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स्वास्थ्य विभाग ने किया धर्मगुरुओं का सम्मेलन, बताया- परिवार को कैसे रखें नियोजित

locationझांसीPublished: Jul 11, 2018 04:07:13 am

Submitted by:

BK Gupta

स्वास्थ्य विभाग ने किया धर्मगुरुओं का सम्मेलन, बताया- परिवार को कैसे रखें नियोजित

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स्वास्थ्य विभाग ने किया धर्मगुरुओं का सम्मेलन, बताया- परिवार को कैसे रखें नियोजित

झांसी। मुख्य चिकित्सा कार्यालय में मुख्य चिकित्साधिकारी डा॰ सुशील प्रकाश की अध्यक्षता में धर्मगुरु सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न धर्मों के गुरुओं ने परिवारों को कैसे नियोजित रखा जाए, इसके लिए सलाह दी। इसके अलावा कार्यक्रम में पुरुष नसबंदी लाभार्थियों को परिवार नियोजन के इस बेहतर कार्य हेतु सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में हिन्दू धर्म गुरु हरिओम पाठक, मुस्लिम धर्म से मौलाना हासिम शहर काजी सराय तथा क्रिश्चियन धर्म से जॉन फर्नांडीस उपस्थित रहे।
25 जुलाई तक मनाया जाएगा पखवाड़ा
मुख्य चिकित्साधिकारी डा॰ सुशील प्रकाश ने बताया कि 11 से 25 जुलाई तक मनाये जाने वाले पखवाड़े की जानकारी देने के लिए यह सम्मेलन मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा “हमारा समाज बहुत सारे धर्मों को मानता है। मेरे हिसाब से धर्म एक विचारधारा है, तो इस सम्मेलन के माध्यम से अलग अलग विचारधाराओं को परिवार नियोजन के लिए एक साथ लाना हैं।”
जनसंख्या स्थिरता एक ऐसा विषय है जो प्रत्येक धर्म के लोगों के लिए एक समान है। भारत एक ऐसा देश है जहां विभिन्न धर्मों के लोग रहते है। इनके पहनावे, बोलचाल और खानपान सब अलग-अलग हैं, लेकिन यह एक ऐसा विषय है जिसमें सभी धर्म के लोगों को परिवारों को नियोजित रखने के लिए जागरूक और प्रयत्नशील रहने की जरूरत है।
दो बच्चों के बीच हो पांच साल का अंतर
धर्मगुरु हरिओम पाठक ने बताया कि परिवार नियोजन की दिशा में बहुत काम करने की आवश्यकता हैं। सरकार द्वारा दो बच्चों के बीच 3 साल का अंतर रखने की बात कही गई हैं लेकिन उनका व्यक्तिगत मत हैं कि दो बच्चों के मध्य कम से कम 5 साल का अंतर हो, जिससे कि दो बच्चों वाली नीति सफल हो सके। वहीं, फादर जॉन फर्नांडीस ने कहा कि इस विषय पर सरकार काफी समय से काम कर रही हैं, तो यह बहुत नयी चीज है कि अब इसमें धर्म गुरुओं को जोड़ा जा रहा हैं। “हमारा देश जनसंख्या में दूसरे नंबर पर हैं। यदि बेहतर प्रयास नहीं किए गए तो विपत्ति भी आ सकती हैं।‘’ फादर ने सुझाव दिया कि विभाग को चाहिए कि वह हर धार्मिक स्थल पर परिवार नियोजन की विधियों से लिखित संदेश लगाएं। साथ ही हर धार्मिक स्थल पर एक ऐसा केंद्र होना चाहिए जहां परिवार नियोजन की सुविधाएं भी उपलब्ध हों जैसे गर्भनिरोधक गोलियां, कंडोम आदि के बॉक्स लगवाए जाएं। इससे ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोग परिवार नियोजन में भागीदारी दिखा सकेंगे।
जागरूकता बढ़ाने पर जोर
संयुक्त निदेशक रेखा रानी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को जनसाधारण के मध्य एक ऐसा विश्वास पैदा करना होगा, जिससे परिवार नियोजन की सुविधाओं के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोग जागरूक हो सकें। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन की सभी विधियों को बताकर स्वेच्छानुसार लाभार्थियों को साधन मुहैया करायें। इसके उपरांत जो लाभार्थी विधियां अपना रहे हैं, उनका फॉलो-अप भी अतिआवश्यक है।
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