यहां हैं पानी की गुणवत्ता जांचने की सारी व्यवस्थाएं, कोई भी कर सकता है उपयोग
झांसीPublished: Aug 09, 2018 10:08:00 pm
यहां हैं पानी की गुणवत्ता जांचने की सारी व्यवस्थाएं, कोई भी कर सकता है उपयोग
यहां हैं पानी की गुणवत्ता जांचने की सारी व्यवस्थाएं, कोई भी कर सकता है उपयोग
झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलसचिव चन्द्रपाल तिवारी ने आज विभिन्न विभागों का निरीक्षण किया। इस दौरान भूजल परीक्षण प्रयोगशाली के निरीक्षण में बताया गया कि यहां पानी की गुणवत्ता परखने की सारी व्यवस्थाएं हैं। सरकारी और गैरसरकारी संगठन इसका उपयोग पानी की गुणवत्ता परखने में कर सकते हैं।
फार्मेसी का निरीक्षण
सर्वप्रथम कुलसचिव ने फार्मेसी संस्थान में जाकर एम.फार्मा अन्तिम सेमेस्टर के छात्रों तथा उनको निर्धारित लघु शोध प्रबन्ध के निदेशकों से भेंटकर जानकारी ली तथा विश्वविद्यालय के 20 सितंबर 2018 को होने वाले दीक्षान्त समारोह के मद्देनजर सभी परीक्षा कार्य अतिशीघ्र सम्पन्न करवाने के निर्देश दिये जिससे लघु शोध प्रबन्ध की मौखिकी का मूल्यांकन करने के पश्चात परीक्षाफल निकाला जा सके। इस अवसर पर इस अवसर पर फार्मेसी संस्थान के विभागाध्यक्ष डा.एस.के.जैन ने कुलसचिव तिवारी को जानकरी दी कि 14 अगस्त तक सभी विद्यार्थियों द्वारा लघु शोध प्रबन्ध संस्थान में जमा कर दिए जाएंगे तथा 18-19 अगस्त को उनकी लघु शोध प्रबन्ध की मौखिकी के लिए निर्धारित की गई है। उसके तुरन्त पश्चात एम.फार्मा. का परीक्षाफल घोषित करवा दिया जायेगा।
भूजल प्रयोगशाला का निरीक्षण
कुलसचिव ने विश्वविद्यालय परिसर के भू-विज्ञान संस्थान में स्थापित भूजल परीक्षण प्रयोगशाला का भी निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्हें अधिष्ठाता अकादमिक प्रोफेसर एसपी सिंह ने बताया कि इस प्रयोगशाला की स्थापना बुंदेलखंड क्षेत्र में भूजल की गुणवत्ता के परीक्षण हेतु स्थापित किया गया है। प्रो.सिंह ने बताया कि इस प्रयोगशाला में फ्लोराइड, नाइट्राइड, सल्फेट, अमोनिया, भारी खनिज, जल की कठोरता, टर्बीडिटी के अतिरिक्त जल में उपस्थित सोडियम, पोटेशियम के अतिरिक्त पानी में उपस्थित विभिन्न प्रकार के वेक्टीरिया की भी जांच की जाती है। उन्होंने कहा कि इस प्रयोगशाला में बुंदेलखंड क्षेत्र में उपलब्ध भूजल पानी की गुणवत्ता की जांच की जाती है, जिससे कि क्षेत्र के निवासियों को शुद्ध पीने का पानी मिल सके। प्रो.सिंह ने बताया कि वर्तमान में औद्योगीकरण तथा शहरीकरण के कारण बुंदेलखंड क्षेत्र में छोटे बड़े शहरों में जल प्रदूषण काफी उच्च स्तर तक बढ़ गया है जिसके कारण विभिन्न बीमारियों का संक्रमण होने लगा है।
ये भी करा सकते हैं पानी की जांच
प्रो.सिंह ने कहा कि भूजल की गुणवत्ता की जांच हेतु प्रयोगशाला में टी.डी.एस. मीटर, ट्रेसर, क्लोराइड ट्रेसर, मल्टी इलेक्ट्रोड्स, पी.एच. मीटर, टर्बिडिटी मीटर, बी.ओ.डी, डीप फ्रीजर, ए.ए.एस.,स्पेक्ट्रोफोटोमीटर आदि सभी उपकरण उपलब्ध हैं। प्रो. सिंह ने कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र के सभी सरकारी व गैर सरकारी संगठन इस प्रयोगशाला का उपयोग कर पानी की गुणवत्ता की जांच कर सकते हैं। इस अवसर पर डा.ऋषि सक्सेना व रूबल सिंह उपस्थित रहे।