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झांसी

आने वाले समय में देश के वैज्ञानिकों के सामने ये होगी सबसे बड़ी चुनौती, निपटना होगा मुश्किल

2030 तक भारत में वैज्ञानिकों के सामने होगा ये सबसे बड़ा संकट…

झांसीMar 06, 2019 / 08:49 am

नितिन श्रीवास्तव

Indian Scientist facing problem due to population

आने वाले समय में देश के वैज्ञानिकों के सामने ये होगी सबसे बड़ी चुनौती, निपटना होगा मुश्किल

झांसी. पश्चिम बंगाल के विधान चंद्र कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डी.डी. पात्रा ने कहा कि देश की जनसंख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। एक अनुमान के अनुसार 2030 तक भारत की जनसंख्या चीन की जनसंख्या से आगे हो जाएगी। इतनी बड़ी जनसंख्या के पेट भरने के लिए खाद्यान्न पूर्ति हमारे कृषि और वनस्पति वैज्ञानिकों के लिए बहुत बड़ी चुनौती होगी। वह यहां बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय परिसर स्थित गांधी सभागार में माइक्रो बायोलॉजी विभाग द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला ‘हैण्ड्स ऑन ट्रेनिंग इन बेसिक एण्ड अप्लाइड माइक्रो बायोलॅाजी’ में बोल रहे थे।
ऑर्गेनिक खेती की तरफ देना होगा ध्यान

प्रो.पात्रा ने कहा कि नगरीकरण के कारण जमीन निरन्तर कम हो रही है जबकि खेती योग्य भूमि पेस्टिसाइड्स के निरन्तर प्रयोग से प्रदूषित होती जा रही है। इसलिए आज आवश्यकता इस बात की है कि हमें आर्गेनिक खेती की ओर देखना होगा। उन्होंने केरल का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां नारियल की दो पंक्तियों के बीच में एक अन्य फसल उगाई जाती है। इससे किसानों को अतिरिक्त आय प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार का लक्ष्य है कि कृषकों की आय को दोगुना किया जाए। यह तभी सम्भव हो सकता है, जब इसके लिए एक वर्ष में कई फसलों का उत्पादन करने का प्रयास किया जाये।
ये लोग रहे उपस्थित

बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो. वी.के. सहगल ने कहा कि माइक्रो बायोलॉजी का क्षेत्र विज्ञान का एक अति महत्वपूर्ण क्षेत्र है। वहीं संकायाध्यक्ष विज्ञान प्रो. एम.एम.सिंह ने कहा कि यदि कार्यशाला के प्रतिभागी पूरी लगन एवं मेहनत से कार्यशाला में प्रतिभाग करते हैं तो माइक्रोबायोलॉजी के क्षेत्र में यह कार्यशाला मील का पत्थर हो सकती है। इस मौके पर कार्यक्रम की आयोजन सचिव डा. संगीता लाल ने आमंत्रित अतिथियों का स्वागत किया तथा कार्यशाला के रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए इसके उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन पंकज पाण्डेय तथा मनाल सिद्दकी ने किया, जबकि आमंत्रित अतिथियों के प्रति आभार सह आयोजन सचिव डा. संजय कुमार ने व्यक्त किया। इस अवसर पर प्रो. प्रतीक अग्रवाल, डा. रामवीर सिंह, डा. मीनाक्षी सिंह, डा. गजाला रिजवी डा. ऋषि सक्सेना, डा. सूरजपाल सिंह, डा. गौरी खानवलकर, डा. अंकित सक्सेना, डा. सर्वेन्द्र सिंह, डा. अंजू सिंह, डा. सुमिरन श्रीवास्तव, डा. बलबीर सिंह, डा.संदीप आर्य, डा. जोश मैथ्यूज, डा. प्रतिभा आर्य, डा. अतुल सक्सेना, डा. बालेन्दु सिंह, डा. डी.एम.त्रिपाठी, डा. आंजनेय श्रीवास्तव सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के शिक्षक एवं शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।
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