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स्वास्थ्य विभाग में आंकड़ों की सेहत खराब, अब उठाया गया ये कदम

locationझांसीPublished: Aug 29, 2018 09:40:11 pm

Submitted by:

BK Gupta

स्वास्थ्य विभाग में आंकड़ों की सेहत खराब, अब उठाया गया ये कदम

data entry training in health department jhansi

स्वास्थ्य विभाग में आंकड़ों की सेहत खराब, अब उठाया गया ये कदम

झांसी। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के अंतर्गत डा. सुशील प्रकाश, मुख्य चिकित्साधिकारी की अध्यक्षता में हेल्थ एंड मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस), मदर एंड चाइल्ड ट्रेकिंग सिस्टम (एमसीटीएस) व यूपीएचएमआईएस हेतु तीन दिवसीय प्रशिक्षण और समीक्षा बैठक का यहां समापन हुआ। इस प्रशिक्षण में सभी आठ ब्लॉकों से प्रभारी चिकित्साधीक्षक, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबन्धक, ब्लॉक कम्यूनिटी प्रोसेस प्रबन्धक व एमसीटीसी ओपेरेटर को प्रशिक्षण दिया गया। इसके साथ ही मुख्य चिकित्साधिकारी, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा॰ एनके जैन तथा जिला कार्यक्रम प्रबन्धक ऋषिराज सिंह द्वारा सभी को नियत समय पर प्रमाणित डाटा अपलोड करने और भेजने के निर्देश दिये गए।
ये तीन थे उद्देश्य
जिला कार्यक्रम प्रबंधक ऋषिराज सिंह ने बताया कि इस प्रशिक्षण व समीक्षा बैठक का पहला उद्देश्य रैंकिंग समीक्षा के लिए सभी ब्लॉक चिकित्साधिकारियों को प्रशिक्षित करना था, ताकि इसकी एक कार्ययोजना बनाई जा सके। दूसरा उद्देश्य डाटा में आ रही कमी के लिए रणनीति तैयार करना, कार्ययोजना बनाना और उसका विश्लेषण करना है। इसका तीसरा उद्देश्य जिला स्तर की रैंकिंग प्रदेश के सापेक्ष व ब्लॉक स्तर की रैंकिंग जिला स्तर के सापेक्ष रैंकिंग निर्धारित करना और रैंकिंग के आधार पर प्राप्त हुये कारणों और कमियों का पता लगाना, रणनीति तैयार करना तथा कार्ययोजना बनाकर उसका विश्लेषण करना है।
काम ज्यादा, आंकड़ों का लेखाजोखा कम
इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण में अलग-अलग बिन्दुओं जैसे मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य व परिवार नियोजन पर विस्तार से समीक्षा व चर्चा की गयी। इस दौरान एमसीटीएस पोर्टल की समीक्षा के अनुसार पिछले साल की तुलना में अभी तक किसी भी ब्लॉक के एमसीटीएस कार्ड में अकाउंट नंबर नहीं चढ़े है। प्रसव के सापेक्ष बच्चों के पंजीकरण बहुत कम हो रहे हैं। वहीं खासकर चिरगांव और मोंठ में जुलाई 2018 तक क्रमशः 1135 प्रसव के सापेक्ष 413 बच्चों और 1365 प्रसव के सापेक्ष 565 बच्चों के ही पंजीकरण हुये हैं। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं की चारों प्रसव पूर्व जांच में बड़ागांव, चिरगांव, मऊरानीपुर और मोंठ में सबसे कम प्रतिशतता रही है। इसके अलावा सभी ब्लॉक चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिये गए कि उच्च जोखिम गर्भवस्था (एचआरपी) महिलाओं का प्रसव सिर्फ मेडिकल कॉलेज और जिला चिकित्सालय में किया जाए। इसके अलावा पोर्टल पर मऊरानीपुर और बंगरा में एचआरपी महिलाओं के प्रसव की स्थिति काफी हद तक बेहतर देखी गयी, पिछले वर्ष मऊरानीपुर में 177 और बंगरा में 99 संस्थागत प्रसव हुये हैं जो कि सभी ब्लॉक की तुलना में काफी बेहतर स्थिति रही।
ये है सीएमओ का कहना
मुख्य चिकित्साधिकारी ने डा सुशील प्रकाश ने बताया कि इन सभी पोर्टल के माध्यम से मैनुअल डाटा अपलोड करने वाली प्रक्रिया को धीरे-धीरे समाप्त कर पूरी डाटा अपलोडिंग प्रक्रिया को ऑनलाइन किए जाने के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण और समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन डाटा के आधार पर जिला की रैंकिंग प्रदेश में और ब्लॉक की रैंकिंग जिले में तय की जा सकेगी। इसके अलावा उन्होंने इस पूरी ऑनलाइन व्यवस्था पर ज़ोर देने की बात कही ताकि प्रत्येक स्तर पर एक निश्चित व्यक्ति की ज़िम्मेदारी तय की जा सके।
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