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हर बुंदेली की अलग राज्य बनाने की उठी मांग, जनप्रतिनिधियों की चुप्पी कर रही निराश

locationझांसीPublished: Jun 14, 2021 02:32:15 pm

Submitted by:

Neeraj Patel

यूपी के विभाजन को लेकर जताई जा रही आशंका निराधार

Bundelkhand

Every Bundeli’s demand for making a separate state arose

झांसी. यूपी को राज्यों में विभाजित किए जाने की अटकलों के चलते बुंदेलखंड राज्य की मांग तेज हो गई है। दबी जुबान से अलग राज्य की मांग करते आए संगठन अचानक मुखर हो उठे हैं। ज्ञापन देने व दिल्ली तक साइकिल यात्रा जैसे कार्यक्रम भी आयोजित होने लगे हैं। बावजूद इसके बुंदेलखंड के सत्ता में शामिल जनप्रतिनिधियों की चुप्पी बुंदेलियों को निराश कर रही है हालांकि उत्तर प्रदेश सूचना विभाग ने ऐसी अटकलों को भ्रामक बताया है। दरअसल लंबे समय से बुंदेलखंड राज्य बनाए जाने की मांग चली आ रही है। इसमें यूपी व एमपी के करीब 15 जनपदों को मिलाकर राज्य बनाने की बात होती रही है। भाजपा की केंद्रीय मंत्री रहीं उमा भारती के साथ-साथ नरेंद्र मोदी व अमित शाह ने बुंदेलखंड राज्य बनाने का वादा किया था।

इसके साथ फिल्मी कलाकार और बुंदेलखंड राज्य गठन को उठाने वाले राजा बुंदेला भी इसकी लड़ाई लड़ते रहे हैं। वहीं तमाम संगठन भी अपनी आवाज बुलंद करते रहे हैं। अब जब उत्तर प्रदेश विभाजन की बात शुरू हो गई है तो यह मांग और भी मुखर हो उठी है। तकरीबन हर बुंदेली अलग राज्य का सपना संजोए हुए है, लेकिन जिस जनता के मतों से यहां के जनप्रतिनिधि बने हैं, वहीं पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए हैं। जनप्रतिनिधियों की यही चुप्पी बुंदेलियों को जहां निराश कर रही है, वहीं उनमें आक्रोश भी पैदा कर रही है। हालांकि काफी पहले एक दो पूर्व जनप्रतिनिधियों ने इसकी आवाज उठाई थी, लेकिन उनकी बात को कोई तवज्जों नहीं दी गई।

सूचना विभाग ने फैक्ट चेक कर दिया यह जवाब

मौजूदा समय में बुन्देल खंड राष्ट्र समिति, बुंदेलखंड मुक्ति मोर्चा, बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा, बुंदेलखंड इंसाफ सेना व बुंदेलखंड किसान यूनियन नए राज्य के गठन की मांग को लेकर मुखर हैं। वहीं उत्तर प्रदेश सूचना विभाग ने वायरल हो रहे इस मैसेज का खंडन किया है। सूचना विभाग ने फैक्ट चेक करते हुए ट्वीट किया है कि उत्तर प्रदेश के बंटवारे की खबर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल है। उत्तर प्रदेश के विभाजन को लेकर जताई जा रही आशंका निराधार है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भ्रामक खबरों का प्रसार करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।

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