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स्वास्थ्य विभाग में गड़बड़झाला, सामने आई आंकड़ों की बाजीगरी

locationझांसीPublished: Jul 01, 2017 07:56:00 am

Submitted by:

Hariom Dwivedi

जिला स्वास्थ्य समिति शासी निकाय की बैठक में सामने आया कि स्वास्थ्य विभाग में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है…

District health committee governing body reviews

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झांसी. स्वास्थ्य विभाग में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। यह बात यहां जिला स्वास्थ्य समिति शासी निकाय की बैठक में सामने आई। इसमें आंकड़ों की बाजीगरी उजागर होने पर जिलाधिकारी ने खासी नाराजगी जताई। इसके साथ ही भविष्य में इस तरह की गलती दोबारा नहीं होने की चेतावनी दी। 

यूनिसेफ प्रतिनिधि ने पेश किए गलत आंकड़े
इस दौरान यूनीसेफ प्रतिनिधि द्वारा एचवीएनसी कार्यक्रम का प्रजेन्टेशन प्रस्तुत किया गया। इसमें आकड़ों की अनुपलब्धता व गलत आकड़े प्रस्तुत करने पर जिलाधिकारी ने चेतावनी दी। इसके साथ ही भविष्य में होने वाली बैठक में सही आकड़े प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।

धनराशि है, लेकिन व्यय केवल 8 फीसदी
बैठक में अध्यक्ष के रूप में जिलाधिकारी कर्ण सिंह चौहान ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत वित्तीय प्रगति की समीक्षा की। इसमें आरसीएच प्रोग्राम के अंतर्गत कुल 8 प्रतिशत व्यय पर उन्होंने अप्रसन्नता व्यक्त की। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने कमिटेड में रक्षित धनराशि के कुल 4 प्रतिशत व्यय पर रोष व्यक्त करते हुये व्यय बढ़ाने के निर्देश दिये।

ऐसा है जननी सुरक्षा कार्यक्रम का हाल
जननी सुरक्षा कार्यक्रम के अन्तर्गत जनपद में विगत वर्ष के सापेक्ष 12 प्रतिशत प्रसवों की गिरावट दर्ज की गयी। इसमें ब्लॉक बबीना व बंगरा में अत्यधिक 44 व 37 गिरावट दर्ज की गयी। इस पर जिलाधिकारी ने कारण स्पष्ट करते हुये सुधारात्मक प्रगति करने के निर्देश दिये।

मातृ मृत्यु कम से करने के निर्देश
बैठक में जिलाधिकारी मातृ-मृत्यु समीक्षा में 11 महिलाओं हुई मातृ-मृत्यु की जानकारी लेते हुये कारण सहित स्पष्ट करने को कहा। इसके साथ ही ब्लॉकवार मातृ-मृत्यु एवं कारण की सूचना देने और जनपद में मातृ-मृत्यु को कम से कम करने हेतु उपाय किये जाने के सम्बन्ध में निर्देश दिये।

गर्भवती महिलाओं के कम पंजीकरण पर जताया रोष
इस मौके पर जिलाधिकारी ने एमसीटीएस पोर्टल पर गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के कम पंजीकरण पर रोष व्यक्त किया। इसमें माह मई तक कुल 11049 के सापेक्ष कुल 5145 महिलाओं का पंजीकरण किया गया। इसमें सबसे कम पंजीकरण शहरी क्षेत्र में हुआ। इस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद में शहरी क्षेत्र के अरबन पी0एच0सी0 पर डेटा इन्ट्री आपरेटर की नियुक्ति न होने के कारण शहरी क्षेत्र का पंजीकरण नहीं हो पा रहा है। इस पर जिलाधिकारी ने अन्य कार्यक्रम में कार्यरत डेटा इन्ट्री आपरेटर को शहरी क्षेत्र के पंजीकरण हेतु कार्य किये जाने के निर्देश दिये।

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