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Diwali 2018: स्टूडेंट्स और टीचर्स ने लिए ये तीन संकल्प, इस तरह मनाएंगे दीवाली

Diwali 2018: स्टूडेंट्स और टीचर्स ने लिए ये तीन संकल्प, इस तरह मनाएंगे दीवाली

झांसीNov 04, 2018 / 01:52 pm

BK Gupta

Diwali

झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान में आयोजित विचार गोष्ठी में उपस्थित विद्यार्थियों व टीचर्स ने तीन संकल्प लिए। इसमें उन्होंने पर्यावरण मित्र दीपावली मनाने और पटाखे नहीं छुड़ाने का संकल्प लिया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी संकल्प लिया कि जरूरत के सामान भी स्थानीय दुकानदारों से खरीदेंगे।
पर्यावरण का सुरक्षित रखने की चुनौती
जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान के पूर्व प्रमुख डा. सी.पी. पैन्यूली ने कहा कि हमें त्योहारों के समय इस बात का पूरा ख्याल रखना चाहिए कि समाज का प्रत्येक व्यक्ति आनंद का अहसास करें। आज पर्यावरण को सुरक्षित रखने की चुनौती भी हमारे सामने उपस्थित है। लगातार बढ़ती जनसंख्या और बाजारवाद की बढ़ती प्रतिस्पर्धाओं ने पर्यावरण के समक्ष और गंभीर चुनौतियां पेश कर दी हैं। युवाओं को इन चुनौतियों से निपटने के लिए चैतन्य रहना होगा। डा. पैन्यूली ने यह भी आह्वान किया कि सभी युवा जरूरतमंद लोगों की मदद करें ताकि समाज में खुशियों का विस्तार हो। यदि किसी को खाद्य पदार्थ या कपड़ों की जरूरत है तो उनकी मदद करें।
इस तरह मनाएं त्योहार
संस्थान के समन्वयक डा.कौशल त्रिपाठी ने कहा कि आज त्योहारों पर बाजारवाद अपने विभिन्न हथकंडों से समाज की मनोस्थितियों को प्रभावित करने की पूरी कोशिश करता है। उन्होंने अपील की कि त्योहार के वक्त हमें इस बात का ख्याल रखना होगा कि क्षेत्रीय और स्थानीय लोगों को हमारी खरीददारी की गतिविधियों का लाभ मिले। कोशिश यह होनी चाहिए कि हम जो कुछ प्रयोग में लाने के लिए खरीदें उससे गरीब तबके के लोगों को भी कुछ लाभ हासिल हो सके। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि आज बड़े उद्यमियों की ओर से छेड़े गए व्यापक और आक्रामक वि़ज्ञापन अभियान के चलते छोटे दुकानदारों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि त्योहार इस तरह मनाएं कि समाज के हर तबके को आनंद का अहसास हो।
कुप्रवृत्तियों से दूर रहने का आह्वान
संस्थान के शिक्षक राघवेंद्र दीक्षित ने खील, बताशों और चीनी से निर्मित विविध खाद्य पदार्थों का उल्लेख करते हुए कहा कि कभी इनकी मांग बहुत ज्यादा होती थी लेकिन वर्तमान में बाजार के विभिन्न हथकंडों के कारण छोटे और कुटीर उद्योगों में निर्मित उत्पादों के माल की मांग में गिरावट आ गई है। यह स्थिति खतरनाक हालात पैदा कर रही है। इससे धन का संकेंद्रण एक ही जगह होता जा रहा है। उन्होंने युवाओं से नशे और जुए की कुप्रवृत्तियों से भी दूर रहने का आह्वान किया।
पटाखों से होने वाले नुकसान बताए
इससे पहले संस्थान के शिक्षक उमेश शुक्ल ने युवाओं को पटाखों से पर्यावरण को होने वालों नुकसानों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पटाखों को जलाने से बहुतरफा नुकसान समाज और देश को झेलना पड़ता है। शुक्ल ने विद्यार्थियों का आ्हवान किया कि वे दीपावली पूरे मनोयोग से मनाएं, पर समाज और देश की पारिस्थतिकीय और आर्थिक दशाओं को ध्यान में रखते हुए पटाखे किसी भी दशा में न जलाएं। दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने दीपावाली के त्योहार की खातिर विभिन्न जरूरी सामानों की खरीददारी स्थानीय और क्षेत्रीय दुकानदारों से करने की अपील की। शुक्ल ने विद्यार्थियों से दीपावली के मौके पर खाली स्थानों पर पौधे रोपने और उनकी समुचित देखभाल करने का भी आह्वान किया। इस कार्यक्रम में संस्थान के शिक्षक जय सिंह, अभिषेक कुमार, सतीश साहनी, डा. उमेश कुमार समेत विभिन्न लोग उपस्थित रहे।
 
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