scriptफिर से घर-घर चलेगा सर्च अभियान, इनकी रहेगी तलाश | door to door survey for tb patient in jhansi | Patrika News

फिर से घर-घर चलेगा सर्च अभियान, इनकी रहेगी तलाश

locationझांसीPublished: Feb 22, 2018 11:29:47 pm

Submitted by:

BK Gupta

फिर से घर-घर चलेगा सर्च अभियान, इनकी रहेगी तलाश

door to door survey for tb patient in jhansi

फिर से घर-घर चलेगा सर्च अभियान, इनकी रहेगी तलाश

झांसी। सरकार द्वारा चलाए गए अभियान के पहले चरण में महज 14 दिनों में ही झांसी जिले में टीबी (क्षय रोग) के 85 मरीज मिले हैं। अचानक टीबी मरीजों की संख्या बढ़ जाने से अब दूसरा चरण 24 फरवरी से शुरू किया जाएगा। इस बार भी घर-घर जाकर टीबी के मरीज खोजे जाएंगे। जिला क्षय रोग केंद्र पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए जिला क्षय रोग अधिकारी डा. डीके गर्ग ने यह जानकारी दी।
सन् 2025 तक है खात्मे का लक्ष्य
डा. गर्ग बताया कि 27 मार्च 2016 को प्रधानमंत्री ने भारत में टीबी को हराने का मिशन शुरू किया था और 2017-18 के बजट में 2025 तक टीबी की बीमारी खत्म करने का लक्ष्य रखा गया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने टीबी मुक्त उत्तर प्रदेश का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि पूरे देश में चार चरण में टीबी के मरीजों को खोजने का अभियान चलाया जाना है। पहले चरण में प्रदेश के छह जिलों में अभियान चलाया गया। दूसरे चरण में झांसी सहित 25 जिलों में 26 दिसंबर से नौ जनवरी तक अभियान चला। इस दौरान 2,88,939 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गई। इनमें 2160 संदिग्ध क्षय रोगी पाए गए। बलगम की जांच के बाद 85 में टीबी की पहचान हुई। इनमें विकासखंड बंगरा में 13, बबीना में 11, बड़ागांव में 11, बामौर में नौ, मोंठ में सात, मऊरानीपुर में छह, गुरसरांय में छह एवं चिरगांव में पांच टीबी के मरीज शामिल हैं। इसके अलावा मेडिकल क्षेत्र में सात और महानगर के नगरीय इलाके में नौ मरीज पाए गए।
अब फिर अभियान
अब 24 फरवरी से 10 मार्च तक अगला चरण चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य मुख्यालय से एक टीम यहां आकर तैयारियों का मूल्यांकन करेगी। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन के कंसल्टेंट डा. विशाल अग्रवाल ने बताया कि घर-घर टीबी रोगी खोज अभियान के लिए 115 टीमें बनाई गई हैं। प्रत्येक टीम में तीन सदस्य होंगे। इनमें एक क्षय नियंत्रण कार्यक्रम, एक जनरल हेल्थ कार्यक्रम व एक एनजीओ, आंगनबाड़ी, डॉट प्रोवाइडर या स्वयंसेवी संस्था से होगा। एक टीम दो हजार की आबादी पर काम करेगी और प्रतिदिन प्रात: नौ से अपराह्न दो बजे तक 50 घरों का भ्रमण कर 10 दिन में 500-500 घरों में जाएगी। 45 टीमें शहरी व 70 टीमें ग्रामीण क्षेत्र में काम करेंगी। 23 सुपरवाईजर इन टीमों का पर्यवेक्षण करेंगे। संदिग्ध क्षय रोगी की बलगम जांच कराने पर रोग मिलने की स्थिति में नि:शुल्क उपचार किया जाएगा। टीबी के मरीज को उपचार के दौरान हर माह 500 रुपये दिए जाएंगे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो