नौंवे चुनाव में पहली बार लगा था कांग्रेस को झटका
इस सीट पर 1952 से लगातार आठ बार जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस को पहली बार झटका नौंवे चुनाव में लगा था। तब 1989 में यहां से भाजपा के राजेंद्र अग्निहोत्री सांसद चुने गए। इसके बाद नौ साल में चार चुनाव हुए। 1989, 1991, 1996 व 1998 में हुए चुनाव में लगातार चार बार भाजपा के राजेंद्र अग्निहोत्री सांसद चुने गए। फिर 2014 की मोदी लहर में यहां से उमा भारती चुनी गईं।
सपा के पास भी एक बार रही सीट
झांसी सीट से समाजवादी पार्टी के चंद्रपाल सिंह यादव 2004 से 2009 तक सांसद रहे।
झांसी लोकसभा सीट 2014 में-
झांसी लोकसभा सीट से 2014 में यहां से भाजपा की उमा भारती चुनी गई थीं। सपा के चंद्रपाल सिंह दूसरे तो बसपा की अनुराधा शर्मा तीसरे नंबर पर थीं और कांग्रेस के प्रदीप जैन आदित्य चौथे नंबर पर रहे।
जालौन लोकसभा सीट-2104 में जालौन लोकसभा सीट से 2014 में भाजपा के भानु प्रताप सिंह चुने गए थे। इस सीट पर बसपा के बृजलाल खाबरी दूसरे नंबर पर थे। इस बार वह कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में हैं। इस सीट पर सपा के घनश्याम अनुरागी 2014 में तीसरे स्थान पर रहे थे। वहीं कांग्रेस के विजय चौधरी चौथे नंबर पर थे।
बांदा लोकसभा सीट
बांदा लोकसभा सीट से 2014 में भाजपा के भैरों प्रसाद मिश्र सांसद चुने गए थे। इस सीट पर बीएसपी के आरके पटेल दूसरे, सपा के बाल कुमार पटेल तीसरे और कांग्रेस के विवेक कुमार सिंह चौथे नंबर पर थे। इस बार यह सीट सपा के खाते में गई है। यहां से सपा ने बालकुमार पटेल का टिकट काटकर भाजपा के इलाहाबाद के सांसद श्यामचरण गुप्त को टिकट की घोषणा कर दी। इससे सपा के बालकुमार पटेल ने पाला बदलकर कांग्रेस का दामन थाम लिया और कांग्रेस ने उन्हें इस सीट से प्रत्याशी घोषित कर दिया है।
हमीरपुर सीट
इसके अलावा बुंदेलखंड की हमीरपुर सीट पर 2014 में कांग्रेस चौथे स्थान पर रही थी। यहां से भाजपा के कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल सांसद चुने गए थे। यहां से सपा के टिकट पर विशंभर प्रसाद निषाद दूसरे, बीएसपी के टिकट पर राकेश गोस्वामी तीसरे, कांग्रेस के प्रीतम सिंह लोधी चौथे स्थान पर रहे।
इस सीट पर 1952 से लगातार आठ बार जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस को पहली बार झटका नौंवे चुनाव में लगा था। तब 1989 में यहां से भाजपा के राजेंद्र अग्निहोत्री सांसद चुने गए। इसके बाद नौ साल में चार चुनाव हुए। 1989, 1991, 1996 व 1998 में हुए चुनाव में लगातार चार बार भाजपा के राजेंद्र अग्निहोत्री सांसद चुने गए। फिर 2014 की मोदी लहर में यहां से उमा भारती चुनी गईं।
सपा के पास भी एक बार रही सीट
झांसी सीट से समाजवादी पार्टी के चंद्रपाल सिंह यादव 2004 से 2009 तक सांसद रहे।
झांसी लोकसभा सीट 2014 में-
झांसी लोकसभा सीट से 2014 में यहां से भाजपा की उमा भारती चुनी गई थीं। सपा के चंद्रपाल सिंह दूसरे तो बसपा की अनुराधा शर्मा तीसरे नंबर पर थीं और कांग्रेस के प्रदीप जैन आदित्य चौथे नंबर पर रहे।
जालौन लोकसभा सीट-2104 में जालौन लोकसभा सीट से 2014 में भाजपा के भानु प्रताप सिंह चुने गए थे। इस सीट पर बसपा के बृजलाल खाबरी दूसरे नंबर पर थे। इस बार वह कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में हैं। इस सीट पर सपा के घनश्याम अनुरागी 2014 में तीसरे स्थान पर रहे थे। वहीं कांग्रेस के विजय चौधरी चौथे नंबर पर थे।
बांदा लोकसभा सीट
बांदा लोकसभा सीट से 2014 में भाजपा के भैरों प्रसाद मिश्र सांसद चुने गए थे। इस सीट पर बीएसपी के आरके पटेल दूसरे, सपा के बाल कुमार पटेल तीसरे और कांग्रेस के विवेक कुमार सिंह चौथे नंबर पर थे। इस बार यह सीट सपा के खाते में गई है। यहां से सपा ने बालकुमार पटेल का टिकट काटकर भाजपा के इलाहाबाद के सांसद श्यामचरण गुप्त को टिकट की घोषणा कर दी। इससे सपा के बालकुमार पटेल ने पाला बदलकर कांग्रेस का दामन थाम लिया और कांग्रेस ने उन्हें इस सीट से प्रत्याशी घोषित कर दिया है।
हमीरपुर सीट
इसके अलावा बुंदेलखंड की हमीरपुर सीट पर 2014 में कांग्रेस चौथे स्थान पर रही थी। यहां से भाजपा के कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल सांसद चुने गए थे। यहां से सपा के टिकट पर विशंभर प्रसाद निषाद दूसरे, बीएसपी के टिकट पर राकेश गोस्वामी तीसरे, कांग्रेस के प्रीतम सिंह लोधी चौथे स्थान पर रहे।
बुंदेलखंड में कांग्रेस की दुर्दशा ने किया गठबंधन का मजबूर
लोकसभा के 2014 के चुनाव में मोदी लहर में कांग्रेस बुरी तरह से बिखर गई थी। वह बुंदेलखंड की सभी चारों सीटों पर चौथे स्थान पर चली गई थी। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में झांसी सीट से कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य चौथे नंबर पर थे। इसके बाद पार्टी ने उन्हें झांसी नगर निगम की मेयर सीट पर पार्टी प्रत्याशी के रूप में उतारा। इस पर भी वह नगर निगम के मेयर जैसे चुनाव में न तो पार्टी की लाज बचा सके और न ही अपनी। वह बुरी तरह से इस चुनाव में भी पराजित हुए। शायद, पार्टी की ऐसी ही दुर्गति ने कांग्रेस आलाकमान को बुंदेलखंड में जन अधिकार पार्टी जैसे एकदम नए राजनीतिक दल के सामने गठबंधन के लिए घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।
लोकसभा के 2014 के चुनाव में मोदी लहर में कांग्रेस बुरी तरह से बिखर गई थी। वह बुंदेलखंड की सभी चारों सीटों पर चौथे स्थान पर चली गई थी। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में झांसी सीट से कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य चौथे नंबर पर थे। इसके बाद पार्टी ने उन्हें झांसी नगर निगम की मेयर सीट पर पार्टी प्रत्याशी के रूप में उतारा। इस पर भी वह नगर निगम के मेयर जैसे चुनाव में न तो पार्टी की लाज बचा सके और न ही अपनी। वह बुरी तरह से इस चुनाव में भी पराजित हुए। शायद, पार्टी की ऐसी ही दुर्गति ने कांग्रेस आलाकमान को बुंदेलखंड में जन अधिकार पार्टी जैसे एकदम नए राजनीतिक दल के सामने गठबंधन के लिए घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।
सात सीटों पर जन अधिकार मंच पार्टी लड़़ेगी चुनाव
बाबू सिंह कुशवाहा की जन अधिकार मंच पार्टी से लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस का गठबंधन हुआ है। जिसके तहत सात सीटों पर जन अधिकार मंच पार्टी चुनाव लड़ेगी। इसमें से पांच सीटों पर जन अधिकार मंच पार्टी अपने सिंबल पर चुनाव लड़ेगी तो वहीं दो सीटों पर कांग्रेस के सिंबल पर जन अधिकार मंच पार्टी के प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे।
बाबू सिंह कुशवाहा की जन अधिकार मंच पार्टी से लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस का गठबंधन हुआ है। जिसके तहत सात सीटों पर जन अधिकार मंच पार्टी चुनाव लड़ेगी। इसमें से पांच सीटों पर जन अधिकार मंच पार्टी अपने सिंबल पर चुनाव लड़ेगी तो वहीं दो सीटों पर कांग्रेस के सिंबल पर जन अधिकार मंच पार्टी के प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे।