जिलाधिकारी शिवसहाय अवस्थी ने कहा कि अधिकारी पेयजल समस्याग्रस्त गांवों में लगातार भ्रमण करें। जल्द ही समस्या का निस्तारण करें। जो हैंडपंप री-बोर के लिए चिह्नित हो गए हैं, उन्हें जल्द री-बोर कराया जाए। जहां पेयजल आपूर्ति के लिए टैंकर की संख्या को बढ़ाया जाना है, वहां टैंकर की संख्या को बढ़ा लें, परंतु यह सुनिश्चित कर लें कि पेयजल आपूर्ति सुचारू हो। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने वर्ष 2003 में बनी लिधौरा पाइप पेयजल योजना से पानी की आपूर्ति नहीं होने को गंभीरता से लिया। उन्होंने इस लाइन के क्षतिग्रस्त होने के लिए जिम्मेदार ठेकेदार, जेई, एई और अधीशासी अभियंता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। इसके साथ इस परियोजना को हैंडओवर लेने वाले ग्राम प्रधान के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराने को कहा गया। उन्होंने एक सप्ताह के अंदर ही एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि किसी भी स्थिति में पेयजल संबंधी परेशानी लोगों को नहीं होनी चाहिए। इसके लिए प्रमुखता के आधार पर सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। हैंडपंपों को समस्याग्रस्त क्षेत्रों की वरीयता के आधार पर व्यवस्थित किया जाए।
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ये लोग रहे उपस्थितइस बैठक में मुख्य विकास अधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे, डी एफ ओ डा. एम के शुक्ला, ए डी एम नगेंद्र शर्मा, डी डी ओ उग्रसेन सिंह, डीसी मनरेगा आर के लोधी सहित सभी एसडीएम व विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।