द्वारा मुख्य चिकित्सा कार्यालय में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में झांसी के विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाओं से आए सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तंबाकू के बारे में चर्चा की एवं बताया कि यदि आज किशोर एवं वयस्क तंबाकू के सेवन को छोड़ दें तो समाज में एक सकारात्मक संदेश जाएगा, जिससे लाखों युवाओं को प्रेरणा एवं प्रोत्साहन मिलेगा। कार्यशाला में इस बात पर ज़ोर दिया गया कि तंबाकू एक ऐसी लत है जो बिना दृढ़संकल्प एवं प्रोत्साहन से नहीं छूट सकती है। दृढ़इच्छा शक्ति से तंबाकू छोड़कर हार्टअटैक व कैंसर के खतरों को कम किया जा सकता है।
तंबाकू से होती हैं 25 से ज्यादा बीमारियां
इस मौके पर डा॰ प्रतीक गुबरेले, जिला सलाहकार, राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम ने बताया कि तंबाकू के सेवन से दुनिया में प्रति वर्ष े 60 लाख लोगों की मृत्यु होती है जबकि भारत में 10 लाख लोग प्रति वर्ष तंबाकू के सेवन से मरते है। तंबाकू सेवन करने से 25 से अधिक खतरनाक बीमारियां होती है, जिसको शुरुआती समय में नियंत्रण करने से ही बचा जा सकता है। उन्होने बताया कि यूपी की 40 फीसदी वयस्क आबादी तंबाकू का सेवन करती है, जिसमें खैनी, ज़र्दा, सिगरेट, बीड़ी, हुक्का आदि तंबाकू उत्पाद शामिल हैं। उन्होंने बताया कि तंबाकू दो तरीके की होती है एक चबाने वाली और धुएं वाली। दोनों ही स्थिति में इसका सेवन बहुत ही जानलेवा है। वहीं परोक्ष धूम्रपान बीड़ी सिगरेट न पीने वाले वयस्कों व बच्चों सभी को हानि पहुंचाता है।
ऐसे कम होते जाते हैं खतरे
डा.गुबरेले ने बताया कि तंबाकू सेवन को नियंत्रण में करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को संकल्प की आवश्यकता होती है। यदि कोई व्यक्ति तंबाकू सेवन छोड़ता है तो पहले आठ घंटें के अंदर शरीर में कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर गिरने लगता है, इसके तीन दिन बाद सांस लेने में राहत मिलती है। 6 माह पश्चात खांसी, भरी हुयी नाक, और थकावट महसूस होना समाप्त हो जाती है। जबकि 1 साल के अंदर हार्ट अटैक का खतरा आधा कम हो जाता है जबकि 10 साल के अंदर फेंफड़ो के कैंसर का खतरा आधा कम हो जाता है। वहीं 15 साल के पश्चात एक सामान्य व्यक्ति जिसने कभी धूम्रपान नहीं किया हो उसी की तरह हार्ट अटैक का खतरा रह जाता है।
एक्ट की जानकारी दी
उन्होंने कोटपा (सिगरेट एंड अदर्स टोबेको प्रॉडक्ट) एक्ट-2003 की विभिन्न धाराओं के बारे में सभी को अवगत कराया। अधिनियम की धारा-4 के अनुसार स्टेशन, बस स्टैण्ड, होटल, विद्यालय, कॉलेज या अन्य सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करना वर्जित है। धारा-6 अ के बारे में विस्तार से बताया गया कि 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के लोगों को धूम्रपान सम्बन्धी सामग्री बेचना व उनसे बिकवाना दोनों ही अधिनियम का उल्लंघन माना जायेगा। धारा-6 ब के अन्तर्गत विद्यालय के 100 गज की परिधि में कोई भी धूम्रपान की दुकान नहीं होना चाहिये तथा विद्यालय के मुख्य द्वार पर अधिनियम के अनुसार तम्बाकू मुक्त विद्यालय का बोर्ड लगा होना चाहिये। धारा-5 के अन्तर्गत किसी भी तम्बाकू सामग्री के प्रोत्साहन से सम्बन्धित विज्ञापन न करने के बारे में बताया गया।
कई तरह के कैंसर बढ़ाती है तंबाकू
डॉ आरएस वर्मा, एसीएमओ एवं गैर संचारी रोग के नोडल अधिकारी ने बताया कि तंबाकू, कई तरह के कैंसर को बढ़ाने का काम करता है। इसमें पाये जाने वाला निकोटीन एक ऐसा पदार्थ है जो ब्लडप्रेशर बढ़ाता है, साथ ही निकोटीन के सेवन की आदत को भी बढ़ाता है। इसके पश्चात इस आदत को छोडना मुश्किल हो जाता है। तंबाकू के सेवन से ब्लडप्रेशर, हृदय रोग, दमा रोग, लकवा, कैंसर एवं शारीरिक समस्याएँ भी बढ्ने लगती है। तंबाकू की लत को छोडने के लिए सबसे पहले तो व्यक्ति को अपने मन में दृढ़ करना होगा लेकिन इसके बावजूद यदि किसी भी प्रकार की समस्या आती है तो डॉक्टर व सलाहकार के पास जाएं, उनसे सलाह लें और उपचार कराएं। उन्होंने कार्यशाला में मौजूद सभी स्वयं सेवी संस्थाओं से अपील की कि स्कूलों, विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्व विद्यालयों में जाकर बच्चों एवं युवाओं को जागरूक करें, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक संदेश पहुंच सके। उन्होंने स्वयं सेवी संस्थाओं से कहा कि विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रचार-प्रसार सामग्री मुहैया कराई जाएगी। इस अवसर पर संजय पटवारी प्रदेश अध्यक्ष यूपी व्यापार मण्डल, ध्रुव सिंह यादव, मार्गश्री संस्था, प्रहलाद, लक्ष्य सेवा समिति, जिला तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ से जितेंद्र रजत एवं अन्य संस्थाओं के सदस्य मौजूद रहे।