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इस क्षेत्र में हैं युवाओं के लिए रोजगार की अपार संभावनाएं, शुरू हुए नए प्रशिक्षण कार्यक्रम

locationझांसीPublished: May 06, 2019 09:46:21 am

Submitted by:

Neeraj Patel

अमेरिका में पर्यटन क्षेत्र की प्रतिष्टित कम्पनी एबरक्रोम्बी-एन-कैण्ट के उपाध्यक्ष डा.अमित शर्मा ने कहा कि पर्यटन का व्यवसाय सम्पूर्ण विश्व में सर्वाधिक तेजी से बढ़ने वाला व्यवसाय है।

Immense possibilities of employment for youth in tourist area

इस क्षेत्र में हैं युवाओं के लिए रोजगार की अपार संभावनाएं, शुरू हुए नए प्रशिक्षण कार्यक्रम

झांसी। अमेरिका में पर्यटन क्षेत्र की प्रतिष्टित कम्पनी एबरक्रोम्बी-एन-कैण्ट के उपाध्यक्ष डा.अमित शर्मा ने कहा कि पर्यटन का व्यवसाय सम्पूर्ण विश्व में सर्वाधिक तेजी से बढ़ने वाला व्यवसाय है। युवाओं और विशेष रूप से पर्यटन के क्षेत्र में प्रशिक्षित युवाओं के लिए तो इस क्षेत्र में रोजगार की अपार एवं असीमित सम्भावनाएं हैं। डा.शर्मा यहां बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के पर्यटन एवं होटल प्रबन्धन संस्थान के सभागार में पर्यटन उद्योग में जनशक्ति की आवश्यकता विषय पर आयोजित एक कार्यशाला में संस्थान के एम.बी.ए.(टूरिज्म) तथा बी.बी.ए.(टूरिज्म) अन्तिम वर्ष के छात्र-छात्राओं को सम्बोधित कर रह थे।

पर्यटकों की संख्या में हुई भारी वृद्धि

डा.शर्मा ने कहा कि विगत कुछ वर्षों में विदेशों से भारत में आने वाले सैलानियों के साथ ही अब घरेलू पर्यटकों की संख्या में भी भारी वृद्धि गत वर्षों में हुई है। वल्र्ड ट्रेवल एण्ड टूरिज्म काऊसिंल द्वारा जारी एक रिपोर्ट में इस आशय की संभावनाओं की ओर इशारा किया गया कि आगामी दस वर्षों में पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था में भारत का स्थान विश्व में तीसरा हो जाएगा। डा.शर्मा ने जानकारी दी कि अभी देश में लगभग चार करोड़ लोग टूर एण्ड टूरिज्म इंडस्ट्री के माध्यम से प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष तौर पर आजीविका हासिल कर रहे हैं तथा निकट भविष्य में देश में इस क्षेत्र में लगभग एक करोड़ नये रोजगार का सृजन होने की उम्मीद है। डा.शर्मा ने उपस्थित छात्र-छात्राओं को बताया कि सरकारी पर्यटन विभागों, टूर आपरेटर कंपनियों, होटल इंडस्ट्री की विभिन्न विधाओं से सम्बंधित रोजगार, एयरलाइंस कंपनियों, क्रूज आपरेटर कंपनियों, ट्रेवल एजेंसियों आदि में प्रमुख तौर पर रोजगार प्राप्त किये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि उक्त रोजगारों के अतिरिक्त इंटरप्रेटर(दुभाषिया) तथा पासपोर्ट और वीजा सम्बंधित कार्यकलापों में सहायता करने वाली एजेंसियों में भी काम करने के अवसर मिल सकते हैं। स्वरोजगार के तौर पर भी कई तरह के काम इस क्षेत्र से जुड़कर अत्यंत कम निवेश में शुरू किये जा सकते हैं।

किसी विदेशी भाषा का जानकार होना अतिरिक्त योग्यता

डा.शर्मा ने छात्रों से कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए उनका हिंदी-अंग्रेजी के अलावा किसी विदेशी भाषा का जानकार होना इस प्रोफेशन के लिए अतिरिक्त योग्यता है। इसी प्रकार घरेलू पर्यटन के क्षेत्र में कार्यरत कंपनियों में किसी अन्य भारतीय भाषा का जानकार होने से रोजगार पाने में आसानी होती है। सौम्य और मुस्कान भरा चेहरा, साथ में धैर्यवान तथा संचार कला में माहिर होना भी इस क्षेत्र में रोजगार प्राप्त करने तथा आगे बढ़ने में काफी सहायक सिद्ध हो सकता है। इस अवसर पर उपस्थित छात्र-छात्राओं ने डा.शर्मा से प्रश्न पूछकर अपनी शंकाओं का समाधान किया।

देश का सबसे बड़ा सेवा उद्योग

कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए पर्यटन एवं होटल प्रबन्धन संस्थान के निदेशक प्रो.सुनील काबिया ने आमंत्रित अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन की हिस्सेदारी लगभग 6 प्रतिशत है। देश में युवा वर्ग का एक बड़ा भाग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से पर्यटन क्षेत्र में रोजगार में कार्यरत है। पर्यटन देश का सबसे बड़ा सेवा उद्योग है। इसे पूरे देश में और विशेषकर दूर-दराज के और पिछड़े इलाकों में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन का महत्वपूर्ण साधन माना जाता है।

ये शुरू हुए नए प्रशिक्षण कार्यक्रम

प्रो.काबिया ने कहा कि 18 से 28 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं को पर्यटन के क्षेत्र में विभिन्न किस्म की दक्षताओं से लैस करने के उद्देश्य से पर्यटन मंत्रालय द्वारा स्वरोजगार हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया। इस कार्यक्रम के तहत हाउस कीपिंग, बेकरी, ड्राइविंग, खाद्य उत्पादन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में दो महीने के पाठ्यक्रम चलाये जाते हैं। इनका पूरा खर्चा केन्द्र सरकार उठाती है। इस तरह के कुछ कार्यक्रम संस्थान द्वारा भी संचालित किये गये हैं, जिससे क्षेत्र के युवाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रोजगार प्राप्त किया अथवा पर्यटन से सम्बन्धित स्वरोजगार के माध्यम से अपना व्यवसाय करने लगे हैं।

ये लोग रहे उपस्थित

प्रो. काबिया ने जानकारी दी कि पिछले कुछ वर्षों से बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के पर्यटन एवं होटल प्रबन्धन संस्थान से प्रशिक्षित छात्र-छात्राएं अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय महत्व के पर्यटन संस्थानों में उच्च वेतनमान पर रोजगार प्राप्त करने में सफल हुए हैं। इससे संस्थान एवं विश्वविद्यालय की साख में वृद्धि हुई है। यही कारण है कि संस्थान के विभिन्न पाठयक्रमों में प्रवेशित छात्र-छात्राओं की संख्या में निरन्तर वृद्धि हो रही है। कार्यक्रम के अन्त में डा.जी.के.श्रीनिवासन ने आमंत्रित अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर विभाग के शिक्षकों के अतिरिक्त संजय, हेमन्त, सत्या, विक्रम, दिशा, उन्नति, आदित्य, अरुण, प्रिंस, श्वेता, ख्याति, आदि उपस्थित रहे।

 

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