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योगी राज में मदरसों को लेकर हो गया ये बड़ा निर्णय, मच गया हड़कंप

locationझांसीPublished: Feb 21, 2019 10:52:55 am

मदरसों को लेकर बड़ा फैसला, उर्दू भाषा को लेकर हुआ ये एलान, मचा हड़कंप…

CM Yogi Adityanath Government action for UP Madarsa

योगी राज में मदरसों को लेकर हो गया ये बड़ा निर्णय, मच गया हड़कंप

झांसी. यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ के राज में मदरसों में होने वाली गड़बड़ियों को रोकने के लिए एक बड़ा निर्णय हुआ है। इसके तहत हाजिरी रजिस्टर से लेकर पत्राचार तक की सारी सूचनाओं को उर्दू के साथ-साथ हिंदी में भी दर्ज करने की अनिवार्यता लागू की गई है। इतना नहीं, इस पर अमल करवाने की जिम्मेदारी मदरसे के प्राचार्य पर डाली गई है। इस संबंध में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने सभी मदरसों को लिखित आदेश जारी कर दिए हैं। इसमें साफ तौर पर हिदायत दी गई है कि अगर इस आदेश को अमल में नहीं लाया गया, तो संबंधित प्राचार्य के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

अभी तक होता था सिर्फ उर्दू का प्रयोग

अब हाजिरी रजिस्टर से लेकर पत्राचार तक में उर्दू भाषा का प्रयोग करके कमियों को छिपाने की कोशिश नहीं चलने वाली है। अभी तक बच्चों को दीनी तालीम देने वाले मदरसों में सभी तरह की कागजी कार्रवाई उर्दू भाषा में की जाती रही है। हाजिरी रजिस्टर में बच्चों व शिक्षक-शिक्षिकाओं के साथ ही अन्य स्टाफ के नाम उर्दू में ही दर्ज होते हैं। इसके साथ ही मिड डे मील, खेलकूद समेत तमाम गतिविधियों के लिए पत्राचार भी उर्दू भाषा में ही किए जाते हैं। इससे मदरसे की व्यवस्थाओं आदि पर तो कोई फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन अधिकारियों को सत्यापन करने में कठिनाई का सामना जरूर करना पड़ता था।

अधिकारियों की थी मजबूरी

उर्दू भाषा से अनभिज्ञ अधिकारी रजिस्टर के हिसाब से उपस्थिति की जांच नहीं कर पाते हैं। ऐसे में उन्हें मदरसा शिक्षकों की ही मदद लेनी पड़ती है। वहीं उन्हें हाजिरी रजिस्टर या पत्राचार व दिशा-निर्देशों को पढ़कर सुनाते हैं। ऐसे में जो वह बता देते हैं, वहीं मान लेने की मजबूरी अधिकारियों की रहती थी। ऐसे में अल्पसंख्यक कल्याण आयोग के सदस्य भी समय समय पर मदरसों में उर्दू के साथ-साथ हिंदी या अंग्रेजी के प्रयोग पर जोर देते रहे हैं। इस संबंध में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी भी दिशा निर्देश जारी करते रहे, लेकिन मदरसों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। अब इस मामले को गंभीरता से लिया गया है। इस संबंध में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अमित प्रताप सिंह आदेश जारी कर दिया है। उनका कहना है कि इस संबंध में अब प्राचार्य को जिम्मेदार बनाया गया है। अगर अब भी इस पर अमल नहीं हुआ तो प्राचार्य पर कार्रवाई की जाएगी।

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