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सपा शासन में बिजली विभाग में हुए 50 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले की जांच शुरू, प्राथमिक जांच में सामने आया यह

locationझांसीPublished: May 28, 2021 08:25:21 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के शासन के दौरान साल 2012-13 में झांसी के बिजली विभाग (Electricity Department) में हुए 50 करोड़ रुपए के घोटाले (Scam) की जांच आज आठ साल बाद शुरू हो गई है।

Scam

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झांसी। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के शासन के दौरान साल 2012-13 में झांसी के बिजली विभाग (Electricity Department) में हुए 50 करोड़ रुपए के घोटाले (Scam) की जांच आज आठ साल बाद शुरू हो गई है। बिजली विभाग के अफसरों व कर्मचारियों ने उपकरणों के क्रय के नाम पर 50 करोड़ रुपए की राशि का बंदरबाट किया था। इसमें कुछ अफसरों पर गाज भी गिरी थी। इस वर्ष 21 मई को मामले में शासन ने एफआईआर दर्ज की थी। अब टीम गठन कर के जांच शुरू हो गई है। कानपुर की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) मामले की जांच में जुट गई है।
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गैर जरूरी उपकरण का हुआ था क्रय-

बताया जा रहा है कि कई वरिष्ठ अफसरों ने ऐसे उपकरणों के क्रय के आदेश दे दिए थे, जो विभाग के लिए बिल्कुल ही गैर जरूरी थे। इससे विभाग को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। बाद में जांच में बिजली विभाग के 6 कर्मियों को निलंबित किया गया था व 22 कर्मचारियों की संलिप्तता मिली थी। ईओडब्ल्यू के एसपी बाबूराम का कहना है कि मुख्य अभियंता (वितरण) झांसी क्षेत्र और अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण मंडल झांसी ने 50 करोड़ रुपए के फर्जी क्रय आदेश जारी करके रकम हड़प ली थी। शासन ने जांच रिपोर्ट के साथ-साथ मासिक प्रगति रिपोर्ट भी देने का आदेश दिया है। गठित टीम घोटाले की जांच में जुट गई है।
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क्रय आदेश का रिकॉर्ड गायब-

प्राथमिक जांच में पता चला है कि बिजली विभाग के बड़े अफसरों व माल सप्लाई करने वाली कंपनियों और कर्मचारियों ने एक साथ मिलकर पूरा घोटाला किया है। अफसरों ने कमीशनखोरी के चक्कर में गैरजरूरी उपकरण दोगुना से भी अधिक कीमत पर खरीदे गए थे। वर्ष 2012 से 2013 के बीच 56.43 करोड़ रुपए के विभाग ने उपकरण खरीदे थे। जांच के पता चला कि इनमें 45.20 करोड़ के क्रय आदेश का मंडल कार्यालय में रिकार्ड ही गायब है।
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