ये था आयोजन का मकसद यह अनूठी भक्ति पूरित संगीतमयी प्रस्तुतियां लाखों रुपये के पुरस्कार पाने के लिए नहीँ, वरन अपनी गुरु मां के प्रति अनन्य भक्ति व सच्ची श्रद्धा व्यक्त करने के लिए दी गईं। गुरु मां, जो पूज्य गुरुवर विद्यासागर की “पूर्णकृति” के रूप में यहां लोगों को अपना स्नेह और आशीष प्रदान कर रही हैं। आयोजकों का कहना है कि ये उनके प्रति अगाध स्नेह, श्रद्धा औऱ समर्पण की प्रस्तुतियां हैं। अत्यंत मोहक व शानदार प्रस्तुतियों के पीछे प्रतिभागियों ने निश्चित ही अनुशासित होकर कठिन परिश्रम, समर्पण और निष्ठा से तैयारी की होगी। इसमें झांसी, अजमेर, दाहोद, सनावद, इंदौर, गंजबासौदा, आगरा, खुरई और दिल्ली समेत अनेक नगरों के भक्तों ने अपनी पूरी क्षमता लगाई होगी। इसमें शारीरिक ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण अंतर्चेतना की शक्ति व संकल्पना लगाकर तैयारी की होगी। इसमें हर वह संदेश देने की कोशिश की गई, जो पूज्य गुरुवर के आदर्श संदेश हैं। इसमें इंडिया नहीं भारत, स्वदेशी अपनाओ, हथकरघा उत्पाद, प्रतिभा स्थली, गौशाला-गौ संरक्षण और मातृ भाषा हिंदी जैसे विषयों को उठाया गया। इनके जरिए यहां आचार्य श्री के प्रति अपनी सम्यक श्रद्धा का मोहक प्रदर्शन किया गया।
ये लोग रहे उपस्थित यहां करगुवां जैन तीर्थ में इस अनूठे आयोजन का कराने वाले आयोजकों में दिलीप पहाड़िया, नवीन जैन, विपुल बांझल, सोनू, संजय पत्रकार समेत अनेक लोग शामिल रहे। इस शानदार आयोजन को मूर्त रूप देकर पुण्यार्जन करने वाले अमिताभ-राखी ‘संयम कलेक्शन जबलपुर’ रहे। वहीं, पूरे कार्यक्रम को शानदार मोतियों की माला की तरह पिरोने वाली कुशल मंच संचालिका ऋतु दीदी रहीं। यहां इतना शानदार कार्यक्रम आयोजित कराने के लिए संजय जैन कर्नल ने सभी आयोजकों की प्रशंसा और उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की।