रोज की तरह उस दिन भी आपसी कलह दोनों के बीच नोंक-झोंक हुई थी। गुस्साए अरविंद ने पत्नी को मारा-पीटा और हरप्रतीत और चार वर्ष की सुखप्रीत को घर में बंधक बना दिया। हैवान पति ने आव देखा न ताव, जिस पत्नी को जान से ज्यादा प्यार करने के दावे करता था उसे और मासूम सुखप्रीत को घर में कैद कर खुद रफूचक्कर हो गया। मां-बेटी भूख और डर से तड़पती रहीं। पड़ोसियों की सूचना पर पुलिस ने घर का ताला खुलावाया तो दोनों मरणासन्न हालत में थीं।
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पुलिस ने उन्हें मुक्त कराकर पानी पिलाया और बाहर से खाना मंगवाया। खाना देखते ही दोनों मां-बेटी उस पर ऐसे टूट पड़ीं जैसे दोनों वर्षों से भूखी थीं। दर्द को भूलकर वह खाने पर टूट पड़ीं, मानो एक ही झटके में सारा खाना खा डालेंगी। दोनों पागलों की तरह खा रही थीं। इस दृश्य को जिसने भी देखा उसकी आंखें नम हो गईं। बताया गया कि सुखप्रीत का पिता अरविंद उसे चार दिन पहले घर में बंधक बनाकर और मकान में बाहर से ताला लगाकर चला गया था। इन चार दिनों तक मां-बेटी भूख-प्यास से बिलखते रहे, लेकिन उन्हें कहीं से मदद नहीं मिली। अब थाना सीपरी की पुलिस अमानवीय पति को शिद्दत से तलाश कर रही है, जिसने दोनों को घर में बंधक बनाकर मरने के लिए छोड़ दिया था।